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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS): कारण, लक्षण और प्रभावी उपचार

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS): कारण, लक्षण और प्रभावी उपचार

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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) जिसे संक्षेप में PCOS कहा जाता है, महिलाओं में होने वाली एक सामान्य हार्मोनल समस्या है। यह समस्या मुख्य रूप से 15 से 44 वर्ष की आयु वाली महिलाओं में देखी जाती है। हालांकि यह समस्या आम है, लेकिन सही समय पर इसका पता न लगने से यह महिलाओं के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।

PCOS के कारण महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो जाता है, जिससे उनकी ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट (गांठ) बनने लगते हैं। इसके कारण अंडाणु सही ढंग से विकसित नहीं हो पाता और ओव्यूलेशन (अंडाणु का बाहर आना) में समस्या होती है।

PCOS के कारण

PCOS का सटीक कारण पूरी तरह ज्ञात नहीं है, लेकिन कुछ कारक इसकी संभावना को बढ़ा सकते हैं:
  • शरीर में हार्मोन का असंतुलन हो जाने पर पुरुष हार्मोन (एंड्रोजन) का स्तर बढ़ सकता है, जिससे अंडाणु के बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है
  • यदि परिवार में किसी महिला को PCOS है, तो इसकी संभावना अगली पीढ़ी में भी हो सकती है
  • जब शरीर इंसुलिन को ठीक से उपयोग नहीं करता है, तो इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है जिससे ओवरी में अधिक एंड्रोजन बनने लगता है
  • अस्वस्थ खानपान, व्यायाम की कमी, अत्यधिक तनाव और नींद की कमी PCOS का खतरा बढ़ा सकते हैं

PCOS के प्रकार

PCOS को चार मुख्य प्रकारों में बांटा जा सकता है:
प्रकार विवरण
इंफ्लेमेटरी PCOS शरीर में सूजन के कारण ओवरी अधिक टेस्टोस्टेरोन बनाती है, जिससे ओव्यूलेशन प्रभावित होता है।
एड्रेनल PCOS अत्यधिक तनाव के कारण एड्रेनल ग्रंथि अधिक एंड्रोजन बनाती है। यह प्रकार दुर्लभ होता है।
पोस्ट-पिल PCOS गर्भनिरोधक गोलियां बंद करने के बाद होने वाला PCOS
इंसुलिन-रेजिस्टेंस PCOS शरीर में अधिक इंसुलिन के कारण ओवरी अधिक टेस्टोस्टेरोन बनाती है।
 

PCOS के लक्षण

पीसीओएस के सबसे आम लक्षण निम्नलिखित हैं:
  • पीरियड्स का अनियमित होना
  • चेहरे और शरीर पर अधिक बाल आना
  • मुँहासे और तैलीय त्वचा
  • वजन बढ़ना, विशेष रूप से पेट के आसपास
  • सिर के बाल झड़ना और पतले होना
  • गर्भधारण में समस्या आना
  • डिप्रेशन और चिंता महसूस करना

PCOS का निदान

PCOS का निदान करना आसान नहीं होता क्योंकि इसकी स्थिति हर महिला में अलग हो सकती है। अलग-अलग महिलाओं में इसके लक्षण भी भिन्न हो सकते हैं। डॉक्टर PCOS का पता लगाने के लिए निम्न तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
 
  • अल्ट्रासाउंड द्वारा ओवरी में सिस्ट की उपस्थिति का पता लगाया जा सकता है
  • यदि आपकी माहवारी अनियमित है या लंबे समय तक अनुपस्थित रहती है, तो इसे भी निदान का एक संकेत माना जाता है
  • शरीर में हाइपरएंड्रोजेनिज्म (अत्यधिक एंड्रोजन का स्तर) के लक्षण, जैसे चेहरे पर अधिक बाल या मुँहासे दिखाई देना, निदान में मदद कर सकते हैं
निदान प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर आपके स्वास्थ्य इतिहास के बारे में पूछ सकते हैं, आपकी जीवनशैली के बारे में जानने का प्रयास कर सकते हैं और आपके लक्षणों की जांच करेंगे। इसके अलावा, वे पैल्विक जांच (Pelvic Exam) और शारीरिक जांच भी कर सकते हैं ताकि आपकी स्थिति को बेहतर ढंग से समझा जा सके।

PCOS का इलाज कैसे किया जाता है?

PCOS का इलाज पूरी तरह संभव नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित कर जीवनशैली में सुधार किया जा सकता है।

1. आहार और जीवनशैली में बदलाव
  • फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे सब्जियां, फल और साबुत अनाज का सेवन करें।
  • कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें।
  • नियमित व्यायाम और योग करने से शरीर में हार्मोन संतुलित होते हैं।
  • वजन को नियंत्रित रखना PCOS के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है।
2. दवाइयां
  • डॉक्टर हार्मोन संतुलन के लिए हार्मोनल दवाइयां दे सकते हैं।
  • मेटफॉर्मिन जैसी दवाइयां इंसुलिन को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
  • गर्भधारण में मदद के लिए कुछ खास फर्टिलिटी दवाइयां दी जाती हैं।
3. प्राकृतिक उपाय
  • ग्रीन टी, अदरक और हल्दी जैसी चीज़ें शरीर में सूजन कम करने और हार्मोन संतुलित करने में मददगार होती हैं।
  • रोज़ाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करना अत्यधिक फायदेमंद है।
4. तनाव प्रबंधन
  • ध्यान (Meditation) और योग से तनाव को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।
  • पर्याप्त नींद लेना और सही समय पर सोने की आदत डालना भी बेहद जरूरी है।

PCOS से जुड़ी जटिलताएं

यदि PCOS का सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है:
  • मधुमेह (Diabetes)
  • हृदय रोग (Heart Disease)
  • उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
  • गर्भधारण में समस्याएं (Infertility)
  • डिप्रेशन और एंग्जायटी (Depression & Anxiety)

PCOS के लिए घरेलू उपाय

इन घरेलू उपायों को अपनाकर PCOS के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
 
  1. मेथी के बीज: मेथी का सेवन इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
  2. अदरक और तुलसी: ये दोनों ही एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं जो हार्मोन को संतुलित करने में मदद करते हैं।
  3. दालचीनी का सेवन: दालचीनी ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और पीरियड्स को नियमित करने में फायदेमंद होती है।
 

निष्कर्ष

PCOS एक आम लेकिन जटिल समस्या है, जिसे सही समय पर पहचानकर और उचित देखभाल से नियंत्रित किया जा सकता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और डॉक्टर की सलाह से PCOS के लक्षणों को कम किया जा सकता है। यदि आपको PCOS के लक्षण महसूस हों, तो बिना देर किए विशेषज्ञ से परामर्श लें।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और जागरूकता के साथ इस समस्या का सामना किया जा सकता है।

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