
प्रेगनेंसी में कितने महीने तक संबंध बनाना चाहिए: किन बातों का रखें ध्यान?
गर्भावस्था एक खूबसूरत और संवेदनशील समय होता है, इस दौरान महिला के शरीर और भावनाओं में कई बदलाव आते हैं। इसी दौरान बहुत के मन में यह सवाल उठता है कि क्या प्रेगनेंसी में संबंध बनाना सुरक्षित है? और अगर हां, तो कितने महीने तक? साथ ही, किन परिस्थितियों में सेक्स से परहेज़ करना चाहिए?
इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि प्रेगनेंसी में कब तक सेक्स करना सुरक्षित होता है, किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
यदि आप किसी कारणवश प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं या प्रेगनेंसी आपके लिए जोखिम भरी हो सकती है, तो सुरोगेसी (Surrogacy) एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हो सकता है। मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में Vinsfertility आपको सर्वश्रेष्ठ सरोगेसी सेवाएं प्रदान करता है, जहां मेडिकल विशेषज्ञों की टीम आपको संपूर्ण मार्गदर्शन और देखरेख देती है। चाहे बात सही सरोगेट माँ चुनने की हो या कानूनी प्रक्रिया की, Vinsfertility हर कदम पर आपका साथ देता है, ताकि आप माता-पिता बनने के अपने सपने को सुरक्षित और सफल रूप से पूरा कर सकें।
क्या प्रेगनेंसी में सम्बन्ध बनाना चाहिए या नहीं
गर्भावस्था के दौरान बहुत से लोग सेक्स करने से घबराते हैं। उन्हें लगता है कि इससे पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान हो सकता है। लेकिन अगर प्रेगनेंसी ठीक चल रही हो और डॉक्टर ने मना नहीं किया हो, तो इस समय सेक्स करना सुरक्षित होता है। बच्चा मां के पेट में एक खास थैली (एमनियोटिक सैक) में होता है, जो उसे सुरक्षित रखती है। गर्भाशय की मांसपेशियां और थैली का पानी भी उसे बाहरी दबाव से बचाते हैं। इसलिए सेक्स करने से बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता।अगर आप चाहती हैं कि आपकी डिलीवरी नॉर्मल हो, तो इस दौरान सेक्स करना फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, प्रेगनेंसी के आखिरी हफ्तों में डॉक्टर आमतौर पर सेक्स से परहेज़ करने की सलाह देते हैं, ताकि किसी तरह की परेशानी न हो।
प्रेगनेंसी में कितने महीने तक संबंध बना सकते हैं?
गर्भावस्था के दौरान संबंध बनाना एक सामान्य बात है, लेकिन यह पूरी तरह से महिला की सेहत, गर्भ की स्थिति और तिमाही पर निर्भर करता है-पहली तिमाही (1 से 3 महीने)
इस दौरान कुछ महिलाओं को थकान, मिचली, उल्टी या हल्की ब्लीडिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में अगर शरीर ठीक महसूस न करे, तो सेक्स से बचना बेहतर होता है।
दूसरी तिमाही (4 से 6 महीने)
यह समय आमतौर पर सबसे सुरक्षित माना जाता है। इस दौरान सेक्स ड्राइव भी सामान्य या थोड़ी बढ़ी हुई हो सकती है, इस समय संबंध बनाए जा सकते हैं।
तीसरी तिमाही (7 से 8 महीने)
इस समय पेट का आकार बड़ा हो जाता है, जिससे कुछ पोजिशन असहज हो सकती हैं। अगर डॉक्टर ने कोई रोक नहीं लगाई है, तो सुरक्षित तरीकों से संबंध बनाए जा सकते हैं।
नवां महीना
गर्भावस्था के आखिरी महीने में ज्यादातर डॉक्टर सेक्स से बचने की सलाह देते हैं। क्योंकि इस समय सेक्स से लेबर पेन शुरू हो सकता है या पानी की थैली फटने का खतरा रहता है।
प्रेगनेंसी में सम्बन्ध बनाना कब बंद कर देना चाहिए?
हालांकि प्रेगनेंसी में सेक्स आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ खास हालात में इससे बचना बेहतर होता है, जैसे:- जब प्लेसेंटा नीचे की ओर हो (प्लेसेंटा प्रिविया)।
- गर्भाशय का मुंह जल्दी खुलने लगे।
- पहले गर्भपात हो चुका हो।
- जुड़वां बच्चों की प्रेगनेंसी हो।
- योनि से अचानक रक्तस्राव होने लगे।
- एमनियोटिक पानी का रिसाव हो रहा हो।
- लेबर के लक्षण जैसे ऐंठन या संकुचन महसूस हों।
गर्भवती महिला से सम्बन्ध कैसे बनाएं?
गर्भावस्था के दौरान सही पोजीशन चुनना बहुत जरूरी होता है, ताकि मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा बनी रहे-- करवट लेकर संबंध बनाना – इसमें महिला साइड में लेटती है और पेट पर कोई दबाव नहीं पड़ता।
- महिला ऊपर हो – इस पोजीशन में महिला को पूरा नियंत्रण रहता है। जब भी असहज लगे, वो रुक सकती है।
- बैठने की स्थिति – शुरुआती महीनों में महिला पुरुष की गोद में बैठ सकती है, यह पोजीशन हल्की और सहज मानी जाती है।
- पीछे से संबंध (सावधानी से) – इस पोजीशन में भी पेट पर दबाव नहीं पड़ता, लेकिन इसे आराम और समझदारी से अपनाना चाहिए।
डिलीवरी के बाद शारीरिक संबंध कब शुरू करें?
बच्चे के जन्म के बाद महिला का शरीर काफी बदलावों से गुजरता है और उसे पूरी तरह से ठीक होने में थोड़ा समय लगता है। चाहे डिलीवरी सामान्य हुई हो या ऑपरेशन से, डॉक्टर आमतौर पर छह हफ़्ते तक शारीरिक संबंध न बनाने की सलाह देते हैं। इस दौरान शरीर के टांके भर रहे होते हैं, हार्मोन में बदलाव होते हैं और थकावट भी बनी रहती है, जिससे इच्छा भी कम हो सकती है।इसलिए शारीरिक संबंध दोबारा शुरू करने से पहले डॉक्टर से एक बार ज़रूर सलाह लें, ताकि किसी तरह का संक्रमण या तकलीफ न हो।
क्या स्तनपान के दौरान गर्भ ठहर सकता है?
हाँ, स्तनपान के दौरान भी गर्भ ठहर सकता है।हालाँकि इस समय अंडोत्सर्जन (अंडे का निकलना) कुछ समय के लिए रुक सकता है, लेकिन यह पूरी तरह गर्भधारण से सुरक्षा नहीं देता। कई लोग सोचते हैं कि जब तक मासिक धर्म दोबारा शुरू नहीं होता, तब तक गर्भ नहीं ठहर सकता – मगर ऐसा जरूरी नहीं है।
अगर आप जल्दी दोबारा गर्भवती नहीं होना चाहतीं, तो किसी सुरक्षित गर्भनिरोधक उपाय का सहारा लेना चाहिए। इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना सबसे बेहतर होता है।
"मां का शरीर बहुत कुछ सहता है, इसलिए खुद का ख्याल रखना भी उतना ही ज़रूरी है।"
निष्कर्ष
गर्भावस्था के दौरान शारीरिक संबंध बनाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, अगर सब कुछ सामान्य हो और डॉक्टर ने मना न किया हो। यह न सिर्फ आपके रिश्ते को मजबूत बनाता है, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव भी बनाए रखता है। डर या भ्रम में रहने की बजाय सही जानकारी लें और अपने जीवनसाथी से खुलकर बात करें। एक-दूसरे की भावनाओं और शारीरिक स्थिति को समझना इस दौरान बहुत जरूरी होता है।याद रखें – हर महिला की गर्भावस्था अलग होती है। इसलिए कोई भी फैसला लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. प्रेग्नेंसी में पति से कब दूर रहना चाहिए?
जब पत्नी को असहजता हो, रक्तस्राव, दर्द, या डॉक्टर ने विश्राम की सलाह दी हो, तब पति को शारीरिक दूरी रखनी चाहिए और भावनात्मक रूप से साथ देना चाहिए।
2. प्रेगनेंसी में कौन से महीने के बाद शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए?
आठवें और नौवें महीने में संबंध बनाने से बचना चाहिए, क्योंकि इस समय प्रसव का समय नज़दीक होता है और गर्भ में दबाव बढ़ सकता है।
3. प्रेगनेंसी में पति को क्या करना चाहिए?
पति को पत्नी की देखभाल, भावनात्मक सहयोग, घरेलू मदद और डॉक्टर की सलाह अनुसार व्यवहार करना चाहिए।
4. बच्चा होने के बाद कितने दिन में संबंध बनाना चाहिए?
सामान्यत: डिलीवरी के 6 हफ्ते (40 दिन) बाद, जब शरीर पूरी तरह से ठीक हो जाए और महिला तैयार महसूस करे, तब संबंध बनाए जा सकते हैं।
5. डिलीवरी के बाद बच्चेदानी का मुंह कितने दिन तक खुला रहता है?
डिलीवरी के बाद गर्भाशय का मुंह (गर्भाशय ग्रीवा) धीरे-धीरे सिकुड़ने और बंद होने की प्रक्रिया से गुजरता है। आमतौर पर यह प्रक्रिया लगभग 4 से 6 हफ्तों तक चलती है। इस दौरान बच्चेदानी का मुंह धीरे-धीरे अपने सामान्य आकार में लौटता है।
6. 1 सप्ताह में कितनी बार संबंध बनाना चाहिए?
संबंध बनाने की कोई निश्चित संख्या नहीं होती – यह पूरी तरह कपल की इच्छा, शारीरिक स्थिति और मानसिक जुड़ाव पर निर्भर करता है। अगर दोनों पार्टनर सहज हैं और स्वास्थ्य अच्छा है, तो सप्ताह में 1 से 3 बार संबंध बनाना सामान्य और स्वस्थ माना जाता है।