
प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द क्यों होता है
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई शारीरिक बदलावों का सामना करना पड़ता है, जिनमें से एक आम समस्या पेट के निचले हिस्से में दर्द है। यह दर्द हल्का से लेकर तीव्र हो सकता है और विभिन्न कारणों से हो सकता है। हाल के अध्ययनों में कुछ नए पहलू सामने आए हैं जो इस दर्द के कारणों और इससे बचाव के तरीकों पर प्रकाश डालते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द क्यों होता है और इसे कैसे प्रबंधित किया जा सकता है।
1.गर्भाशय में बदलाव और लिगामेंट में खिंचाव
गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय का आकार बढ़ता है, जिससे आसपास की मांसपेशियों और लिगामेंट्स (ligaments) में खिंचाव आता है। राउंड लिगामेंट पेन (Round Ligament Pain) विशेष रूप से दूसरी तिमाही में अधिक देखा जाता है।नवीनतम शोध:
एक अध्ययन में पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव लिगामेंट को ज़्यादा संवेदनशील बना देते हैं, जिससे यह दर्द और भी बढ़ सकता है। नियमित रूप से हल्के व्यायाम और सही मुद्रा अपनाने से इस दर्द से राहत मिल सकती है।
2.गैस और कब्ज की समस्या
हार्मोनल परिवर्तनों के कारण गर्भवती महिलाओं में पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, जिससे गैस और कब्ज की समस्या हो सकती है। यह भी पेट के निचले हिस्से में दर्द का एक बड़ा कारण है।नवीनतम शोध:
2024 के एक शोध में यह सामने आया कि गर्भावस्था के दौरान आहार में उच्च फाइबर और पर्याप्त पानी का सेवन करने से गैस और कब्ज से जुड़ा दर्द काफी हद तक कम हो सकता है।
3.गर्भावस्था के दौरान तनाव और पेट दर्द
गर्भावस्था के दौरान मानसिक तनाव का भी शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अत्यधिक तनाव के कारण पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है और यह पेट दर्द का कारण बन सकता है।नवीनतम शोध:
टोटोरी विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया कि गर्भावस्था के दौरान तनाव लेने से न केवल मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, बल्कि यह पेट दर्द और अन्य जठरांत्र संबंधी समस्याओं को भी बढ़ा सकता है। नियमित ध्यान (Meditation), योग और पर्याप्त नींद से इस दर्द को कम किया जा सकता है।
4.यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) और पेट दर्द
गर्भावस्था में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का खतरा बढ़ जाता है, जो पेट के निचले हिस्से में दर्द का कारण बन सकता है। बार-बार पेशाब आना, जलन महसूस होना और बुखार UTI के सामान्य लक्षण हो सकते हैं।नवीनतम शोध:
हाल ही में प्रकाशित एक मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का शीघ्र इलाज न करने से प्रसव संबंधी जटिलताएँ बढ़ सकती हैं। डॉक्टर की सलाह पर समय पर उपचार लेना आवश्यक है।
5.अनियंत्रित मधुमेह और थायराइड विकार
गर्भवती महिलाओं में अनियंत्रित मधुमेह और थायराइड विकार भी पेट दर्द का कारण बन सकते हैं। जब रक्त शर्करा स्तर बहुत अधिक या बहुत कम होता है, तो यह पाचन तंत्र और पेट की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है।नवीनतम शोध:
'ट्राईसिटी पेरिनेटोलॉजी 2024' सम्मेलन में बताया गया कि थायराइड विकार और मधुमेह से पीड़ित गर्भवती महिलाओं को अधिक पेट दर्द और ऐंठन का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए नियमित जांच और संतुलित आहार इस दर्द से राहत दिलाने में सहायक हो सकते हैं।
हालांकि, पेट दर्द किसी गंभीर समस्या का कारण भी हो सकता है। आपकी गर्भावस्था के चरण के आधार पर यह निम्न समस्याओं का संकेत हो सकता है:
पहली तिमाही में
- शुरुआत में गर्भपात
- अस्थानिक गर्भावस्था (एक्टोपिक प्रेगनेंसी)
- ओवेरियन हाइपरस्टिमुलेशन सिंड्रोम (ओएचएसएस)
दूसरी तिमाही में
- गर्भावस्था के बाद के चरण में गर्भपात (लेट मिस्कैरिज)
- अपरा का खंडन (प्लेसेंटल अबरप्शन)
तीसरी तिमाही में
- प्री-एक्लेमप्सिया
- समय से पहले प्रसव
पेट के निचले हिस्से में दर्द से राहत पाने के घरेलू तरीके
- प्रेगनेंसी के दौरान एक फिटनेस रूटीन फॉलो करें
- हल्के व्यायाम और स्ट्रेचिंग करें।
- अधिक फाइबर युक्त आहार लें और खूब पानी पिएँ।
- तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन और योग अपनाएँ।
- थायराइड और मधुमेह की नियमित जाँच करवाएँ।
- भारी वस्तुएं ना उठाएं
- एक बार में ज्यादा खाना न खाएं, थोड़ी-थोड़ी देर में हल्का खाना खाएं
- धक्कों से बचें
- जितना हो आराम करें
- टाइट कपड़े ना पहनें
- घुटनों के बीच तकिया रख कर सोएं
- एक्यूपंक्चर का इस्तेमाल करें
- प्रेगनेंसी रूटीन का रेगुलर चेक अप करवाएं
- अगर दर्द बहुत अधिक हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
निष्कर्ष
गर्भावस्था के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द होना आम है, लेकिन यदि यह दर्द लगातार बना रहता है या बहुत तीव्र होता है, तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। शोध के अनुसार, यह दर्द आमतौर पर लिगामेंट खिंचाव, गैस, तनाव, UTI या हार्मोनल बदलाव के कारण हो सकता है। सही आहार, नियमित व्यायाम और डॉक्टर की सलाह लेकर इस दर्द को नियंत्रित किया जा सकता है।अगर आपको भी गर्भावस्था के दौरान पेट में दर्द हो रहा है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें और उचित मार्गदर्शन में ज़रूरी सावधानी बरतें।
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