🏆 11+ Years Experience ⭐ 750+ 5 Star Google Reviews 🎯 6000+ IVF Success 🏅 India's Most Trusted Healthcare Awards 🌍 Internationally Trained Expert 🏆 Asia's Greatest Brand & Leader Awards 🏅 Patient’s Recommended Doctor by Vinsfertility Awards 💳 EMI Option Available
शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने में कितना समय लगता है | निषेचन प्रक्रिया | गर्भधारण का सही समय

शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने में कितना समय लगता है | निषेचन प्रक्रिया | गर्भधारण का सही समय

Gynecologist & IVF Specialist, Vinsfertility Hospital 18+ Years Experience • 1,000+ Successful Live Births

जब बात प्रेगनेंसी की आती है, तो सबसे ज़रूरी चीजों में से एक है—शुक्राणु का अंडाणु तक सुरक्षित और समय पर पहुंचना। लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि यह प्रक्रिया कितनी जल्दी होती है, इसमें किन कारकों का असर होता है, और कैसे फर्टिलिटी को बेहतर किया जा सकता है। अगर आप गर्भधारण की प्लानिंग कर रहे हैं या स्पर्म हेल्थ को लेकर चिंतित हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी होगा।

अगर संबंध बनाने के बाद गर्भधारण नहीं हो रहा है, तो इसकी एक वजह शुक्राणुओं की संख्या या उनकी गति हो सकती है। कभी-कभी शुक्राणु अंडाणु तक समय पर नहीं पहुंच पाते, जिससे फर्टिलाइजेशन में दिक्कत होती है। ऐसे मामलों में IVF जैसी तकनीकें फायदेमंद साबित होती हैं। आप IVF की लागत दिल्ली और IVF कॉस्ट रांची में जानकर सही इलाज की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।


शुक्राणु को अंडे तक पहुँचने में कितना समय लगता है?

प्राकृतिक गर्भधारण की प्रक्रिया में, जब पुरुष का स्पर्म महिला की योनि में स्खलित (Ejaculation ) होता है, तो शुक्राणु सबसे पहले महिला की योनिगुहा (vagina) और गर्भाशय ग्रीवा (cervix) से होकर फैलोपियन ट्यूब ( fallopian tubes) तक पहुँचते हैं, जहां fertilisation होती है।

  • समय: शुक्राणु को अंडाणु तक पहुंचने में 30 मिनट से 6 घंटे तक लग सकते हैं।

  • तेज़ स्पर्म: कुछ स्वस्थ और तेज़ शुक्राणु 30 मिनट में पहुंच सकते हैं।

  • धीमे या कमजोर स्पर्म: उन्हें पहुंचने में अधिक समय लग सकता है या वे रास्ते में ही नष्ट हो सकते हैं।

 

शुक्राणु यात्रा: Ejaculation से लेकर Fertilization तक का सफर (2025 गाइड)

1. प्रारंभिक प्रवेश: जब यात्रा शुरू होती है

  • जब संभोग होता है और वीर्य स्खलन (ejaculation) होता है, तब लगभग 200 से 300 मिलियन शुक्राणु योनि में प्रवेश करते हैं।

  • उनमें से कुछ ही मिनटों में (लगभग 15 से 45 मिनट में) सबसे तेज शुक्राणु गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब तक पहुँच सकते हैं।
     

2.  सर्वाइकल म्यूकस की भूमिका: Cervical Grade और Transport

  • ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्जन) के समय महिला की सर्वाइकल म्यूकस पतली और चिपचिपी होती है, जिससे शुक्राणुओं का गर्भाशय में पहुँचना आसान होता है।

  • कुछ शुक्राणु इस म्यूकस में फँस कर 3 से 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं और ओव्यूलेशन होने पर अंडाणु को fertilize कर सकते हैं।
     

3. Capacitation: शुक्राणु का एक्टिव बनना

  • फैलोपियन ट्यूब में पहुँचने के बाद शुक्राणु एक जैविक प्रक्रिया से गुजरते हैं जिसे capacitation कहते हैं।

  • इस प्रक्रिया में शुक्राणु के सिर की झिल्ली बदलती है जिससे वह अंडे को भेदने लायक बनता है।

  • इसमें करीब 6–10 घंटे लग सकते हैं।
     

4. अंतिम चरण: अंडाणु तक पहुँचना और निषेचन

  • Capacitation के बाद, शुक्राणु egg की ओर बढ़ते हैं और उसे पहचानकर संपर्क करते हैं।

  • लाखों शुक्राणु egg तक पहुँचने की कोशिश करते हैं, लेकिन सिर्फ एक ही उसे सफलतापूर्वक fertilize करता है।

  • यह निषेचन सामान्यतः ओव्यूलेशन के 12–24 घंटे के भीतर हो जाता है।

शुक्राणु को अंडे तक पहुँचने में कितना समय लगता है
 

शुक्राणु की जीवन अवधि और फर्टाइल विंडो (Fertile Window)

1. कितने समय तक शुक्राणु जीवित रहते हैं?

  • शुक्राणु महिला प्रजनन मार्ग में 3–5 दिन तक, लेकिन कुछ अध्ययन 7 दिन तक भी जीवित रहने की संभावना जताते हैं

2. Fertile Window कब होती है?

  • गर्भधारण की संभावना सबसे ज़्यादा ओव्यूलेशन से 5 दिन पहले और ओव्यूलेशन वाले दिन होती है। इसी अवधि को फर्टाइल विंडो कहा जाता है।

  • अंडाणु (egg) ovulation के बाद सिर्फ 12 से 24 घंटे तक ही fertilize हो सकता है।
     

शारीरिक बाधाएँ: शुक्राणुओं की चुनौतियाँ

शुक्राणु को अंडाणु (egg) तक पहुँचने के लिए कई जैविक और शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
70-90% शुक्राणु महिला शरीर में पहुँचते ही मर जाते हैं, क्योंकि

  • उनकी आकार (morphology) सही नहीं होती

  • गति (motility) पर्याप्त नहीं होती

  • या वे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा नष्ट हो जाते हैं

  • कई शुक्राणु फैलोपियन ट्यूब तक पहुँच ही नहीं पाते और बीच रास्ते में ही अटक जाते हैं

इसका मतलब यह है कि लाखों में से केवल कुछ सौ शुक्राणु ही अंडे के पास तक पहुँचने में सफल होते हैं।
 

Hyperactivation और Acrosome Reaction

जब शुक्राणु अंडाणु के नज़दीक पहुँचते हैं, तब वे एक खास प्रक्रिया से गुजरते हैं जिसे Hyperactivation कहा जाता है। इस दौरान शुक्राणु की पूंछ (tail) बहुत तेज़ और लहराती गति से हिलने लगती है, जिससे उसे अंडे की बाहरी परत (zona pellucida) तक पहुँचने में मदद मिलती है।

इसके बाद Acrosome Reaction होती है, इस प्रक्रिया में शुक्राणु के सिर से एंजाइम निकलते हैं, जो अंडे की सुरक्षा परत को तोड़ते हैं। जब यह परत टूट जाती है, तभी शुक्राणु अंडाणु के भीतर प्रवेश कर पाता है और fertilization (निषेचन) की प्रक्रिया पूरी होती है।
 

शुक्राणु की यात्रा की पूरी Timeline: एक नज़र में

चरण

समयावधि (अनुमानित)

Ejaculation से फॉलोपियन ट्यूब तक पहुँचना

लगभग 15–45 मिनट

Capacitation प्रक्रिया

लगभग 6–10 घंटे

अंतिम यात्रा (अंडे तक पहुँचना)

लगभग 1 घंटा

Fertilization (निषेचन) तक कुल समय

करीब 7–11 घंटे, कुछ मामलों में 1–2 दिन

शुक्राणु की जीवन अवधि

सामान्यतः 3–5 दिन, कुछ मामलों में 7 दिन तक

Fertile Window (फर्टाइल विंडो)

ओव्यूलेशन से 5 दिन पहले से लेकर 1 दिन बाद तक

अंडे की जीवन अवधि

12–24 घंटे ओव्यूलेशन के बाद

 

क्यों जानना ये टाइमलाइन ज़रूरी है?

  • जानना कि शुक्राणु कितनी जल्दी पहुँचता है और कितने दिन तक जीवित रहता है, दंपत्तियों को उपयुक्त समय पर संभोग योजना बनाने में मदद करता है।

  • यदि प्राकृतिक गर्भधारण संभव न हो, तो सही fertility window पर ध्यान देकर IVF या IUI के लिए बेहतर तैयारी हो सकती है
     

किन बातों पर निर्भर करता है यह समय?

  1. शुक्राणु की गति (Motility): जितना तेज़ स्पर्म हिलेगा, उतनी जल्दी वह अंडाणु तक पहुंचेगा।

  2. सर्वाइकल म्यूकस की गुणवत्ता: ओवुलेशन के समय यह म्यूकस पतला और स्पर्म के लिए अनुकूल होता है।

  3. महिला की ओवुलेशन टाइमिंग: अगर अंडा पहले से मौजूद है, तो स्पर्म का काम आसान हो जाता है।

  4. शुक्राणु की संख्या और स्वास्थ्य: स्वस्थ और अधिक स्पर्म अंडाणु तक पहुंचने की संभावना बढ़ाते हैं।

किन बातों पर निर्भर करता है यह समय
 

क्या सभी शुक्राणु अंडे तक पहुंचते हैं?

नहीं, एक बार में पुरुष के वीर्य में 15 से 200 मिलियन शुक्राणु हो सकते हैं, लेकिन:

  • केवल 200 से 500 शुक्राणु ही फैलोपियन ट्यूब तक पहुंच पाते हैं।

  • और केवल एक शुक्राणु ही अंडाणु को निषेचित करता है।
     

स्पर्म अंडाणु तक कितनी देर ज़िंदा रहता है?

  • महिला के शरीर में स्पर्म 3 से 5 दिन तक जीवित रह सकता है।

  • लेकिन अंडा केवल 12 से 24 घंटे तक ही जीवित रहता है।

इसलिए गर्भधारण की संभावना तब बढ़ जाती है जब सेक्स ओवुलेशन से 1-2 दिन पहले या उसी दिन किया जाए।
 

शुक्राणु का अंडाणु से मिलना: Fertilization कब होता है?

  • यदि महिला ने हाल ही में ओवुलेशन किया है, तो शुक्राणु अंडाणु से मिलकर 1 से 12 घंटे के भीतर fertilization कर सकते हैं।

  • कभी-कभी यह प्रक्रिया तीन दिन तक भी हो सकती है, अगर अंडाणु ovulate होने वाला हो और शुक्राणु पहले से ही महिला के शरीर में हो।
     

क्या सेक्स के तुरंत बाद गर्भधारण हो सकता है?

हां, यदि सेक्स ओवुलेशन के आसपास हुआ है (जैसे कि 11वां से 16वां दिन, यदि पीरियड 28 दिन का है), तो गर्भधारण की संभावना काफी अधिक होती है। शुक्राणु शरीर में 5 दिन तक जीवित रह सकता है, और अंडाणु 24 घंटे तक।
 

निषेचन (fertilization) के लक्षण दिखाई देते हैं?

सामान्यतः निषेचन का कोई तुरंत लक्षण नहीं होता, लेकिन कुछ महिलाओं को हल्का पेट दर्द या spotting (हल्का खून आना) महसूस हो सकता है, जिसे implantation bleeding कहा जाता है। यह निषेचन के 6-10 दिन बाद होता है।

अगर आप लम्बे समय से प्रयास कर रहे हैं लेकिन गर्भधारण नहीं हो रहा, तो IVF या सरोगेसी जैसे विकल्प मददगार हो सकते हैं। भारत में सरोगेसी की लागत और बैंगलोर में सरोगेसी के खर्च की जानकारी लेना आपके लिए सही दिशा में पहला कदम हो सकता है।

स्पर्म को तेज़ी से अंडाणु तक पहुंचाने के लिए सुझाव

  1. संतुलित और हेल्दी डाइट लें- अपने भोजन में ज़िंक, फोलिक एसिड, विटामिन C और D से भरपूर चीजें शामिल करें, जैसे पालक, मेवे, ताजे फल और हरी सब्ज़ियाँ। ये पोषक तत्व शुक्राणु की गुणवत्ता और गति दोनों बढ़ाने में मदद करते हैं।

  2. अल्कोहल और धूम्रपान से बचें- शराब और स्मोकिंग से शरीर में विषाक्त पदार्थ बढ़ते हैं, जो शुक्राणुओं की संख्या और उनकी गति को नुकसान पहुंचाते हैं।

  3. तनाव कम करें और नियमित व्यायाम करें- तनाव हार्मोन को बढ़ाकर स्पर्म काउंट घटा सकता है। योग, प्राणायाम और हल्का व्यायाम टेस्टोस्टेरोन स्तर को बेहतर बनाते हैं।

  4. टाइट अंडरवियर पहनने से बचें- टाइट अंडरवियर स्क्रोटम (अंडकोष) का तापमान बढ़ाता है, जिससे स्पर्म प्रोडक्शन कम हो सकता है। इसलिए आरामदायक और सूती अंडरवियर पहनें।
     

विश्वसनीय सरकारी और संस्थागत स्रोत

  • National ART & Surrogacy Portal – ART और सरोगेसी से जुड़ी आधिकारिक भारत सरकार की जानकारी।

  • ICMR – Male Infertility Guidelines – पुरुष बांझपन के लिए परीक्षण और उपचार के मानक दिशानिर्देश।

  • WHO – Infertility Fact Sheet – Infertility के कारण और इलाज पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की विश्वसनीय जानकारी।


निष्कर्ष: शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने में कितना समय लगता है?

सामान्यतः, शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने में केवल 15 से 45 मिनट का समय लग सकता है — लेकिन गर्भधारण की सफलता सिर्फ गति पर नहीं, सही समय (ओवुलेशन), स्पर्म की गुणवत्ता, और आपके स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है।
अगर आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रहे हैं, तो ओवुलेशन से 1-2 दिन पहले और उस दिन संबंध बनाना सबसे असरदार माना जाता है। साथ ही, तनाव कम रखें, पौष्टिक आहार लें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।
 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. कैसे पता चलेगा कि स्पर्म ने अंडे में प्रवेश किया है?
इसके कोई बाहरी लक्षण नहीं होते। लेकिन अगर निषेचन सफल हुआ है, तो 6-12 दिन बाद इम्प्लांटेशन (गर्भ ठहरना) हो सकता है, जिससे हल्का ब्लीडिंग या पेट में ऐंठन महसूस हो सकती है। पक्का पता लगाने के लिए कुछ दिनों बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करें।

Q2. कितने समय तक स्पर्म को अंदर रहना चाहिए प्रेग्नेंसी के लिए?
स्पर्म सेक्स के तुरंत बाद सर्विक्स (गर्भाशय द्वार) में चले जाते हैं। इसलिए सेक्स के बाद 10–15 मिनट तक लेटे रहना बेहतर माना जाता है, ताकि स्पर्म को ऊपर चढ़ने में मदद मिले।

Q3. अंडा फटने (ovulation) के बाद कितने दिन तक प्रेगनेंट होने की कोशिश कर सकते हैं?
ओवुलेशन के बाद अंडा केवल 12–24 घंटे तक जीवित रहता है। इस दौरान अगर स्पर्म पहुँच जाए, तो प्रेग्नेंसी की संभावना सबसे अधिक होती है।

Q4. क्या होगा अगर स्पर्म और अंडाणु मिल जाएँ?
अगर स्पर्म और अंडा सही समय पर मिलते हैं, तो निषेचन (Fertilization) होता है और नया जीवन बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। फिर ये निषेचित अंडा गर्भाशय में जाकर इम्प्लांट होता है, जिससे प्रेग्नेंसी होती है।

Q6. ओवुलेशन से पहले या बाद में सेक्स करना बेहतर है?
 ओवुलेशन से 1-2 दिन पहले सेक्स करना सबसे सही समय होता है।

Q7. क्या आयुर्वेदिक उपायों से स्पर्म की क्वालिटी सुधर सकती है?
 हां, अश्वगंधा, शिलाजीत, गोक्षुर जैसे आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ मददगार हो सकती हैं।

Portrait of Dr. Sunita Singh Rathour, Gynecologist and Fertility Expert

Gynecologist & IVF Specialist | 18+ Years Experience | 1,000+ Successful Live Births

Welcome to Dr. Sunita Singh Rathour — your destination for advanced surrogacy and reproductive healthcare. Based on the 5th Floor of Ayushman Hospital, Sector 10 Dwarka, New Delhi, our center boasts an impressive 80% success rate in fertility treatments.

  • ✅ End-to-end surrogacy programs
  • ✅ Fertility assessments and personalized consultations
  • ✅ Complete legal support for surrogacy agreements

We are committed to making your surrogacy journey smooth, supported, and stress-free.

New Notification!
👨‍⚕️