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AMH Test क्या होता है?

AMH Test क्या होता है?

Gynecologist & IVF Specialist, Vinsfertility Hospital 18+ Years Experience • 1,000+ Successful Live Births

एएमएच टेस्ट एक साधारण खून का टेस्ट होता है, जिसे करवाना बहुत आसान है। इस टेस्ट को एंटी-मुलरियन हार्मोन कहा जाता है, जो एक महिला के अंडाशय में छोटे रोम द्वारा निर्मित होता है। ये रोम अंडे के निर्माण में मदद करते हैं। इस टेस्ट के ज़रिए डॉक्टर जान सकते हैं कि एक महिला के अंडाशय में कितने अंडे बनने की संभावना है।
यह टेस्ट उन महिलाओं के लिए फ़ायदेमंद है जो गर्भधारण की योजना बना रही हैं, बांझपन से जूझ रही हैं या जो आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन) की योजना बना रही हैं। इसके अलावा, यह टेस्ट रजोनिवृत्ति की भविष्यवाणी करने या कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाने में भी मदद कर सकता है। सारांश में, यह टेस्ट महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में अहम जानकारी देता है, जिससे वे अपने भविष्य की योजना बेहतर तरीके से बना सकती हैं।

 

एएमएच टेस्ट के उद्देश्य

एएमएच टेस्ट करने के कई सरे कारण है, खासकर महिलाओं की प्रजनन क्षमता और स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए। इसके मुख्य उद्देश्य नीचे दिए गए हैं:​
1. प्रजनन क्षमता का आकलन (Fertility Check)
एएमएच टेस्ट से डॉक्टर यह जान सकते है कि महिला के अंडाशय में कितने अंडे (eggs) बचे हैं। इसे "ओवेरियन रिजर्व" (ovarian reserve) कहा जाता है।
यह जानकारी उन महिलाओं के लिए है जो गर्भधारण  की योजना बना रही है या भविष्य में बच्चे के लिए अपने अंडों को फ्रीज (egg freezing) करना चाहती है, तो यह टेस्ट उसके लिए फायदेमंद होता है।
2. आईवीएफ (IVF) उपचार की योजना (IVF Planning)
जो महिलाएं इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) या अन्य प्रजनन उपचार (fertility treatment) करवाने का विचार कर रही हैं, उनके लिए यह टेस्ट काफी फायदेमंद होता है। यह टेस्ट यह बताता है कि महिला का शरीर हार्मोनल दवाओं पर कैसी प्रतिक्रिया देगा और IVF प्रक्रिया में कितने अंडे बनने की संभावना है। इससे डॉक्टर को सही उपचार योजना बनाने में मदद मिलती है।
3. पीसीओएस (PCOS) का पता लगाना
पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं के अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जिससे हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। पीसीओएस वाली महिलाओं में एएमएच का स्तर सामान्य से अधिक होता है। इसलिए, इस टेस्ट के जरिए डॉक्टर इस स्थिति का पता लगाने में सहायता पा सकते हैं।
4. मेनोपॉज (Menopause) की भविष्यवाणी
मेनोपॉज वह समय होता है जब महिला का मासिक धर्म (period) आना बंद हो जाता है। एएमएच का स्तर कम होना यह संकेत दे सकता है कि महिला मेनोपॉज के करीब पहुंच रही है। इससे डॉक्टर महिला को समय रहते आवश्यक सलाह दे सकते हैं।
 
5. डिम्बग्रंथि कैंसर (Ovarian Cancer) का आकलन
कुछ प्रकार के डिम्बग्रंथि कैंसर के मामलों में एएमएच का स्तर असामान्य हो सकता है। इसलिए, यह टेस्ट डॉक्टर को कैंसर जैसी गंभीर स्थिति का संकेत देने में मदद कर सकता है।

 

एएमएच टेस्ट प्रक्रिया

AMH टेस्ट के लिए एक साधारण ब्लड सैंपल लिया जाता है। इसकी प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • इस टेस्ट के लिए किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं होती। आपको न तो भूखा रहने की आवश्यकता होती है और न ही कोई विशेष दवा बंद करनी पड़ती है (जब तक डॉक्टर न कहे)।

  • इसे मासिक धर्म (periods) के किसी भी दिन करवाया जा सकता है, इसलिए आपको अपनी साइकल के किसी खास दिन का इंतजार करने की जरूरत नहीं होती।

  • टेस्ट के बाद आपका खून लैब में जांच के लिए भेजा जाता है, और आमतौर पर इसके नतीजे कुछ दिनों के भीतर आ जाते हैं।

यह टेस्ट सरल, तेज़ और बिना किसी परेशानी के किया जा सकता है।

 

एएमएच स्तर को प्रभावित करने वाले कारक

एएमएच का स्तर कई चीजों से बदल सकता है। कुछ मुख्य कारण ये हैं:
  • उम्र (Age): उम्र बढ़ने के साथ एएमएच का स्तर स्वाभाविक रूप से कम होता जाता है। खासतौर पर 30-40 की उम्र के बाद इसका स्तर तेजी से घट सकता है।
  • प्रजनन समस्याएं (Fertility Issues): अगर किसी महिला को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) जैसी समस्या है, तो उसका एएमएच स्तर सामान्य से अधिक हो सकता है।
  • सर्जरी या इलाज (Surgery or Treatment): यदि किसी महिला के अंडाशय पर सर्जरी हुई हो या उसने कीमोथैरेपी जैसी गम्भीर चिकित्सा करवाई हो, तो इससे एएमएच का स्तर कम हो सकता है।
इन कारकों को समझने से डॉक्टर को आपकी प्रजनन सेहत का सही आकलन करने में मदद मिलती है।
 

एएमएच टेस्ट के परिणाम को समझना

एएमएच टेस्ट के नतीजों को सही तरीके से समझने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है। हालांकि, आमतौर पर इसके परिणाम को इस तरह समझा जा सकता है:
  • उच्च एएमएच स्तर (High AMH Level):
    अगर एएमएच का स्तर सामान्य से अधिक है, तो इसका मतलब है कि अंडाशय में अच्छी संख्या में अंडे बचे हैं। यह आमतौर पर प्रजनन क्षमता के लिए अच्छा संकेत होता है। लेकिन अगर एएमएच का स्तर बहुत अधिक है, तो यह पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) जैसी समस्या का संकेत दे सकता है।
  • निम्न एएमएच स्तर (Low AMH Level):
    अगर एएमएच का स्तर कम है, तो इसका मतलब हो सकता है कि अंडाशय में अंडों की संख्या घट रही है। यह प्रजनन क्षमता में कमी का संकेत दे सकता है, खासतौर पर अगर महिला की उम्र बढ़ रही हो।
याद रखें, एएमएच का स्तर केवल एक संकेत है। गर्भधारण की पूरी संभावना जानने के लिए डॉक्टर अन्य टेस्ट और आपकी पूरी सेहत का भी आकलन करेंगे।
 

निष्कर्ष:

एएमएच परीक्षण महिलाओं के लिए उनकी प्रजनन क्षमता का मूल्यांकन करने में मदद करने के लिए एक उपयोगी उपकरण है। हालाँकि, इसकी व्याख्या के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। यदि आप गर्भधारण करने की योजना बना रही हैं या अपनी प्रजनन क्षमता के बारे में जानना चाहती हैं, तो एएमएच परीक्षण एक प्रभावी तरीका हो सकता है।

 साथ ही, स्पर्म क्रैम्प्स, स्पर्म काउंट बढ़ाने की दवा, पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करें और PCOS क्या होता है के बारे में जानना भी आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है।
 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

क्या AMH टेस्ट दर्दनाक होता है?
नहीं, यह एक साधारण रक्त परीक्षण है, जिसमें केवल हल्का चुभन महसूस होती है।

क्या AMH टेस्ट गर्भधारण की गारंटी देता है?
नहीं, AMH टेस्ट केवल अंडाशय में अंडों की संख्या का संकेत देता है। गर्भधारण में अन्य कारक भी भूमिका निभाते हैं।

क्या AMH का स्तर बढ़ाया जा सकता है?
AMH का स्तर स्वाभाविक रूप से उम्र के साथ कम होता है, लेकिन स्वस्थ आहार, व्यायाम और जीवनशैली में सुधार से प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाया जा सकता है।

AMH टेस्ट कब कराना चाहिए?
यदि आप गर्भधारण की योजना बना रही हैं, पीसीओएस के लक्षण हैं या मेनोपॉज के संकेत दिख रहे हैं तो यह टेस्ट कराना उपयोगी हो सकता है।

क्या पुरुषों में भी AMH टेस्ट किया जाता है?
हां, पुरुषों में यह टेस्ट आमतौर पर भ्रूण विकास के दौरान अंडकोष (testes) के कार्य का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है।

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