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गर्भावस्था के दौरान मोटी सफेद स्राव | स्राव के कारण, लक्षण | सावधानियाँ और उपाय
गर्भावस्था महिलाओं के जीवन का एक बेहद सुंदर लेकिन संवेदनशील चरण होता है। इस दौरान शरीर में बहुत सारे हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिनका असर न सिर्फ मनोदशा और ऊर्जा पर पड़ता है बल्कि शरीर के कई हिस्सों पर भी दिखाई देता है।
इनमें से एक आम बदलाव है — सफेद स्राव (white discharge) या जिसे चिकित्सा भाषा में Leukorrhea (ल्यूकोरिया) कहा जाता है।
कई बार महिलाएँ गर्भावस्था के दौरान मोटी सफेद स्राव देखकर डर जाती हैं और सोचती हैं कि कहीं यह संक्रमण या किसी जटिलता का संकेत तो नहीं। लेकिन ज़रूरी है कि हम समझें — हर स्राव बुरा नहीं होता। कुछ स्राव सामान्य होता है, जबकि कुछ स्थितियों में यह किसी समस्या का संकेत भी हो सकता है।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे —
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गर्भावस्था के दौरान मोटी सफेद स्राव क्या होता है?
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यह क्यों होता है?
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कौन-से स्राव सामान्य हैं और कौन-से नहीं?
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इसके पीछे के हार्मोनल कारण क्या हैं?
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और अगर स्राव अधिक हो रहा है तो क्या करना चाहिए?
अगर आपको लंबे समय से सफेद पानी, पीरियड्स की अनियमितता या हार्मोनल असंतुलन की समस्या है और इससे गर्भधारण में दिक्कत आ रही है — तो सरोगेसी आपके लिए एक सुरक्षित और असरदार विकल्प हो सकता है। अब जानिए भारत में सरोगेसी की लागत और बैंगलोर में सरोगेसी की लागत और पूरी प्रक्रिया!
गर्भावस्था के दौरान सफेद स्राव क्या होता है?
गर्भवती महिलाओं में सफेद या हल्का दूधिया स्राव एक आम और सामान्य प्रक्रिया है। यह स्राव गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) और योनि (Vagina) की कोशिकाओं से निकलने वाला तरल होता है, जो शरीर की प्राकृतिक सफाई प्रणाली का हिस्सा है।
यह स्राव शरीर से पुराने या मृत कोशिकाओं को बाहर निकालता है, जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है।
दरअसल, गर्भावस्था के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen) हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण योनि में रक्त प्रवाह अधिक होता है और स्राव की मात्रा भी बढ़ सकती है।
प्रेगनेंसी में वाइट डिस्चार्ज कब होता है?
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों से ही महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव शुरू हो जाते हैं। इन बदलावों के कारण ही वाइट डिस्चार्ज (Leukorrhea) की शुरुआत होती है। आमतौर पर यह स्राव गर्भधारण के पहले सप्ताह से लेकर डिलीवरी तक हो सकता है। शुरुआत में यह पतला या हल्का दूधिया होता है, लेकिन जैसे-जैसे गर्भावस्था बढ़ती है, यह थोड़ा गाढ़ा और चिपचिपा भी हो सकता है। यह शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो गर्भाशय को संक्रमण से बचाने में मदद करती है।
प्रेगनेंसी में सफेद पानी क्यों आता है?
गर्भावस्था के दौरान मोटी सफेद स्राव के कई कारण हो सकते हैं — कुछ सामान्य और कुछ चिकित्सकीय।
1. हार्मोनल परिवर्तन
गर्भावस्था में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का स्तर काफी बढ़ जाता है।
ये हार्मोन गर्भाशय को सुरक्षित रखते हैं और गर्भधारण को बनाए रखने में मदद करते हैं। इसी कारण योनि क्षेत्र में रक्त संचार बढ़ जाता है और वहाँ से स्राव अधिक मात्रा में निकलने लगता है।
2. योनि की सफाई
सफेद स्राव का एक मुख्य उद्देश्य योनि को संक्रमण से बचाना होता है।
यह स्राव बैक्टीरिया और फंगस से रक्षा करता है ताकि गर्भाशय में मौजूद भ्रूण सुरक्षित रहे।
3. शरीर का तापमान और स्वच्छता परिवर्तन
गर्भवती महिलाओं में शरीर का तापमान थोड़ा बढ़ जाता है, जिससे योनि क्षेत्र में नमी बढ़ती है।
इससे भी मोटी या चिपचिपी सफेद स्राव की मात्रा बढ़ सकती है।
4. सर्विक्स (Cervix) में बदलाव
जैसे-जैसे गर्भावस्था बढ़ती है, सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) नरम होती जाती है और वहाँ म्यूकस प्लग (Mucus Plug) बनता है, जो संक्रमण को रोकता है।
यह भी मोटे सफेद स्राव का एक कारण हो सकता है।
5. रक्त प्रवाह में वृद्धि
गर्भावस्था में योनि की ओर रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे स्राव की मात्रा भी स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है।
गर्भावस्था के दौरान सामान्य और असामान्य स्राव में फर्क कैसे करें?
सामान्य (Normal) स्राव
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रंग: हल्का सफेद या पारदर्शी
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गंध: बिना गंध या बहुत हल्की गंध
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बनावट: पतला से लेकर थोड़ा गाढ़ा
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जलन/खुजली: नहीं होती
यह स्राव शरीर की सफाई प्रक्रिया का हिस्सा होता है और चिंता की कोई बात नहीं होती।
असामान्य (Abnormal) स्राव
अगर स्राव में नीचे दिए लक्षण हों, तो यह संक्रमण या अन्य समस्या का संकेत हो सकता है:
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स्राव का रंग पीला, हरा, या ग्रे हो
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उसमें तेज़ या बदबूदार गंध आए
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योनि में खुजली, जलन या सूजन महसूस हो
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स्राव के साथ दर्द या जलन महसूस हो
ऐसे लक्षणों में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
गर्भावस्था के अलग-अलग महीनों में स्राव का पैटर्न
पहली तिमाही (1st Trimester)
गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में हार्मोनल बदलाव बहुत तेज़ी से होते हैं।
इस समय पतला या हल्का सफेद स्राव सामान्य होता है। यह आपके शरीर के गर्भधारण की तैयारी का संकेत है।
दूसरी तिमाही (2nd Trimester)
इस चरण में स्राव थोड़ा बढ़ सकता है और बनावट में गाढ़ा महसूस हो सकता है।
यह सर्विक्स और गर्भाशय की सुरक्षा के लिए होता है।
तीसरी तिमाही (3rd Trimester)
गर्भावस्था के आखिरी महीनों में स्राव और भी मोटा या जेली जैसा हो सकता है।
कभी-कभी इसमें हल्का रक्त (pinkish discharge) भी दिख सकता है, जो “mucus plug” निकलने का संकेत होता है — यानी प्रसव (delivery) का समय नज़दीक आ रहा है।
5 मंथ प्रेगनेंसी में वाइट डिस्चार्ज होना
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पाँचवें महीने में वाइट डिस्चार्ज आना भी सामान्य माना जाता है।
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इस समय हार्मोनल बदलाव स्थिर होते हैं लेकिन गर्भाशय का आकार बढ़ने लगता है।
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इस चरण में डिस्चार्ज थोड़ा गाढ़ा या चिकना हो सकता है, जो योनि को सूखने से बचाता है।
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हालाँकि, अगर स्राव में तेज़ गंध, खुजली या जलन हो तो डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें — यह संक्रमण का संकेत हो सकता है।
7 मंथ प्रेगनेंसी में वाइट डिस्चार्ज
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सातवें महीने में स्राव की मात्रा अक्सर बढ़ जाती है।
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कई महिलाओं को इस समय मोटी या क्रीम जैसी सफेद स्राव दिखाई देती है।
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यह शरीर का नैचुरल तरीका है योनि को संक्रमण से बचाने का।
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लेकिन अगर स्राव का रंग पीला, हरा या ग्रे हो जाए — तो यह बैक्टीरियल इंफेक्शन का संकेत हो सकता है। इस समय अधिक स्वच्छता और ढीले कपड़ों का ध्यान रखना ज़रूरी है।
9 मंथ प्रेगनेंसी में वाइट डिस्चार्ज होना
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गर्भावस्था के नौवें महीने में स्राव में बदलाव सामान्य है।
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इस समय का डिस्चार्ज अक्सर मोटा, जेली जैसा या थोड़ा गुलाबी रंग का हो सकता है।
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यह दरअसल “Mucus Plug” का निकलना होता है, जो संकेत देता है कि प्रसव (delivery) का समय पास है।
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लेकिन अगर स्राव में पानी जैसा तरल और लगातार बहाव हो रहा है, तो यह एम्नियोटिक फ्लूइड (amniotic fluid leakage) भी हो सकता है — ऐसे में तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ।
प्रेगनेंसी में वाइट डिस्चार्ज को कैसे रोके?
गर्भावस्था में मोटे सफेद स्राव को नियंत्रित या संतुलित रखने के लिए कुछ सरल उपाय अपनाए जा सकते हैं —
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साफ-सफाई का ध्यान रखें- रोज़ाना हल्के गुनगुने पानी से योनि क्षेत्र साफ करें। किसी तरह के परफ्यूम वाले साबुन या स्प्रे का उपयोग न करें।
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कॉटन अंडरवियर पहनें- टाइट सिंथेटिक कपड़ों से बचें। कॉटन अंडरवियर हवा आने-जाने देता है, जिससे नमी कम होती है।
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पानी खूब पिएँ- शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा रहने से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और संक्रमण की संभावना घटती है।
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संतुलित आहार लें- दही (curd), लहसुन, हरी सब्ज़ियाँ और फल शामिल करें — ये प्राकृतिक रूप से संक्रमण से बचाते हैं।
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पैड या लाइनर का उपयोग करें- अगर स्राव ज़्यादा है, तो पैंटी लाइनर इस्तेमाल कर सकती हैं लेकिन रोज़ बदलें।
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डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें- गर्भावस्था के दौरान कोई भी दवा या क्रीम अपने आप न लगाएँ।
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तनाव से बचें और आराम करें- तनाव हार्मोनल असंतुलन बढ़ा सकता है, जिससे स्राव भी बढ़ता है।
गर्भावस्था में सफेद स्राव के अन्य संभावित कारण
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फंगल इंफेक्शन (Yeast Infection)
गर्भावस्था के दौरान फंगल इंफेक्शन बहुत आम है।
इसके लक्षण हैं – मोटी पनीर जैसी सफेद स्राव, खुजली और जलन।
यह स्थिति Candida fungus के कारण होती है और इसका इलाज डॉक्टर की सलाह से एंटी-फंगल क्रीम या दवाओं से किया जा सकता है। -
बैक्टीरियल वैजिनोसिस (Bacterial Vaginosis)
अगर स्राव में तेज़ गंध है और रंग हल्का ग्रे या पीला है, तो यह बैक्टीरियल संक्रमण हो सकता है।
इसे हल्के में न लें, क्योंकि इससे गर्भ में संक्रमण फैल सकता है। -
Sexually Transmitted Infections (STIs)
कुछ यौन रोग जैसे क्लैमाइडिया या गोनोरिया भी असामान्य स्राव का कारण हो सकते हैं।
अगर स्राव में गंध और दर्द दोनों हैं, तो जांच ज़रूरी है।
क्या वाइट डिस्चार्ज प्रेगनेंसी का लक्षण है?
हाँ, वाइट डिस्चार्ज गर्भावस्था का शुरुआती लक्षण हो सकता है। कई बार महिलाएँ पीरियड मिस होने से पहले ही नोटिस करती हैं कि उनके योनि क्षेत्र में हल्का सफेद स्राव आ रहा है। यह इसलिए होता है क्योंकि निषेचित अंडाणु गर्भाशय की दीवार में चिपकने के बाद शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ने लगता है। इससे योनि में रक्त प्रवाह बढ़ता है और स्राव की मात्रा भी बढ़ जाती है।
इसलिए, अगर आपके पीरियड लेट हो रहे हैं और हल्का सफेद डिस्चार्ज हो रहा है — तो यह गर्भधारण का संकेत हो सकता है।
वाइट डिस्चार्ज के नुकसान
गर्भावस्था में हल्का सफेद स्राव (Leukorrhea) अक्सर सामान्य और सुरक्षित होता है। लेकिन कभी-कभी यह असामान्य रूप ले सकता है, जिससे महिलाओं को कुछ नुकसान या असुविधा हो सकती है।
1. खुजली और जलन
असामान्य वाइट डिस्चार्ज में अक्सर खुजली, जलन या जलन के साथ जलन महसूस होना शामिल होता है।
यह महिलाओं के लिए बेहद असुविधाजनक हो सकता है और रोजमर्रा की गतिविधियों में बाधा डाल सकता है।
2. बदबूदार डिस्चार्ज
अगर डिस्चार्ज में तेज़ या असामान्य गंध हो, तो यह बैक्टीरियल इंफेक्शन या यीस्ट इंफेक्शन का संकेत हो सकता है।
बदबूदार स्राव के कारण महिलाओं को शर्मिंदगी, मानसिक तनाव और चिंता महसूस हो सकती है।
3. संक्रमण का खतरा
असामान्य वाइट डिस्चार्ज यदि बिना इलाज के छोड़ दिया जाए, तो यह संक्रमण का कारण बन सकता है।
कुछ संक्रमण गर्भ में बच्चे के लिए भी जोखिम पैदा कर सकते हैं, जैसे प्री-टर्म लेबर (Pre-term Labor) या अन्य कॉम्प्लिकेशन।
4. रोजमर्रा की असुविधा
बहुत ज्यादा स्राव होने पर महिलाओं को पैंटी लाइनर, पैड या बार-बार साफ-सफाई की जरूरत पड़ती है।
इससे रोजमर्रा के कामों में असुविधा और मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
5. मानसिक तनाव
गर्भावस्था में हर महिला शरीर में बदलाव को लेकर चिंतित रहती है।
असामान्य वाइट डिस्चार्ज के कारण तनाव, घबराहट और चिंता बढ़ सकती है, जो हार्मोनल संतुलन को भी प्रभावित कर सकती है।
सावधानियाँ और बचाव
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रोजाना साफ-सुथरी और सूखी कपड़े पहनें।
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कॉटन अंडरवियर और ढीले कपड़े पहनें।
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डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा या क्रीम न लगाएँ।
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अगर स्राव गंध, रंग या जलन में बदलाव दिखे तो तुरंत गाइनेकोलॉजिस्ट से मिलें।
अगर आपको लंबे समय से सफेद पानी, पीरियड्स की अनियमितता या हार्मोनल असंतुलन की समस्या है और इससे गर्भधारण में दिक्कत आ रही है, तो IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) एक प्रभावी विकल्प हो सकता है। ऐसे में, सही क्लिनिक चुनना और दिल्ली में IVF की लागत और रांची में IVF की लागत । की जानकारी लेना आपके लिए मददगार रहेगा।
गर्भावस्था में सफेद स्राव: अच्छा संकेत भी हो सकता है
बहुत सी महिलाएँ सोचती हैं कि गर्भावस्था में हर स्राव खराब है, लेकिन ऐसा नहीं है। सफेद स्राव वास्तव में इस बात का संकेत है कि शरीर गर्भधारण की प्रक्रिया को स्वस्थ रूप से निभा रहा है और गर्भाशय को संक्रमण से बचा रहा है। इस स्राव से योनि की नमी बनी रहती है और वहाँ का pH स्तर संतुलित रहता है।
इस तरह, मोटा या गाढ़ा सफेद स्राव शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा दीवार की तरह काम करता है।
क्या मोटा सफेद स्राव बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है?
अधिकांश मामलों में, मोटी सफेद स्राव बच्चे के लिए बिल्कुल सुरक्षित होती है। यह केवल तब चिंता की बात होती है जब इसमें संक्रमण के लक्षण हों। सही सफाई, नियमित जांच, और डॉक्टर की सलाह से यह स्थिति पूरी तरह नियंत्रित की जा सकती है।
कब करें डॉक्टर से संपर्क?
गर्भावस्था के दौरान अगर नीचे दिए हुए लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
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सफेद स्राव में तेज़ गंध या बदबू आए
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स्राव के साथ दर्द, खुजली या जलन महसूस हो
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रक्त मिला हुआ स्राव (especially दूसरे या तीसरे महीने में)
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स्राव की मात्रा अचानक बहुत बढ़ जाए
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साथ में पेट में ऐंठन या भारीपन महसूस हो
कई बार ये संक्रमण का संकेत होते हैं, और गर्भ में पल रहे बच्चे की सुरक्षा के लिए इन्हें जल्द पहचानना ज़रूरी है।
स्रोत / References
निष्कर्ष
गर्भावस्था के दौरान मोटी सफेद स्राव (Thick White Discharge) अक्सर एक सामान्य और प्राकृतिक प्रक्रिया होती है। यह शरीर को संक्रमण से बचाने और गर्भाशय को स्वस्थ रखने में मदद करती है। हालाँकि, अगर इसमें खुजली, बदबू या रंग का बदलाव हो, तो डॉक्टर से परामर्श ज़रूरी है। थोड़ी सी सावधानी और स्वच्छता से आप इस स्थिति को आसानी से संभाल सकती हैं।
गर्भावस्था के इस खूबसूरत दौर में हर बदलाव को सकारात्मक रूप से स्वीकार करें — क्योंकि आपका शरीर अब एक नया जीवन रच रहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. गर्भावस्था में सफ़ेद पानी आने का मतलब क्या है?
गर्भावस्था में सफेद या हल्का दूधिया स्राव आमतौर पर सामान्य और प्राकृतिक होता है। यह शरीर द्वारा योनि को साफ रखने और संक्रमण से बचाने का तरीका है।
2. जेली जैसा वाइट डिस्चार्ज क्यों होता है?
जेली जैसा स्राव अक्सर म्यूकस प्लग (Mucus Plug) निकलने का संकेत होता है। यह गर्भाशय ग्रीवा को बंद रखता है और बैक्टीरिया को गर्भ में प्रवेश करने से रोकता है।
3. क्या गाढ़ा सफेद स्राव लेबर का संकेत है?
हर गाढ़ा डिस्चार्ज लेबर का संकेत नहीं होता। लेकिन अगर यह हल्का गुलाबी रंग या ऐंठन के साथ हो, तो यह लेबर की तैयारी का संकेत हो सकता है।
4. प्रेगनेंसी कंसीव होने पर कौन सा डिस्चार्ज आता है?
गर्भधारण के शुरुआती दिनों में हल्का सफेद या दूधिया डिस्चार्ज आता है, जिसे Implantation Discharge कहते हैं। यह बताता है कि निषेचित अंडाणु गर्भाशय की दीवार में चिपक चुका है।