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Fibroid Meaning in Hindi | Uterine Fibroid क्या है | इलाज और लक्षण की जानकारी

Fibroid Meaning in Hindi | Uterine Fibroid क्या है | इलाज और लक्षण की जानकारी

Gynecologist & IVF Specialist, Vinsfertility Hospital 18+ Years Experience • 1,000+ Successful Live Births

Fibroid Meaning in Hindi का मतलब है – एक तरह की गांठ जो महिलाओं के गर्भाशय की मांसपेशीयों में बनती है और जो कैंसर नहीं होती। और इसे Uterine Fibroid भी कहा जाता है। यह औरतों की स्वाभावावीक समस्या का कारण बनती है। कई बार फाइब्रॉइड बिना किसी लक्षण के भी हो सकता है। लेकिन जब यह बड़ा हो जाता है या गलत जगह बनता है, तो यह दर्द, ज़्यादा ब्लीडिंग या गर्भधारण में दिक्कत दे सकता है।
 

अगर आपकी पीरियड्स में अनियमितता है, अत्यधिक ब्लीडिंग होती है, या पेट के नीचे दर्द बना रहता है, तो यह गर्भाशय में फाइब्रॉइड या हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है। WhatsApp पर विशेषज्ञ से बात करें और सही सलाह पाएं!

 

Uterine Fibroid क्या होता है?

Uterine Fibroid का मतलब है – गर्भाशय (uterus) में मांसपेशियों की वह गांठ जो अक्सर महिलाओं में पाई जाती है। यह गांठ नॉन-कैंसर होती है और कई बार बिना लक्षण के भी रह सकती है। लेकिन कुछ मामलों में यह अत्यधिक ब्लीडिंग, पेट दर्द और गर्भधारण में परेशानी का कारण बन सकती है। इसे हिंदी में "गर्भाशय की गांठ" भी कहा जाता है।
 

फाइब्रॉइड कितने तरह के होते हैं?

 फाइब्रॉइड अलग-अलग जगह पर बन सकता है, और हर जगह के हिसाब से इसके लक्षण अलग होते हैं।

1. गर्भाशय की दीवार में (Intramural Fibroid):

यह सबसे आम होता है। यह गर्भाशय की दीवार के अंदर बनते हैं।
लक्षण:

  • भारी पीरियड्स

  • पेट में सूजन

  • पीठ दर्द

2. गर्भाशय के बाहर की तरफ (Subserosal Fibroid):

यह गर्भाशय के बाहरी हिस्से में होते हैं और बाहर की तरफ फैलते हैं।
लक्षण:

  • पेट का आकार बढ़ना

  • पेशाब की अधिकता

  • आंतों पर दबाव

3. गर्भाशय के अंदर की सतह पर (Submucosal Fibroid):

यह गर्भाशय की भीतरी परत (endometrium) में होते हैं।
लक्षण:

  • अत्यधिक रक्तस्राव

  • प्रेगनेंसी में दिक्कत

  • बांझपन

4. डंडी जैसी गांठ (Pedunculated Fibroid):

ये फाइब्रॉइड एक डंठल की सहायता से जुड़े होते हैं और मरोड़ने पर तेज दर्द देता है।
लक्षण:

  • अचानक तीव्र दर्द
  • ​जी मिचलाना

यदि आपके गर्भाशय में फाइब्रॉइड हैं और गर्भधारण में बार-बार परेशानी हो रही है, जैसे मिसकैरेज या IVF फेल होना, तो सरोगेसी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। बैंगलोर में सरोगेसी की लागत और भारत में सरोगेसी की लागत जानें और सही उपचार का चयन करें।

 

fibroid meaning in hindi

 कौन सा फाइब्रॉइड साइज खतरनाक होता है? Which Size of Fibroid is Dangerous

  • 1 से 4 सेंटीमीटर का फाइब्रॉइड- यह बहुत छोटा फाइब्रॉइड होता है। आमतौर पर इससे कोई तकलीफ नहीं होती। कभी-कभी हल्का दर्द या भारीपन लग सकता है, लेकिन इलाज की ज़रूरत नहीं होती। बस समय-समय पर जांच कराना जरूरी होता है।

  • 5 से 7 सेंटीमीटर का फाइब्रॉइड-  यह थोड़ा बड़ा होता है। इससे पीरियड में ज़्यादा ब्लीडिंग, थकान या पेट में दबाव महसूस हो सकता है। गर्भधारण में भी परेशानी आ सकती है। ऐसी स्थिति में दवा या हल्का इलाज किया जाता है।

  • 8 से 15 सेंटीमीटर का फाइब्रॉइड-  यह बड़ा फाइब्रॉइड माना जाता है। इससे पेट में दर्द, सूजन, बार-बार पेशाब आना या कब्ज़ जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। ज़्यादातर मामलों में डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं।

  • 15 सेंटीमीटर से बड़ा फाइब्रॉइड-  यह बहुत बड़ा और खतरनाक माना जाता है। इससे गर्भधारण में बहुत परेशानी हो सकती है और शरीर के दूसरे अंगों पर भी दबाव पड़ता है। ऐसे में सर्जरी जरूरी हो जाती है।
     

क्या गर्भाशय में गांठ खतरनाक है?

Fibroid uterus यानी गर्भाशय में गांठ, तब खतरनाक मानी जाती है जब यह बहुत बड़ी हो जाए, लगातार दर्द दे या गर्भधारण में रुकावट बन जाए। छोटे साइज के फाइब्रॉइड ज़्यादातर मामलों में बिना लक्षण के होते हैं और सिर्फ अल्ट्रासाउंड से पता चलते हैं। लेकिन अगर इसका आकार 8 से 15 सेमी या उससे ज़्यादा हो जाए, तो यह आंतों, मूत्राशय और गर्भाशय की बनावट पर असर डाल सकता है। ऐसे में समय पर इलाज और डॉक्टर की सलाह लेना ज़रूरी है।
 

फाइब्रॉइड के लक्षण | Symptoms of Fibroid Uterus in Hindi

Fibroid uterus in Hindi का मतलब है कि गर्भाशय में एक या एक से अधिक गांठें मौजूद हैं जो विभिन्न लक्षण पैदा कर सकती हैं:

  • ज़्यादा और लंबे समय तक पीरियड

  • पीरियड के बीच में ब्लीडिंग

  • पेट के नीचे भारीपन या दर्द

  • बार-बार पेशाब आना

  • कब्ज़ या गैस

  • कमज़ोरी और चक्कर आना

  • प्रेगनेंसी में बार-बार दिक्कत

 

फाइब्रॉइड होने के कारण 

  1. हार्मोनल असंतुलन: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन की अधिकता फाइब्रॉइड को बढ़ावा देती है।

  2. जेनेटिक (वंशानुगत): यदि मां या बहन को फाइब्रॉइड रहे हैं, तो आपके लिए जोखिम बढ़ जाता है।

  3. मोटापा और अनुचित खानपान: शरीर में फैट अधिक होने से एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ सकता है।

  4. गर्भधारण की देर: जिन महिलाओं की पहली प्रेगनेंसी देर से होती है, उन्हें अधिक जोखिम हो सकता है।

  5. तनाव और जीवनशैली संबंधी कारण

 

फाइब्रॉइड का इलाज कैसे होता है?

जब किसी महिला को uterine fibroid होता है, तो इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि गांठ कितनी बड़ी है, कहां है और उससे कितनी परेशानी हो रही है।
1. अगर कोई लक्षण नहीं है:
अगर फाइब्रॉइड से कोई तकलीफ नहीं है, तो घबराने की जरूरत नहीं। डॉक्टर सिर्फ निगरानी की सलाह देते हैं, जिसमें समय-समय पर अल्ट्रासाउंड कराना ज़रूरी होता है।

2. दवाओं से इलाज:
अगर ज्यादा ब्लीडिंग, दर्द या भारीपन हो रहा है, तो डॉक्टर कुछ दवाएं देते हैं। ये दवाएं लक्षणों को कम करने और कभी-कभी फाइब्रॉइड को छोटा करने में मदद करती हैं। इलाज शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है।

3. सर्जरी से इलाज:
अगर फाइब्रॉइड बड़ा है या गर्भधारण में रुकावट बन रहा है, तो सर्जरी की ज़रूरत हो सकती है:

• Myomectomy (मायोमेक्टॉमी):
इस प्रक्रिया में सिर्फ फाइब्रॉइड को हटाया जाता है और गर्भाशय (uterus) को बचा लिया जाता है।

• Hysterectomy (हिस्टेरेक्टॉमी):
अगर स्थिति ज्यादा गंभीर हो और महिला की उम्र ज़्यादा हो या वह मां नहीं बनना चाहती, तो डॉक्टर पूरा गर्भाशय हटा सकते हैं।

• Uterine Artery Embolization (UAE):
इस तकनीक में फाइब्रॉइड तक खून पहुंचाने वाली नसों को ब्लॉक कर दिया जाता है। इससे फाइब्रॉइड धीरे-धीरे छोटा हो जाता है।
फाइब्रॉइड की व्यापकता और जोखिमों पर हालिया शोध NCBI में उपलब्ध हैं, जो इसे समझने में मदद करते हैं।


फाइब्रॉइड और प्रेगनेंसी का संबंध 

फाइब्रॉइड यूटेरस में होने से गर्भधारण में कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं:

  • भ्रूण की ग्रोथ रुक जाना

  • बार-बार मिसकैरेज

  • समय से पहले डिलीवरी

  • डिलीवरी में जटिलताएं

  • IVF का फेल होना

 

निष्कर्ष: सही जानकारी से ही मिलेगा सही इलाज

Fibroids को समझना हर महिला के लिए जरूरी है क्योंकि ये आम होते हुए भी कई बार गंभीर रूप ले सकते हैं। Uterine fibroid यानी गर्भाशय में गांठ, विशेषकर बड़े आकार की, महिला की सेहत और मां बनने की क्षमता पर असर डाल सकती है। समय पर अल्ट्रासाउंड, डॉक्टर से परामर्श और उचित इलाज जरूरी है।


सरकारी और विश्वसनीय स्रोत:

https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC9277653/
https://www.nichd.nih.gov/health/topics/uterine
 
 
 

FAQs – फाइब्रॉइड से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. Fibroids meaning in Hindi क्या है?

Fibroids का मतलब है गर्भाशय की मांसपेशियों में बनने वाली गांठ, जो नॉन-कैंसर होती है। इसे गर्भाशय की गांठ या Uterine Fibroid भी कहा जाता है।

Q2. Uterine Fibroid क्या है?

Uterine Fibroid एक तरह की हार्मोनल गांठ होती है जो महिलाओं के गर्भाशय में बनती है। यह कभी-कभी प्रेगनेंसी में रुकावट भी पैदा कर सकती है।

Q3. कौन सा फाइब्रॉइड साइज खतरनाक होता है?

8 सेंटीमीटर से बड़ा फाइब्रॉइड खतरनाक माना जाता है, खासकर तब जब वह गर्भाशय की बनावट को बदलता है या गर्भधारण में परेशानी करता है।

Q4. क्या फाइब्रॉइड से प्रेगनेंसी पर असर पड़ता है?

हां, अगर फाइब्रॉइड गर्भाशय की अंदरूनी परत में होता है तो यह भ्रूण की ग्रोथ को रोक सकता है और मिसकैरेज या समय से पहले डिलीवरी का खतरा बढ़ा सकता है।

Q5. क्या सभी फाइब्रॉइड का इलाज जरूरी होता है?

नहीं, छोटे और बिना लक्षण वाले फाइब्रॉइड का इलाज जरूरी नहीं होता। इन्हें केवल निगरानी में रखा जाता है। लेकिन यदि साइज बड़ा हो या लक्षण हों तो इलाज आवश्यक होता है।

Q6. क्या फाइब्रॉइड खुद से खत्म हो जाते हैं?

रजोनिवृत्ति (Menopause) के बाद कुछ फाइब्रॉइड अपने आप छोटे हो सकते हैं। हालांकि, बड़े या परेशानी देने वाले फाइब्रॉइड का इलाज जरूरी होता है।

 

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