पीसीओडी में प्रेगनेंसी के लक्षण
आज कल हर 10 में से 1 महिला को पीसीओडी (Polycystic Ovarian Disease) का सामना करना पड़ रहा है। यह हॉर्मोनल आसंतुलन न सिर्फ पीरियड्स को आसंतुलित करता है बल्कि प्रेगनेंसी मे भी परेशानी हो सकती है।
पीसीओडी को ले कर बहुत से सवाल आते है जैसे:
क्या पीसीओडी में प्रेग्नेंट होना मुमकिन है? अगर हां, तो इसके लक्षण क्या होते हैं?
आज हम बताएंगे की पीसीओडी के बावजूद प्रेगनेंसी कैसे पहचाने और मातृत्व का सपना सच करने के लिए क्या करें ।
सबसे पहले समझे पीसीओडी क्या है?
पीसीओडी यानि (Polycystic Ovarian Disease) एक हॉएमॉनल डिसॉर्डर है जिसमे महिलाओ की ओवरी मे छोटे छोटे सिस्ट यानि (फुंसी या गांठ) बनने लगती है । इससे ओव्यलैशन मे रुकावट आती है और पीरियड्स आणीयमीट हो सकता है । यह समस्या वजन बढ़ाने, बाल झड़ना, मुंहासे और प्रेगनेंसी मे दिक्कत पैदा कर सकती है ।
पीसीओडी में प्रेगनेंसी के लक्षण?
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पीरियड्स मिस होना-यदि आपकी पीरियड साइकल पहले से ही अनियमित है और अब बिल्कुल रुक गई है, तो यह शुरुआती प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है।
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थकान और नींद का बढ़ना-गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में शरीर में थकान बहुत ज्यादा महसूस होती है और नींद भी अधिक आती है।
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मिचली ओर उलटी आना-सुबह उठते ही जी मचलाना या उल्टी की भावना यह बहुत आम लेकिन प्रभावी लक्षण है।
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स्तनों मे संवेदनशीलता-अगर आपके स्तनों में हल्का दर्द, सूजन या संवेदनशीलता बढ़ रह है, तो यह हार्मोनल बदलाव की निशानी हो सकती है।
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मूड सविंग्स और चिड़चिड़ापन- प्रेग्नेंसी हार्मोन जैसे प्रोजेस्टेरोन में बदलाव के कारण मूड में उतार-चढ़ाव होना आम बात है।
पीसीओडी में प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें?
अगर आपने आसूरक्षित यौन संबंध बनाया है और पेरियडस मिस हो गए है तो, काम से काम 14 या 15 दिन के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करें।
पीसीओडी में प्रेग्नेंसी के लिए क्या करें?
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हेयल्टी डाइट ले ओर डेली वर्काउट करें
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स्ट्रेस काम करें
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फर्टिलिटी एक्सपर्ट की सलाह ले
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ओवुलेशन ट्रैक करें
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FAQs – पीसीओडी में प्रेगनेंसी से जुड़े आम सवाल
Q1: क्या पीसीओडी में महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं?
उत्तर: हाँ, पीसीओडी (Polycystic Ovarian Disease) होने पर भी महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं। हालांकि इसमें ओवुलेशन अनियमित हो सकता है, जिससे गर्भधारण में समय लग सकता है। भारत की स्वास्थ्य संस्थाएं जैसे ICMR और AIIMS यह बताती हैं कि जीवनशैली में बदलाव, सही खानपान और फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से सफलता संभव है।
Q2: पीसीओडी में प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण कौन-कौन से हो सकते हैं?
उत्तर: पीसीओडी में प्रेगनेंसी के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
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पीरियड्स का मिस होना
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अत्यधिक थकान और नींद
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मिचली या उल्टी की भावना
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स्तनों में संवेदनशीलता
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मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन
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ये लक्षण PCOD के हार्मोनल बदलावों से प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन प्रेगनेंसी टेस्ट से पुष्टि जरूरी होती ह
Q3: पीसीओडी में प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए?
उत्तर: यदि पीरियड मिस हो गया है और असुरक्षित यौन संबंध हुए हैं, तो प्रेगनेंसी टेस्ट पीरियड मिस होने के 14–15 दिन बाद करना चाहिए।Q4: क्या पीसीओडी में प्रेग्नेंसी के लक्षण सामान्य प्रेग्नेंसी से अलग होते हैं?
उत्तर: कुछ हद तक, हाँ। पीसीओडी में हार्मोनल उतार-चढ़ाव अधिक होता है, जिससे लक्षण ज़्यादा तीव्र या भ्रमित करने वाले हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, थकान और पीरियड मिस होना पीसीओडी का हिस्सा भी हो सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह और टेस्ट ज़रूरी होता है।Q5: क्या पीसीओडी से जुड़ी समस्याएं प्रेग्नेंसी को जोखिम में डालती हैं?
उत्तर: कुछ मामलों में हाँ। ICMR और FOGSI (Federation of Obstetric and Gynaecological Societies of India) की रिपोर्ट्स के अनुसार, PCOD वाली महिलाओं में जेस्टेशनल डायबिटीज़, हाई बीपी और प्री-मैच्योर डिलीवरी का रिस्क बढ़ सकता है। इसलिए रेगुलर मेडिकल फॉलोअप जरूरी है।
Q6: पीसीओडी में गर्भधारण के लिए क्या उपाय करें?
उत्तर:-
सरकारी और फर्टिलिटी गाइडलाइन्स के अनुसार:
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नियमित व्यायाम करें
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संतुलित आहार लें (लो-कार्ब और हाई-फाइबर फूड्स)
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तनाव कम करें
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ओवुलेशन ट्रैक करें
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डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाएं लें
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