🏆 11+ Years Experience ⭐ 750+ 5 Star Google Reviews 🎯 6000+ IVF Success 🏅 India's Most Trusted Healthcare Awards 🌍 Internationally Trained Expert 🏆 Asia's Greatest Brand & Leader Awards 🏅 Patient’s Recommended Doctor by Vinsfertility Awards 💳 EMI Option Available
Miscarriage kaise hota hai | कारण, और लक्षण | मिसकैरेज से बचने के उपाय

Miscarriage kaise hota hai | कारण, और लक्षण | मिसकैरेज से बचने के उपाय

Gynecologist & IVF Specialist, Vinsfertility Hospital 18+ Years Experience • 1,000+ Successful Live Births

हर महिला का सपना होता है कि वह मां बने और अपने बच्चे को गोद में ले। लेकिन कई बार गर्भधारण के दौरान ऐसी स्थिति आ जाती है, जब यह सफर अधूरा रह जाता है — और महिला को गर्भपात यानी मिसकैरेज का सामना करना पड़ता है। अक्सर महिलाएं और उनके परिवार यह समझ नहीं पाते कि miscarriage kaise hota hai, इसके पीछे की वजहें क्या हैं, और इसे समय रहते कैसे पहचाना और रोका जा सकता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि miscarriage kaise hota hai, इसके लक्षण, कारण, प्रकार और इससे बचने के उपाय क्या हैं — वह भी आसान और स्पष्ट भाषा में ताकि हर कोई इसे समझ सके।

 

मिसकैरेज क्यों होता है?

Miscarriage kaise hota hai और क्यों होता है, यह जानना हर उस महिला और परिवार के लिए जरूरी है जो गर्भधारण की योजना बना रहे हैं या इस तरह की किसी स्थिति का सामना कर चुके हैं। गर्भपात (मिसकैरेज) कई कारणों से हो सकता है, और इनमें से सभी कारण किसी महिला के नियंत्रण में नहीं होते।

 

मिसकैरेज के प्रमुख कारण

1. शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया
अगर भ्रूण पूरी तरह से स्वस्थ नहीं होता या उसमें कोई गंभीर असामान्यता होती है, तो शरीर खुद उसे बाहर निकाल देता है। यह शरीर का प्राकृतिक तरीका होता है, ताकि मां और बच्चे को भविष्य में कोई गंभीर खतरा न हो।

2. क्रोमोसोम की गड़बड़ी
भ्रूण के विकास में जीन की अहम भूमिका होती है। कभी-कभी भ्रूण में क्रोमोसोम संबंधी गड़बड़ी हो जाती है जिससे उसका विकास रुक जाता है। यह गर्भपात का एक आम कारण है और यह पूरी तरह से अनियंत्रित होता है।

3. हार्मोन असंतुलन
गर्भावस्था को बनाए रखने के लिए कुछ विशेष हार्मोन जैसे प्रोजेस्ट्रोन और hCG जरूरी होते हैं। अगर ये हार्मोन सही मात्रा में न बनें या असंतुलित हों, तो गर्भ टिक नहीं पाता और मिसकैरेज हो सकता है।

4. महिला की पुरानी बीमारियाँ
डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर, थायरॉयड, किडनी या लिवर से जुड़ी बीमारियाँ यदि नियंत्रित न हों, तो यह भ्रूण के विकास में रुकावट डाल सकती हैं और मिसकैरेज की संभावना बढ़ा सकती हैं।

5. संक्रमण
गर्भावस्था के दौरान होने वाले संक्रमण जैसे रूबेला, साइटोमेगालो वायरस, यूरिन इन्फेक्शन या यौन रोग (STD) भ्रूण को नुकसान पहुँचा सकते हैं और गर्भपात का कारण बन सकते हैं।

6. गर्भाशय की असामान्य बनावट
कुछ महिलाओं के गर्भाशय की बनावट जन्म से ही अलग होती है या उनमें फाइब्रॉइड्स, पॉलीप्स या एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसी स्थितियों में भ्रूण को उचित जगह या पोषण नहीं मिल पाता, जिससे गर्भपात हो सकता है।

7. अनुचित जीवनशैली
धूम्रपान, शराब का सेवन, अत्यधिक कैफीन, थकान, नींद की कमी और मानसिक तनाव जैसी आदतें शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा करती हैं। यह भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकती हैं और मिसकैरेज की संभावना को बढ़ा देती हैं।

 


 

 

अगर आपको गर्भधारण या महिला प्रजनन से जुड़ी किसी भी जानकारी की आवश्यकता हो, तो Vinsfertility से संपर्क करें। यहां विशेषज्ञ डॉक्टर आपकी हर जरूरत को समझते हैं और समाधान देते हैं।

 

मिसकैरेज के लक्षण क्या होते हैं?

हर महिला की गर्भावस्था अलग होती है, इसलिए मिसकैरेज के लक्षण भी एक जैसी नहीं होते। फिर भी कुछ आम संकेत ऐसे हैं, जिन्हें समय रहते पहचानना बहुत जरूरी होता है। नीचे ऐसे ही लक्षणों को संक्षिप्त लेकिन स्पष्ट रूप में बताया गया है:

1. योनि से रक्तस्राव (Vaginal Bleeding)
गर्भावस्था के दौरान हल्का स्पॉटिंग सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर लगातार खून आने लगे, रंग गहरा हो (लाल या भूरा) और उसमें थक्के (clots) भी हों, तो यह मिसकैरेज का प्रमुख संकेत माना जाता है। यदि खून के साथ पेट दर्द भी हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

2. पेट या पीठ में मरोड़ और तेज़ दर्द
गर्भ के शुरुआती हफ्तों में हल्का दर्द सामान्य है, लेकिन अगर निचले पेट या पीठ में तेज़ मरोड़, दबाव या खिंचाव लगातार बना रहे और बढ़ता जाए, तो यह गर्भपात का लक्षण हो सकता है।

3. गर्भावस्था के लक्षणों का अचानक कम हो जाना
अगर पहले जो लक्षण थे – जैसे उल्टी, स्तनों में भारीपन, थकान आदि – वे अचानक कम हो जाएं या पूरी तरह गायब हो जाएं, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि भ्रूण का विकास रुक गया है।

4. असामान्य डिस्चार्ज
अगर योनि से बदबूदार, गाढ़ा, पीला या हरा डिस्चार्ज हो या पानी जैसा तरल बार-बार निकल रहा हो, तो यह संक्रमण या भ्रूण थैली फटने का संकेत हो सकता है, जो गर्भपात का कारण बन सकता है।

5. थकावट, कमजोरी और चक्कर आना
यदि अचानक अत्यधिक थकान, कमजोरी, चक्कर या बेहोशी जैसा महसूस हो, खासकर जब खून का बहाव अधिक हो रहा हो, तो यह खून की कमी (anemia) या शरीर की प्रतिक्रिया हो सकती है, जो गंभीर स्थिति का संकेत है।

 

मिसकैरेज के प्रकार 

प्रकार

विवरण

Threatened Miscarriage

रक्तस्राव होता है लेकिन गर्भ बना रह सकता है।

Inevitable Miscarriage

गर्भपात निश्चित होता है और भ्रूण बाहर आ जाता है।

Incomplete Miscarriage

कुछ हिस्सा बाहर आता है, कुछ अंदर रह जाता है।

Complete Miscarriage

पूरा भ्रूण बाहर आ जाता है, गर्भाशय खाली हो जाता है।

Missed Miscarriage

भ्रूण मर जाता है लेकिन बाहर नहीं आता और लक्षण नहीं दिखते।

 

मिसकैरेज से बचने के उपाय

गर्भधारण से पहले पूरा हेल्थ चेकअप कराएं और डॉक्टर की सलाह से फोलिक एसिड की गोलियाँ लें। धूम्रपान, शराब और तनाव से दूरी बनाए रखें, और योग-ध्यान को दिनचर्या में शामिल करें। शरीर को पर्याप्त नींद और आराम देना बहुत जरूरी है। अगर कोई पुरानी बीमारी हो जैसे डायबिटीज़ या थायरॉयड, तो उसे पहले से कंट्रोल में रखें। संतुलित और पोषणयुक्त आहार लें, जिससे गर्भ में शिशु का सही विकास हो सके।
National Health Mission (NHM)
एनएचएम के तहत महिलाओं को निशुल्क गर्भवती जांच, पोषण, दवाएं और अस्पताल में प्रसव की सुविधा मिलती है। यह योजना गर्भवती महिलाओं को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में सहायक है।

 

निष्कर्ष

मिसकैरेज एक दुखद अनुभव हो सकता है, लेकिन सही जानकारी और समय पर सावधानी से इससे बचा जा सकता है। गर्भधारण से पहले स्वास्थ्य जांच, संतुलित जीवनशैली और डॉक्टर की नियमित सलाह लेना बेहद जरूरी है। किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें और तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।

 

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. मिसकैरेज कैसे होता है?

उत्तर: मिसकैरेज तब होता है जब गर्भ में पल रहा भ्रूण किसी कारणवश पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता या शरीर उसे स्वीकार नहीं कर पाता। यह हार्मोनल असंतुलन, क्रोमोसोम की गड़बड़ी, संक्रमण, या महिला की जीवनशैली और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकता है।
 

2. गर्भपात के शुरूआती लक्षण क्या होते हैं?

उत्तर: शुरुआती लक्षणों में योनि से रक्तस्राव, पेट या पीठ में मरोड़, गर्भावस्था के लक्षणों में अचानक कमी, बदबूदार डिस्चार्ज, और थकावट या चक्कर आना शामिल हैं। ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
 

3. मिसकैरेज से बचने के लिए क्या सावधानी रखें?

उत्तर: गर्भधारण से पहले हेल्थ चेकअप करवाएं, फोलिक एसिड लें, धूम्रपान और शराब से बचें, तनाव कम करें, पर्याप्त नींद लें, और यदि कोई पुरानी बीमारी हो तो उसे नियंत्रित रखें। संतुलित आहार और नियमित योग-व्यायाम भी फायदेमंद है।
 

4.क्या एक बार miscarriage होने के बाद दोबारा pregnancy possible है?

उत्तर: हाँ, एक बार मिसकैरेज होने के बाद भी महिला फिर से स्वस्थ गर्भधारण कर सकती है। ज़रूरी है कि डॉक्टर की सलाह से सही जांच और इलाज करवाएं और अगली बार गर्भधारण से पहले पूरी तैयारी करें।
 

5. मिसकैरेज के बाद शरीर को रिकवर होने में कितना समय लगता है?

उत्तर: यह महिला के शरीर और गर्भावस्था की स्थिति पर निर्भर करता है। आमतौर पर 2 से 4 हफ्ते में शारीरिक रिकवरी हो जाती है, लेकिन मानसिक और भावनात्मक रिकवरी में थोड़ा अधिक समय लग सकता है।
 

6. बार-बार मिसकैरेज क्यों होता है?

उत्तर: बार-बार गर्भपात (Recurrent Miscarriage) हार्मोनल गड़बड़ी, गर्भाशय की बनावट की समस्या, क्रोमोसोम दोष, या इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी के कारण हो सकता है। इसकी पूरी जांच डॉक्टर द्वारा करवाना जरूरी होता है।

Portrait of Dr. Sunita Singh Rathour, Gynecologist and Fertility Expert

Gynecologist & IVF Specialist | 18+ Years Experience | 1,000+ Successful Live Births

Welcome to Dr. Sunita Singh Rathour — your destination for advanced surrogacy and reproductive healthcare. Based on the 5th Floor of Ayushman Hospital, Sector 10 Dwarka, New Delhi, our center boasts an impressive 80% success rate in fertility treatments.

  • ✅ End-to-end surrogacy programs
  • ✅ Fertility assessments and personalized consultations
  • ✅ Complete legal support for surrogacy agreements

We are committed to making your surrogacy journey smooth, supported, and stress-free.

New Notification!