सीमेन एनालिसिस टेस्ट | स्पर्म काउंट जांच | फर्टिलिटी बढ़ाने के उपाय
जब कोई पति-पत्नी लंबे समय तक प्रयास करने के बावजूद संतान प्राप्त नहीं कर पाते हैं, तो यह चिंता का कारण बन सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर महिला और पुरुष दोनों की जांच करवाने की सलाह देते हैं। पुरुषों की ओर से होने वाली समस्याओं की पहचान के लिए सबसे पहली और जरूरी जांच होती है — सीमेन एनालिसिस टेस्ट। यह एक सरल और सुरक्षित जांच है जिससे यह पता चलता है कि पुरुष के शुक्राणु स्पर्म गर्भधारण के लिए सक्षम हैं या नहीं। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे का इलाज या सलाह तय की जाती है।
सीमेन एनालिसिस टेस्ट क्या होता है?
सीमेन एनालिसिस एक आसान लैब टेस्ट है जिसमें पुरुष के वीर्य (सीमेन) की जांच की जाती है। इसमें देखा जाता है कि सीमेन में स्पर्म की संख्या कितनी है, वे कितनी अच्छी तरह से हिलते हैं, उनका आकार कैसा है और वे कितने स्वस्थ हैं।
यह टेस्ट विशेष रूप से तब कराया जाता है जब:
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प्रेग्नेंसी में देर हो रही हो,
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IVF या IUI जैसी प्रक्रिया शुरू करनी हो,
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वैसक्टॉमी के बाद स्पर्म की जांच करनी हो।
यदि आप सीमेन एनालिसिस, आईवीएफ, आईयूआई या सरोगेसी जैसे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से संबंधित किसी भी जानकारी या सहायता की तलाश कर रहे हैं, तो Vinsfertility आपकी पूरी सहायता के लिए तैयार है। यहां अनुभवी डॉक्टर, अत्याधुनिक तकनीक और पेशेंट-सेंट्रिक अप्रोच के साथ हर कपल को संतान सुख पाने में मदद की जाती है।
सीमेन एनालिसिस टेस्ट की कीमत कितनी होती है?
भारत में सीमेन एनालिसिस टेस्ट की कीमत आमतौर पर ₹300 से ₹1500 के बीच होती है। कीमत लैब की सुविधाओं, शहर और जांच के स्तर पर निर्भर करती है। यदि टेस्ट में डीएनए फ्रैगमेंटेशन या एडवांस स्पर्म एनालिसिस शामिल है, तो लागत थोड़ी अधिक हो सकती है। यह पुरुषों की फर्टिलिटी जांच के लिए एक जरूरी और किफायती टेस्ट है।सीमेन टेस्ट कैसे किया जाता है?
सीमेन एनालिसिस टेस्ट एक आसान और सुरक्षित प्रक्रिया है। इस टेस्ट के दौरान निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है:
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सेक्सुअल एब्स्टिनेंस: टेस्ट से पहले 2 से 5 दिन तक यौन संबंध नहीं बनाने की सलाह दी जाती है ताकि सीमेन सैंपल की मात्रा और गुणवत्ता सही रहे। इस दौरान धूम्रपान, शराब और अत्यधिक कैफीन से भी बचना ज़रूरी होता है।
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सैंपल कलेक्शन: पुरुष को हस्तमैथुन के माध्यम से सीमेन का सैंपल एक साफ और स्टरलाइज्ड कंटेनर में देना होता है। यह सैंपल अधिकतर क्लिनिक में बने प्राइवेट कलेक्शन रूम में लिया जाता है। यदि घर से सैंपल लाया जा रहा हो, तो उसे 30–60 मिनट के अंदर लैब में पहुंचाना चाहिए और शरीर के तापमान पर रखना चाहिए।
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नमूना परीक्षण: सीमेन सैंपल को प्रयोगशाला में भेजा जाता है जहां कई विशेषताओं की जांच की जाती है, जैसे:
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शुक्राणु की संख्या (Sperm Count)
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गतिशीलता (Motility)
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आकार और संरचना (Morphology)
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सीमेन की मात्रा, रंग, गाढ़ापन और pH स्तर
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रिपोर्ट: टेस्ट की रिपोर्ट आमतौर पर 24 से 48 घंटे में तैयार हो जाती है। डॉक्टर इस रिपोर्ट की व्याख्या करते हैं और यदि कोई असामान्यता होती है तो आगे के इलाज या जांच की सलाह देते हैं।
सीमेन एनालिसिस की नॉर्मल रिपोर्ट कैसी होती है?
सीमेन एनालिसिस रिपोर्ट से यह पता चलता है कि पुरुष की फर्टिलिटी सामान्य स्तर पर है या नहीं। WHO Semen Analysis Guidelines 2021 , वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने 2021 में कुछ मानक तय किए हैं जिनकी मदद से सीमेन की गुणवत्ता की जांच की जाती है। इन्हीं मानकों के आधार पर डॉक्टर यह समझते हैं कि स्पर्म प्रेग्नेंसी के लिए ठीक हैं या नहीं।
जांच बिंदु | सामान्य मान |
सीमेन की मात्रा | ≥ 1.5 मिलीलीटर |
शुक्राणु की गिनती | ≥ 15 मिलियन/मिलीलीटर |
गतिशीलता (Motility) | ≥ 40% |
सामान्य आकार (Morphology) | ≥ 4% |
तरलता समय | 20 - 60 मिनट |
pH स्तर | 7.2 - 8.0 |
सीमेन क्वालिटी को प्रभावित करने वाले कारण
सीमेन की गुणवत्ता को कई आंतरिक और बाहरी कारण प्रभावित करते हैं:
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अस्वस्थ जीवनशैली: धूम्रपान, शराब और अत्यधिक कैफीन लेने से स्पर्म की संख्या और गतिशीलता में कमी आ सकती है। यदि आपकी स्पर्म काउंट कम है, तो इन आदतों को तुरंत सुधारना चाहिए।
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तनाव और नींद की कमी: मानसिक तनाव हार्मोन असंतुलन का कारण बनता है जिससे स्पर्म क्वालिटी प्रभावित होती है।
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अत्यधिक गर्मी का प्रभाव: गोद में लैपटॉप रखना या टाइट कपड़े पहनना अंडकोष के तापमान को बढ़ा देता है जो सीमेन प्रोडक्शन को नुकसान पहुंचा सकता है।
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बीमारियाँ और दवाइयाँ: डायबिटीज, वैरिकोसील और थायरॉइड जैसी बीमारियाँ, साथ ही स्टेरॉइड्स या कीमोथेरेपी जैसी दवाएं भी सीमेन पर असर डालती हैं।
सीमेन क्वालिटी कैसे सुधारें?
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पौष्टिक आहार लें: ज़िंक, विटामिन C, D, E और ओमेगा-3 से भरपूर चीजें जैसे मेवे, फल और सब्ज़ियाँ खाने से स्पर्म हेल्थ बेहतर होती है। यदि आप घरेलू उपाय अपनाना चाहते हैं, तो वीर्य बढ़ाने के घरेलू उपाय भी सहायक हो सकते हैं।
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नियमित व्यायाम और योग करें: ये न सिर्फ शरीर को फिट रखते हैं बल्कि हार्मोन को भी बैलेंस में रखते हैं।
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तनाव कम करें और नींद पूरी लें: मानसिक शांति स्पर्म क्वालिटी के लिए ज़रूरी है।
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नशे से दूरी बनाए रखें: शराब और सिगरेट का सेवन सीमेन क्वालिटी को सबसे अधिक प्रभावित करता है।
सीमेन एनालिसिस कब करवाना चाहिए?
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अगर एक साल से अधिक समय से गर्भधारण नहीं हो रहा।
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वैसक्टॉमी के बाद स्पर्म की जांच करनी हो।
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IVF या IUI जैसे उपचार शुरू करने से पहले।
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अंडकोष में सूजन या चोट होने पर।
यदि सीमेन रिपोर्ट में कमी पाई जाती है, तो डॉक्टर आपको IVF प्रक्रिया की सलाह दे सकते हैं। वहीं अगर स्पर्म बन ही नहीं रहे, तो स्पर्म डोनर की सहायता से भी पेरेंट बनने की संभावना बनी रहती है।
निष्कर्ष
सीमेन एनालिसिस टेस्ट पुरुषों की प्रजनन क्षमता जांचने का एक सरल और प्रभावी तरीका है। यह रिपोर्ट बताती है कि स्पर्म की गुणवत्ता गर्भधारण के लिए उपयुक्त है या नहीं। यदि रिपोर्ट में कोई कमी हो, तो लाइफस्टाइल सुधार और समय पर इलाज से स्थिति बेहतर की जा सकती है। साथ ही महिला की फर्टिलिटी जांच भी आवश्यक है ताकि दोनों पक्षों की पूरी जानकारी मिल सके।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: सीमेन एनालिसिस टेस्ट क्या है?
उत्तर: सीमेन एनालिसिस एक लैब टेस्ट है जिसमें पुरुष के सीमेन (वीर्य) की जांच की जाती है। यह टेस्ट स्पर्म की संख्या, गति (motility), आकार (morphology), और क्वालिटी को मापता है ताकि यह समझा जा सके कि पुरुष गर्भधारण में सक्षम है या नहीं।
Q2: सीमेन एनालिसिस टेस्ट कब करवाना चाहिए?
उत्तर: यदि कोई दंपति एक साल से अधिक समय से गर्भधारण की कोशिश कर रहा है और सफलता नहीं मिल रही, तो पुरुष को सीमेन एनालिसिस टेस्ट करवाना चाहिए। IVF या IUI से पहले, वैसक्टॉमी के बाद, या टेस्टिकल्स में कोई समस्या होने पर भी यह जांच करवाई जाती है।
Q3: सीमेन एनालिसिस की रिपोर्ट कितने समय में मिलती है?
उत्तर: आमतौर पर सीमेन एनालिसिस की रिपोर्ट 24 से 48 घंटे के अंदर मिल जाती है। रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर आपको उचित सलाह या इलाज देते हैं।
Q4: IVF के लिए सीमेन एनालिसिस जरूरी क्यों है?
उत्तर: IVF प्रक्रिया शुरू करने से पहले यह जानना ज़रूरी होता है कि पुरुष के स्पर्म गर्भधारण के लिए सक्षम हैं या नहीं। सीमेन एनालिसिस इसी उद्देश्य से किया जाता है।
Q5: अगर स्पर्म नहीं बनते हों तो क्या करें?
उत्तर: यदि स्पर्म नहीं बनते हैं या बहुत कम होते हैं, तो डॉक्टर स्पर्म डोनर की सलाह दे सकते हैं। स्पर्म डोनर की मदद से भी पेरेंट बनना संभव होता है।