
महिलाओं में थायराइड के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी, गलत खान-पान और तनाव ने महिलाओं में कई तरह की बीमारियां बढ़ा दी हैं। इन्हीं में से एक है थायराइड, जो शरीर के काम करने की गति से लेकर मासिक धर्म और गर्भधारण तक को प्रभावित कर सकता है। यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और इसके लक्षण शुरू में समझ नहीं आते। इस लेख में हम जानेंगे कि महिलाओं में थायराइड क्यों होता है, इसके क्या लक्षण होते हैं और इससे बचाव व इलाज कैसे किया जा सकता है।
थायराइड क्या होता है?
थायराइड एक छोटी सी ग्रंथि होती है जो गर्दन के सामने हिस्से में रहती है और इसका आकार तितली जैसा होता है। यह ग्रंथि शरीर में T3 (Triiodothyronine) और T4 (Thyroxine) नाम के हार्मोन बनाती है। जो हमारे शरीर की ऊर्जा, वजन, दिल की धड़कन, मूड और शरीर का तापमान सही बनाए रखने में मदद करते हैं। जब यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में कई तरह की समस्याएँ हो सकती हैं।
महिलाओं में थायराइड होने के कारण
थायराइड की समस्या महिलाओं में ज़्यादा देखी जाती है। इसके कई कारण हो सकते हैं:
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शरीर में हार्मोन का बदलना – गर्भावस्था, बच्चे के जन्म के बाद या रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के समय।
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आयोडीन की कमी – यह थायराइड ग्रंथि को ठीक से काम करने के लिए ज़रूरी होता है।
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तनाव – ज़्यादा मानसिक तनाव शरीर में हार्मोन को बिगाड़ सकता है।
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कुछ खास बीमारियाँ – जैसे शरीर की रोग-प्रतिरोधक प्रणाली खुद ही थायराइड पर असर डालने लगे (ऑटोइम्यून बीमारी)।
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परिवार में थायराइड का इतिहास – अगर घर में किसी को थायराइड है, तो दूसरों को भी होने की संभावना बढ़ जाती है।
थायराइड के प्रकार
थायराइड से जुड़ी समस्याएं तीन तरह की हो सकती हैं:
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हाइपरथायराइडिज़्म
इसमें थायराइड ग्रंथि ज़रूरत से ज़्यादा हार्मोन बनाती है। इससे शरीर का गतिविधियाँ तेज़ हो जाता है, जैसे दिल की धड़कन तेज़ होना, वजन कम होना, बेचैनी महसूस होना। -
हाइपोथायराइडिज़्म
इसमें थायराइड हार्मोन का स्तर बहुत कम हो जाता है, इससे शरीर की गति धीमी हो जाती है, जैसे थकावट, वजन बढ़ना, ठंड ज्यादा लगना। -
थायराइड कैंसर
यह कम लोगों को होता है लेकिन गंभीर हो सकता है। इसमें गले में गांठ या सूजन महसूस हो सकती है, और आवाज़ में भी बदलाव आ सकता है।
हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) के लक्षण
जब थायराइड ग्रंथि जरूरत से ज्यादा हार्मोन बनाने लगती है, तो शरीर की गतिविधियाँ असामान्य रूप से तेज़ हो जाती हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:
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बिना मेहनत के वजन घटना – आप खाना भरपूर खा रहे हैं, फिर भी वजन कम हो रहा है। इसका कारण मेटाबॉलिज्म का तेज़ हो जाना है।
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तेज दिल की धड़कन – बिना कारण के दिल तेजी से धड़कने लगता है, जिससे घबराहट महसूस हो सकती है।
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घबराहट या बेचैनी – हर समय चिंता, तनाव या बेचैनी बनी रहती है, और मन शांत नहीं रहता।
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हाथों में कंपन– आराम की स्थिति में भी हाथों या उंगलियों में हल्की कंपन होती रहती है।
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बहुत ज़्यादा पसीना आना– बिना शारीरिक मेहनत के पसीना बहुत आता है और गर्मी सहन नहीं होती।
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नींद की कमी– नींद पूरी नहीं हो पाती या बार-बार नींद टूट जाती है।
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पीरियड्स में गड़बड़ी– पीरियड्स बहुत कम दिनों के होते हैं या पूरी तरह बंद हो सकते हैं।
हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) के लक्षण
जब थायराइड ग्रंथि कम हार्मोन बनाती है, तो शरीर की प्रक्रियाएं धीमी हो जाती हैं। यह सबसे ज्यादा पाया जाने वाला प्रकार है, खासकर महिलाओं में।
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हमेशा थकान महसूस होना– भरपूर आराम करने के बाद भी थकावट बनी रहती है, जिससे रोज़मर्रा के कामों में रुचि नहीं रहती।
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वजन बढ़ना – खानपान में बदलाव न होने के बावजूद धीरे-धीरे वजन बढ़ने लगता है।
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ठंड ज्यादा लगना – दूसरों को जहां ठंड कम लग रही हो, वहां भी आपको अधिक सर्दी महसूस होती है।
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रूखी त्वचा और बालों का झड़ना– स्किन रूखी हो जाती है और बाल तेजी से झड़ने लगते हैं।
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याददाश्त कमजोर होना – बातें भूल जाना, ध्यान केंद्रित न कर पाना जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
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धीमी दिल की धड़कन – हृदय गति सामान्य से धीमी हो सकती है।
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पीरियड्स में गड़बड़ी– पीरियड्स लंबे, भारी और अनियमित हो सकते हैं।
थायराइड कैंसर के लक्षण
थायराइड कैंसर दुर्लभ होता है लेकिन इसके लक्षणों को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है:
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गर्दन या गले में गांठ – कोई भी स्थायी सूजन या गांठ जो धीरे-धीरे बढ़ रही हो।
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आवाज़ में बदलाव – बिना किसी संक्रमण के आवाज़ भारी या कर्कश हो जाती है।
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निगलने में परेशानी – भोजन या पानी निगलते समय गले में अटकने जैसा महसूस होता है।
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गर्दन में लिम्फ नोड्स की सूजन – थायराइड के आसपास लिम्फ ग्रंथियाँ सूज सकती हैं।
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लगातार खांसी रहना – खांसी जो लंबे समय तक बनी रहती है, खासकर बिना बुखार या जुकाम के।
महिलाओं में थायराइड की सामान्य रेंज
थायराइड की जांच एक ख़ास टेस्ट से की जाती है जिसे TSH (थायरॉयड स्टिमुलेटिंग हार्मोन) कहा जाता है। इससे यह पता चलता है कि थायराइड ग्रंथि सही से काम कर रही है या नहीं। महिलाओं के लिए सामान्य रेंज उम्र के अनुसार अलग-अलग होती है:
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18 से 50 साल तक की उम्र में: 0.5 से 4.1 mU/L
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50 से 70 साल तक की उम्र में: 0.5 से 4.5 mU/L
अगर TSH का स्तर इस दायरे से कम या ज्यादा होता है, तो यह थायराइड की समस्या (हाइपर या हाइपोथायरायडिज़्म) का संकेत हो सकता है।
थायराइड और महिलाओं की प्रजनन क्षमता
थायराइड हार्मोन सिर्फ शरीर की ऊर्जा या वजन ही नहीं, बल्कि महिलाओं की संतान पैदा करने की क्षमता (प्रजनन क्षमता) पर भी असर डालता है। जब थायराइड हार्मोन में गड़बड़ी होती है, तो शरीर के कई ज़रूरी काम जैसे पीरियड्स और गर्भधारण प्रभावित हो सकते हैं। यह समस्याएँ हो सकती हैं:
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ओवुलेशन में रुकावट (अंडा समय पर न बनना)
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अनियमित पीरियड्स (बहुत ज्यादा या बहुत कम आना)
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गर्भ ठहरने में परेशानी
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जल्दी मेनोपॉज़ आना
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गर्भपात या मरे हुए बच्चे का जन्म (स्टिलबर्थ)
अगर इनमें से कोई भी समस्या दिखे, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि सही समय पर इलाज होने से गर्भधारण संभव हो सकता है।
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महिलाओं में थायराइड का इलाज
थायराइड का इलाज उसके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। मुख्य इलाज इस प्रकार हैं:
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दवाएं:
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ज्यादा हार्मोन बनने पर उसे रोकने की दवा
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कम बनने पर हार्मोन की पूर्ति वाली दवा
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रेडियोधर्मी आयोडीन: थायराइड की सक्रियता को कम करने के लिए
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बीटा ब्लॉकर: तेज़ धड़कन, घबराहट जैसे लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए
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सर्जरी: जब गांठ, कैंसर या दवा से लाभ न हो
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घरेलू देखभाल: आयोडीन युक्त भोजन, तनाव से बचाव, योग, और पर्याप्त पानी पीना
थायराइड के घरेलू उपाय
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आयोडीन युक्त आहार लें- थायराइड हार्मोन के लिए आयोडीन बहुत जरूरी है। नमक में आयोडीन जरूर हो। समुद्री सब्जियां जैसे समुद्री घास (सीवीड), अंडा और दूध जैसे पदार्थ भी फायदेमंद होते हैं।
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आंवला का सेवन करें- आंवला में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी भरपूर होता है। रोज़ खाली पेट आंवला या उसका रस लेने से थायराइड की समस्या में राहत मिल सकती है।
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अदरक और हल्दी का उपयोग- इनमें सूजन कम करने वाले गुण होते हैं। अदरक की चाय या हल्दी वाला दूध शरीर को भीतर से ठीक करने में मदद करता है।
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ताजे फल और सब्जियाँ खाएं- हरी पत्तेदार सब्जियाँ, गाजर, टमाटर, सेब, अनार आदि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और हार्मोन संतुलन में मदद करते हैं।
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योग और प्राणायाम करें- सर्वांगासन, मत्स्यासन, उज्जायी प्राणायाम और अनुलोम-विलोम जैसे योगासन थायराइड ग्रंथि के लिए लाभकारी माने जाते हैं।
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तनाव से दूर रहें- तनाव थायराइड की स्थिति को बिगाड़ सकता है। रोज़ ध्यान (मेडिटेशन), पर्याप्त नींद और हल्की वॉक तनाव कम करने में मदद करती है।
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प्रोसेस्ड फूड और सोया से परहेज़ करें- बाजार के पैकेट वाले खाने, तले-भुने और बहुत ज्यादा सोया से बनी चीजें कम खाएं, ये थायराइड को बिगाड़ सकते हैं।
निष्कर्ष
महिलाओं में थायराइड एक आम लेकिन ध्यान देने योग्य समस्या है। समय पर जाँच और इलाज से इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आपको थकान, वजन बढ़ना, अनियमित पीरियड्स या किसी भी तरह के लक्षण महसूस हों, तो देरी न करें। किसी अच्छे थायराइड विशेषज्ञ या हार्मोन रोगों के डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। आपकी सतर्कता ही आपकी सेहत की सबसे बड़ी सुरक्षा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
महिलाओं में थायराइड बढ़ने से क्या होता है?
महिलाओं में थायराइड बढ़ने से वजन बढ़ना, थकान, बाल झड़ना और मासिक धर्म में अनियमितता होती है।
कैसे पता चलेगा कि हमें थायराइड है?
थायराइड होने का पता ब्लड टेस्ट (TSH, T3, T4) और लक्षणों के आधार पर चलता है।
थायराइड के मरीज को क्या परेशानी होती है?
थायराइड के मरीज को थकान, तनाव, वजन में बदलाव, बाल झड़ना और ठंड सहन न कर पाने जैसी समस्याएं होती हैं।
थायराइड का दर्द कहाँ होता है?
थायराइड का दर्द गर्दन के सामने वाले हिस्से में होता है, जहां थायराइड ग्रंथि स्थित होती है।