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प्रेगनेंसी में पति से कब दूर रहना चाहिए? जानिए जरूरी बातें

प्रेगनेंसी में पति से कब दूर रहना चाहिए? जानिए जरूरी बातें

प्रेगनेंसी एक महिला के जीवन का बेहद खास समय होता है। इस दौरान न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक बदलाव भी बहुत तेजी से होते हैं। ऐसे में पति का साथ और सहयोग बेहद जरूरी होता है। लेकिन कई बार कुछ परिस्थितियों में डॉक्टर या विशेषज्ञ पति-पत्नी को थोड़े समय के लिए दूरी बनाए रखने की सलाह दे सकते हैं। तो आइए जानें प्रेगनेंसी में पति से कब दूर रहना चाहिए और इसका क्या कारण होता है।
 

प्रेगनेंसी में संबंध बनाना सुरक्षित है या नहीं?

गर्भावस्था में शारीरिक संबंध को लेकर कई दंपत्तियों के मन में सवाल होते हैं कि प्रेगनेंसी में संबंध बनाना सुरक्षित है या नहीं। । यदि गर्भावस्था सामान्य है और कोई जटिलता नहीं है, तो डॉक्टर की सलाह पर आप शारीरिक संबंध बना सकती हैं। गर्भ में बच्चा सुरक्षित होता है और उसे कोई नुकसान नहीं होता। लेकिन अगर गर्भ में कोई समस्या हो, जैसे रक्तस्राव या समय से पहले प्रसव का खतरा, तो इस समय संबंध बनाने से परहेज़ करना चाहिए। ऐसे मामलों में डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है। यह भी ध्यान रखें कि भावनात्मक स्थिति भी महत्वपूर्ण होती है।

 

प्रेगनेंसी में कब सेक्स करना सुरक्षित होता है?

1. जब गर्भावस्था सामान्य हो - गर्भावस्था के समय बहुत-से सवाल मन में आते हैं, खासकर शारीरिक संबंध को लेकर। अगर आपकी गर्भावस्था सामान्य है और डॉक्टर ने किसी तरह की चिंता नहीं जताई है, तो आप उनकी सलाह के अनुसार नज़दीकी बना सकती हैं।

2. बच्चा पूरी तरह सुरक्षित हो - अगर बच्चा गर्भ में ठीक तरह से सुरक्षित है और माँ को कोई परेशानी नहीं है, तो ऐसे समय में शारीरिक संबंध से कोई नुकसान नहीं होता। गर्भाशय और उसमें मौजूद तरल पदार्थ बच्चे को पूरी तरह सुरक्षित रखते हैं। लेकिन अगर पेट में खिंचाव या दर्द महसूस हो, तो बिना देर किए डॉक्टर से बात करना ज़रूरी होता है।

3. जब मन और रिश्ता दोनों तैयार हों- गर्भ के समय नज़दीकियाँ सिर्फ शरीर का नहीं, बल्कि दिल का भी जुड़ाव होती हैं। यह समय पति-पत्नी के रिश्ते को और गहरा बना देता है, जिससे माँ को भावनात्मक सहारा मिलता है और वह खुद को अकेला महसूस नहीं करती।
 

प्रेगनेंसी में संबंध बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

यदि प्रेगनेंसी सामान्य है और डॉक्टर ने अनुमति दी है, तो संबंध बनाते समय इन बातों का ध्यान रखें:
  • साफ-सफाई और हाइजीन का ध्यान रखें

  • हल्के और सुरक्षित आसन अपनाएं

  • महिला की शारीरिक और मानसिक स्थिति का ध्यान रखें

  • जबरदस्ती या दबाव न डालें

  • अगर किसी भी तरह की तकलीफ़ या दर्द महसूस हो, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें।

 

प्रेगनेंसी में पति से कब दूरी बनानी चाहिए?

1. जब डॉक्टर मना करें
अगर डॉक्टर ने किसी भी वजह से शारीरिक संबंध से परहेज़ करने को कहा हो, जैसे कि शुरुआती महीनों में रक्त आना, बच्चेदानी की स्थिति ठीक न होना या समय से पहले प्रसव का डर हो—तो ऐसे समय में पास आने से बचना चाहिए।

2. भावनात्मक बदलाव के समय
गर्भ के दौरान हार्मोन के कारण महिला का मन कई बार बेचैन या चिड़चिड़ा हो सकता है। ऐसे समय में अगर पति थोड़ा समझें और पत्नी को उसकी भावनाओं के साथ जीने दें, तो रिश्ता और मजबूत हो जाता है।

3. संक्रमण से बचाव के लिए
अगर पति को सर्दी, खांसी या किसी तरह का संक्रमण हो, तो पत्नी और होने वाले बच्चे को बचाने के लिए कुछ दिन दूर रहना सही होता है।

4. जब आपसी रिश्ते में तनाव हो
अगर पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर अनबन हो रही हो, तो बेहतर यही होता है कि कुछ समय के लिए दोनों थोड़ा शांत हो जाएं। दूरी बनाकर सोचने से मन भी ठंडा होता है और रिश्ते में भी मिठास बनी रहती है।

 

प्रेगनेंसी में संबंध बनाना कब बंद कर देना चाहिए ?

अगर गर्भवती महिला को निम्नलिखित समस्याएँ हों, तो डॉक्टर अक्सर शारीरिक संबंध से बचने की सलाह देते हैं, क्योंकि इन स्थितियों में माँ और बच्चे दोनों के लिए जोखिम हो सकता है:
1. जब बच्चेदानी का निचला हिस्सा झिल्ली से ढका हो
अगर प्लेसेंटा यानी झिल्ली गर्भाशय के नीचे की तरफ आ जाए, तो रक्तस्राव हो सकता है, जो माँ के लिए घातक साबित हो सकता है।

2. बार-बार खून आना या धब्बे लगना
अगर गर्भ के समय बार-बार खून आता हो या हल्के धब्बे दिखते हों, तो ऐसे समय में नज़दीकी से परहेज़ करना चाहिए।

3. जब बच्चेदानी में कोई संक्रमण हो
अगर गर्भाशय में कोई बीमारी या सूजन हो, तो शारीरिक संबंध से वह बीमारी और फैल सकती है, जिससे माँ और बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।

4. पहले गर्भपात हो चुका हो
अगर महिला को पहले गर्भपात हो चुका हो, तो इस बार गर्भ को संभालना और भी ज़रूरी हो जाता है। ऐसे में शारीरिक संबंध से बचना अच्छा होता है।

5. जब पेट में जुड़वां या ज़्यादा बच्चे हों
अगर गर्भ में एक से ज़्यादा बच्चे पल रहे हों, तो गर्भाशय पर पहले से ही ज़्यादा दबाव होता है। ऐसे में ज़्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है और पति-पत्नी को कुछ समय के लिए दूरी बनानी चाहिए।
 

प्रेगनेंसी में सम्बन्ध बनाने का बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है?

आमतौर पर गर्भ में बच्चा पूरी तरह सुरक्षित रहता है, क्योंकि उसे चारों ओर से एक तरल पदार्थ एम्नियोटिक फ्लूइड (amniotic fluid) और मजबूत दीवारें घेर कर रखती हैं । लेकिन अगर गर्भावस्था में कोई दिक्कत हो — जैसे कोई बीमारी या जोखिम — तो शारीरिक संबंध से गर्भ में खिंचाव आ सकता है, जो बच्चे के लिए ठीक नहीं होता। इसलिए हर हाल में डॉक्टर की सलाह लेना बहुत ज़रूरी होता है, ताकि माँ और बच्चे दोनों की सेहत सुरक्षित रह सके।

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निष्कर्ष

प्रेगनेंसी में पति से दूरी कब ज़रूरी होती है, यह पूरी तरह माँ की सेहत और गर्भ की स्थिति पर निर्भर करता है। ऐसे समय में पति का साथ और समझदारी बहुत मायने रखती है। अगर कभी-कभी नज़दीकियों से थोड़ी दूरी बनाने की ज़रूरत हो, तो उसे गलत न समझें। यह दूरी किसी नाराज़गी की नहीं, बल्कि माँ और बच्चे की भलाई की होती है। इसे एक ज़िम्मेदार फ़ैसला मानें, जो एक सुरक्षित और स्वस्थ गर्भावस्था की ओर ले जाता है।
 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

 

1. प्रेगनेंसी में कौन से महीने में संबंध नहीं बनाना चाहिए?
पहले तीन महीने (पहला ट्राइमेस्टर) और आखिरी महीने (नौवां महीना) में संबंध बनाने से बचना चाहिए, खासकर अगर ब्लीडिंग, दर्द या मिसकैरेज का रिस्क हो।

2. 5 महीने की प्रेगनेंसी में रिलेशन बनाने से क्या नुकसान होता है?
अगर प्रेगनेंसी सामान्य है, तो 5वें महीने में संबंध बनाना सुरक्षित होता है। लेकिन अगर पेट में खिंचाव, दर्द या डॉक्टर ने मना किया है, तो नुकसान हो सकता है जैसे प्री-टर्म लेबर या संक्रमण।

3. प्रेगनेंसी में पति-पत्नी को कैसे रहना चाहिए?
एक-दूसरे के प्रति प्यार, सहयोग और समझदारी दिखाना चाहिए। महिला के शारीरिक और भावनात्मक बदलावों को समझते हुए धैर्य और साथ देना ज़रूरी है।

4. पति-पत्नी को महीने में कितनी बार संबंध बनाना चाहिए?
यह पूरी तरह कपल की सुविधा, महिला की तबीयत और डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है। जब तक कोई मेडिकल रिस्ट्रिक्शन न हो, तो संबंध बना सकते हैं।

5. पत्नी के गर्भवती होने पर पुरुष को क्या नहीं करना चाहिए?
गुस्सा, उपेक्षा या दबाव नहीं डालना चाहिए। शारीरिक और मानसिक रूप से पत्नी का साथ देना चाहिए, और डॉक्टर की सलाह के बिना कोई ज़ोरदार गतिविधि या सेक्स पोजीशन नहीं अपनानी चाहिए।

Dr sunita singh Rathour

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