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पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है | फायदे और नुकसान | प्रेग्नेंसी की संभावना
पीरियड यानी माहवारी महिलाओं के शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है। इस दौरान कई कपल्स के मन में सवाल आता है – क्या पीरियड के समय सेक्स करना ठीक है? या फिर पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है? इस विषय को लेकर समाज में कई मिथक और शर्म जुड़ी होती है, लेकिन सच्चाई जानना बहुत जरूरी है, खासकर तब जब आप स्वस्थ यौन जीवन जीना चाहते हैं।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि पीरियड में सेक्स करने के फायदे, नुकसान और क्या सावधानियां रखनी चाहिए।
पीरियड में सेक्स करना सुरक्षित है या नहीं?
जी हां, मेडिकल रूप से देखा जाए तो पीरियड के दौरान सेक्स करना सुरक्षित होता है, बशर्ते कि दोनों पार्टनर की आपसी सहमति हो और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए।
हालांकि कुछ महिलाओं को इस दौरान पेट दर्द, कमजोरी या मूड स्विंग्स होते हैं, तो ऐसे में आराम करना ज्यादा बेहतर हो सकता है।
आज के समय में, जहां सेक्स और पीरियड जैसे विषयों पर खुलकर बात करना जरूरी है, वहीं IVF, IUI और सरोगेसी जैसी आधुनिक चिकित्सा तकनीकें भी उन महिलाओं की मदद कर रही हैं जो प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं। अगर आपको लगता है कि आपको मेडिकल मदद की जरूरत है, तो भारत में IVF और सरोगेसी की प्रक्रिया, लागत और वैधता से जुड़ी पूरी जानकारी जरूर पढ़ें — ताकि आप सही निर्णय ले सकें। साथ ही जानें बैंगलोर में IVF और सरोगेसी की पूरी प्रक्रिया व लागत के बारे में — जहां अनुभवी डॉक्टरों और आधुनिक तकनीकों के साथ सुरक्षित और किफायती इलाज संभव है।
पीरियड में संबंध बनाने के फायदे
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माहवारी दर्द में राहत मिलती है- इस समय संबंध बनाने से शरीर में एक तरह का हार्मोन निकलता है जो दर्द को कम करता है। यह हार्मोन शरीर को आराम देता है और पेट या कमर के दर्द में राहत मिल सकती है।
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मन और मूड बेहतर होता है- पीरियड के दौरान कई बार मन उदास या चिड़चिड़ा हो जाता है। ऐसे में प्यार और साथ मिलने से मन हल्का होता है और तनाव भी कम होता है।
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ब्लड बाहर निकलने में मदद मिलती है- संबंध बनाने के बाद गर्भाशय की गति थोड़ी तेज हो जाती है, जिससे खून साफ और जल्दी बाहर निकलता है। इससे शरीर को सफाई में मदद मिलती है और पीरियड जल्दी खत्म हो सकता है।
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आपसी रिश्ता मजबूत होता है- अगर इस समय पुरुष साथी समझदारी और सहारा देता है, तो महिला भावनात्मक रूप से और जुड़ाव महसूस करती है। इससे दोनों के बीच का रिश्ता और भी गहरा हो जाता है।
पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान
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संक्रमण का खतरा- पीरियड के समय गर्भाशय का मुंह थोड़ा खुला रहता है। ऐसे में बाहर के कीटाणु या गंदगी अंदर जा सकती है, जिससे योनि या गर्भाशय में संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है।
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खून के कारण असहजता- इस समय संबंध बनाते समय खून का बहाव जारी रहता है, जिससे कुछ लोगों को गंदगी या असहजता महसूस हो सकती है। इससे बचने के लिए पहले से गहरे रंग की चादर या तौलिया बिछा लेना ठीक रहता है।
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गर्भ ठहरने की संभावना- कई लोग मानते हैं कि पीरियड में गर्भ नहीं ठहरता, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। यदि महिला का ओवुलेशन जल्दी हो जाए, तो पीरियड के समय भी गर्भ ठहर सकता है।
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कमजोरी या थकावट- यदि महिला पहले से ही शरीर में खून की कमी (हीमोग्लोबिन कम) से जूझ रही है, तो इस समय अतिरिक्त खून बहने से उसे चक्कर आना, थकावट या शरीर ढीला पड़ना जैसी दिक्कत हो सकती है।
पीरियड में सेक्स के बाद क्या करें?
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साफ-सफाई बहुत जरूरी है- इस समय महिला का शरीर ज्यादा नाज़ुक होता है और इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए सेक्स से पहले और बाद में दोनों को अपने हाथ और प्राइवेट पार्ट साफ करने चाहिए। इससे किसी भी बैक्टीरिया से बचा जा सकता है।
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कंडोम ज़रूर इस्तेमाल करें- यह प्रेग्नेंसी से बचाने के साथ-साथ किसी भी तरह के यौन रोग या इंफेक्शन से भी सुरक्षा देता है। कई लोग सोचते हैं कि पीरियड में प्रेग्नेंसी नहीं हो सकती, लेकिन ऐसा ज़रूरी नहीं है, इसलिए सावधानी जरूरी है।
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महिला की इच्छा सबसे जरूरी है- अगर महिला को दर्द हो रहा है या वह असहज महसूस कर रही है, तो सेक्स के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए। इस समय शरीर और मूड में बदलाव होता है, इसलिए दोनों की सहमति होना बहुत ज़रूरी है।
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साफ चादर या टॉवल पास में रखें- इससे ब्लड के दाग लगने की चिंता नहीं रहेगी और बाद में साफ-सफाई भी आसान होगी। सेक्स के बाद साफ कपड़े पहनना भी अच्छा रहता है ताकि शरीर को आराम मिल सके।
पीरियड में संबंध बनाने से प्रेग्नेंट हो सकते हैं
हाँ, प्रेग्नेंसी की संभावना कम जरूर होती है, लेकिन पूरी तरह से मुमकिन है। कुछ महिलाओं का ओवुलेशन (अंडोत्सर्ग) अपेक्षाकृत जल्दी हो सकता है, और पुरुष के शुक्राणु शरीर में 3 से 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं। ऐसे में अगर पीरियड के आखिरी दिनों में संबंध बनाए जाते हैं, और कुछ दिनों बाद ओवुलेशन होता है, तो गर्भधारण की संभावना बन सकती है। इसलिए यदि आप गर्भधारण से बचना चाहती हैं, तो पीरियड के दौरान भी सुरक्षा (जैसे कंडोम) का इस्तेमाल करना जरूरी है।
पीरियड के समय सेक्स के लिए आरामदायक पोजिशन
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साइड लेटकर (स्पूनिंग स्थिति)- इस पोजिशन में दोनों पार्टनर एक दिशा में करवट लेकर लेटते हैं। यह सबसे आरामदायक स्थिति मानी जाती है क्योंकि इसमें शरीर पर ज़्यादा दबाव नहीं पड़ता और महिला को दर्द या थकान कम महसूस होती है।
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महिला नीचे, पुरुष ऊपर (मिशनरी स्थिति)- यह एक सामान्य स्थिति है, लेकिन इसमें पुरुष को बहुत धीमे और सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए। तेज़ धक्के या गहराई से बचना जरूरी है क्योंकि पीरियड के समय शरीर अधिक संवेदनशील होता है।
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महिला ऊपर की स्थिति- इसमें महिला को गति और गहराई पर नियंत्रण रहता है। अगर वह किसी भी समय असहज महसूस करे, तो आसानी से रुक सकती है। यह स्थिति तभी अपनाएं जब महिला सहज और सक्रिय महसूस करे।
निष्कर्ष
पीरियड में सेक्स करना एक पूरी तरह निजी निर्णय है, जिसे मजबूरी नहीं, बल्कि आपसी सहमति और समझदारी से लिया जाना चाहिए। अगर दोनों पार्टनर तैयार हों और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाए, तो यह अनुभव न केवल सुरक्षित हो सकता है, बल्कि रिश्ते को और भी गहरा बना सकता है।
इस दौरान महिला का शरीर अधिक संवेदनशील होता है, इसलिए ज़रूरी है कि साथी उसे पूरी तरह समझे, उसका साथ दे और उसकी भावनाओं का सम्मान करे। प्यार तब और खूबसूरत होता है जब उसमें देखभाल, धैर्य और आपसी समझ शामिल हो। अगर कोई परेशानी हो, बार-बार संक्रमण हो या कोई सवाल मन में हो, तो डॉक्टर से सलाह लेने में संकोच न करें।
Source:
https://www.pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1945842
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2001822
FAQs
1. पीरियड में रोमांस करने से क्या होता है?
पीरियड के दौरान रोमांस करने से भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है और महिला को दर्द व तनाव से राहत मिल सकती है, बशर्ते दोनों सहज हों और साफ-सफाई का ध्यान रखा जाए।
2. पीरियड के कितने दिन बाद पति से संबंध बनाना चाहिए?
यदि कोई मेडिकल समस्या न हो तो पीरियड खत्म होने के बाद जब महिला शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार हो, तब संबंध बनाना ठीक होता है — आमतौर पर 4 से 5 दिन बाद।
3. रोज शारीरिक संबंध बनाने से क्या होता है?
रोज़ संबंध बनाने से संबंधों में नज़दीकी और आत्मीयता बढ़ सकती है, लेकिन अगर थकावट या असहजता हो तो शरीर को आराम देना भी जरूरी है।
4. प्रेग्नेंट होने के लिए पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए?
प्रेग्नेंट होने के लिए पीरियड के 10वें से 16वें दिन के बीच, यानी ओव्यूलेशन के समय, संबंध बनाना सबसे उचित होता है।
5. गर्भ कब नहीं ठहरता है?
जब ओव्यूलेशन न हो या अंडा निषेचित न हो, या जब उपजाऊ दिनों के बाहर संबंध बनता है, तब गर्भधारण की संभावना कम होती है।
6. पीरियड के बाद गर्भाशय कितने दिन में खुलता है?
पीरियड खत्म होने के बाद गर्भाशय की परत फिर से बनने लगती है और ओव्यूलेशन के समय वह अंडे के लिए तैयार होता है — जो सामान्यतः 12–16 दिन बाद होता है।
7. प्रेगनेंसी के ज्यादा चांस कब होते हैं?
ओव्यूलेशन से 4–5 दिन पहले और ओव्यूलेशन वाले दिन संबंध बनाने पर प्रेगनेंसी के सबसे ज्यादा चांस होते हैं।