17 दिन में पीरियड आने का क्या कारण है | Early Period in 17 Days | घरेलू उपाय और इलाज
महिलाओं का सामान्य मासिक धर्म चक्र 28 से 30 दिनों का होता है। लेकिन अगर हर 17 दिन में मासिक धर्म आने लगे, तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है। इसे मेडिकल भाषा में Polymenorrhea (पॉलीमेनोरिया) कहते हैं। यह हार्मोनल असंतुलन, थायरॉइड की समस्या, या गर्भाशय से जुड़ी अन्य बीमारियों का संकेत हो सकता है। इस लेख में जानिए 17 दिन में पीरियड आने के कारण, नुकसान, घरेलू उपाय और इलाज के बारे में विस्तार से।
अगर बार-बार असामान्य पीरियड या गर्भधारण में परेशानी हो रही है, तो यह प्लेसेंटा की स्थिति, हार्मोनल असंतुलन, या अन्य प्रजनन से जुड़ी समस्याओं का परिणाम हो सकता है — ऐसे में सरोगेसी एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हो सकता है। जानिए भारत में सरोगेसी की लागत, प्रक्रिया और जरूरी कानूनी जानकारी। इसके अलावा अगर आप बेंगलोर में सरोगेसी कराने की सोच रहे हैं, तो यहां पढ़ें बैंगलोर में सरोगेसी की पूरी प्रक्रिया, लागत और सफल सेंटर्स की जानकारी।
17 दिन में पीरियड आने के मुख्य कारण
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हार्मोनल असंतुलन
जब शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है, तो इससे ओवुलेशन समय से पहले हो सकता है, और पीरियड्स जल्दी आने लगते हैं। -
थायरॉइड की समस्या
थायरॉइड की गड़बड़ी मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकती है। इससे पीरियड्स जल्दी आने लगते हैं या पूरी तरह रुक सकते हैं। -
वजन में तेजी से बदलाव
तेजी से वजन घटने या बढ़ने से हार्मोन प्रभावित होते हैं और इससे मासिक धर्म समय से पहले आ सकता है। -
तनाव और नींद की कमी
मानसिक तनाव, डिप्रेशन या नींद न पूरी होने से शरीर में कॉर्टिसोल लेवल बढ़ता है, जिससे पीरियड्स जल्दी शुरू हो सकते हैं। -
PCOS/PCOD
PCOS /PCOD (Polycystic Ovary Syndrome) महिलाओं में एक आम हार्मोनल समस्या है, इस स्थिति में अनियमित ओव्यूलेशन के कारण पीरियड्स जल्दी आ सकते हैं। -
यूटरस में फाइब्रॉइड्स या पॉलीप्स
गर्भाशय में बनी ये गांठें भी अनियमित या जल्दी पीरियड्स का कारण बन सकती हैं। -
बर्थ कंट्रोल गोलियों का सेवन
अगर आप हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल कर रही हैं, तो यह आपके पीरियड साइकल को प्रभावित कर सकता है। -
प्रीमेनोपॉज़
40 की उम्र के आसपास महिलाओं के हार्मोन में तेज़ बदलाव शुरू होते हैं। इससे ओव्यूलेशन प्रभावित होता है और पीरियड्स 17 दिन या 21 दिन में आने लगते हैं।
17 दिन में पीरियड आने के नुकसान
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रक्त की कमी (Anemia):
बार-बार ब्लीडिंग से शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है, जिससे चक्कर आना, थकान और कमजोरी हो सकती है। -
थकान और चिड़चिड़ापन:
लगातार हार्मोनल बदलाव से मूड स्विंग्स, डिप्रेशन या तनाव हो सकता है। -
प्रजनन क्षमता पर असर (Fertility Issues):
अगर ओव्यूलेशन प्रभावित हो, तो गर्भधारण में समस्या आ सकती है। -
शारीरिक कमजोरी और इम्युनिटी में गिरावट:
बार-बार पीरियड्स शरीर को थका देते हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। -
सामाजिक और मानसिक परेशानी:
बार-बार पीरियड्स के कारण दिनचर्या और सामाजिक जीवन प्रभावित हो सकता है।
जल्दी पीरियड्स से बचाव के घरेलू उपाय
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अशोक की छाल और शतावरी: ये आयुर्वेदिक औषधियां गर्भाशय को मजबूत बनाती हैं और मासिक धर्म को नियमित रखने में मदद करती हैं।
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मेथी के बीज का पानी: सुबह खाली पेट मेथी का पानी पीने से हार्मोन संतुलन में सुधार होता है।
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गुड़ और तिल का सेवन: शरीर में आयरन की पूर्ति करता है जिससे कमजोरी और जल्दी पीरियड्स की समस्या कम हो सकती है।
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एलोवेरा जूस: यह हॉर्मोन को बैलेंस करने में मदद करता है और मासिक धर्म चक्र को स्थिर बनाता है।
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संतुलित आहार: विटामिन B12, आयरन और कैल्शियम से भरपूर डाइट पीरियड हेल्थ के लिए ज़रूरी है।
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योग, ध्यान और पर्याप्त नींद: ये तीनों चीजें तनाव को कम करती हैं, जिससे हार्मोन स्थिर रहते हैं।
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डॉक्टर की सलाह के बिना गर्भनिरोधक दवाएं न लें: ये दवाएं हार्मोनल बदलाव ला सकती हैं और पीरियड्स अनियमित कर सकती हैं।
जल्दी पीरियड्स का इलाज
जल्दी पीरियड्स का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है:
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हार्मोनल असंतुलन: हार्मोन बैलेंस करने वाली दवाएं दी जाती हैं।
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पीसीओडी: वजन नियंत्रण, सही खानपान और नियमित व्यायाम से सुधार होता है।
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थायरॉइड समस्या: थायरॉइड कंट्रोल करने वाली दवाएं और रेगुलर टेस्ट ज़रूरी हैं।
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तनाव: योग, मेडिटेशन और काउंसलिंग से मानसिक संतुलन पाया जा सकता है।
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फाइब्रॉयड या पोलिप्स: दवाओं से इलाज संभव है, गंभीर स्थिति में सर्जरी की जाती है।
डॉक्टर से कब मिलें?
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लगातार 2–3 साइकल से 17 दिन में पीरियड आ रहे हैं।
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अत्यधिक ब्लीडिंग हो रही है या खून के थक्के आ रहे हैं।
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थकान, चक्कर, वजन घटना या बढ़ना महसूस हो।
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आप गर्भधारण की कोशिश कर रही हैं।
Source:
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1986698&utm
https://www.ircwash.org/sites/default/files/mhm_manual-india.pdf
निष्कर्ष
हर 17 दिन में पीरियड आना सामान्य नहीं है। यह एक मेडिकल समस्या हो सकती है, जिसका समय पर इलाज करवाना ज़रूरी है। समय पर जांच और सही इलाज से न केवल आपकी प्रजनन क्षमता सुरक्षित रह सकती है, बल्कि आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी संतुलित रखा जा सकता है।
FAQs अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. क्या 17 दिन में दोबारा पीरियड आना सामान्य है?
नहीं, यह आमतौर पर हार्मोनल असंतुलन या किसी गाइनिक कारण से होता है। नियमित जाँच ज़रूरी है।
Q2. बार-बार पीरियड आना किस बीमारी का संकेत हो सकता है?
यह पीसीओडी, थायरॉइड या यूटराइन फाइब्रॉयड का लक्षण हो सकता है।
Q3. बार-बार पीरियड आने का इलाज क्या है?
कारण पर आधारित इलाज – जैसे हार्मोन थेरेपी, जीवनशैली में बदलाव, दवाइयां या सर्जरी।
Q4. क्या घरेलू उपाय से पीरियड नियमित हो सकते हैं?
हल्के मामलों में मदद मिल सकती है लेकिन सही इलाज के लिए डॉक्टर से परामर्श आवश्यक है।
Q5. पीरियड जल्दी-जल्दी आने के क्या कारण हो सकते हैं?
हार्मोनल असंतुलन, थायरॉइड की समस्या, पीसीओडी, तनाव, या गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से पीरियड्स जल्दी-जल्दी आ सकते हैं। कभी-कभी यूटरस में फाइब्रॉयड या संक्रमण भी कारण हो सकता है।
Q6. किस विटामिन की कमी से पीरियड्स हल्के होते हैं?
विटामिन B12, विटामिन D और आयरन की कमी से पीरियड्स हल्के हो सकते हैं या ब्लीडिंग कम हो सकती है। ये पोषक तत्व हार्मोनल संतुलन और ब्लड प्रोडक्शन में मदद करते हैं।
Q7. क्या खाने से पीरियड्स जल्दी आते हैं?
पपीता, अजवाइन, अदरक, तिल और हल्दी जैसे गर्म प्रकृति के खाद्य पदार्थों के सेवन से पीरियड्स जल्दी आ सकते हैं क्योंकि ये गर्भाशय को सक्रिय करते हैं।