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PCOD के लक्षण | महिलाओं में PCOD कारण और संकेत | PCOD पहचानें आसानी से

PCOD के लक्षण | महिलाओं में PCOD कारण और संकेत | PCOD पहचानें आसानी से

Gynecologist & IVF Specialist, Vinsfertility Hospital 18+ Years Experience • 1,000+ Successful Live Births

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), जिसे भारत में अक्सर PCOD (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज) कहा जाता है, प्रजनन उम्र की महिलाओं में सबसे आम हार्मोनल समस्या है। यह समस्या सिर्फ मासिक धर्म चक्र को ही प्रभावित नहीं करती, बल्कि लंबे समय में स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं का कारण भी बन सकती है।

PCOD की समय पर पहचान और सही जानकारी बहुत ज़रूरी है ताकि इसे सही तरीके से संभाला जा सके। यह ब्लॉग पोस्ट आपको बताएगा कि PCOD के लक्षण क्या हैं, इसके कारण क्या हो सकते हैं, और इसे कैसे नियंत्रित या प्रबंधित किया जा सकता है

PCOD के कारण मासिक धर्म अनियमित हो सकता है, ओव्यूलेशन प्रभावित हो सकता है, और गर्भधारण मुश्किल हो सकता है। ऐसे मामलों में अगर प्रेग्नेंसी नहीं हो पाती, तो भारत में सरोगेसी की लागत और बैंगलोर में सरोगेसी की लागत जैसी जानकारी आपके लिए मददगार हो सकती है, ताकि आप सही विकल्प चुन सकें।


PCOD क्या है?

PCOD (Polycystic Ovary Disorder) एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिला के अंडाशय (ovaries) में छोटे-छोटे सिस्ट (cysts) बनने लगते हैं। ये सिस्ट वास्तव में अधूरे पके हुए अंडाणु होते हैं। इस वजह से अंडाणु हर महीने पूरी तरह से रिलीज़ नहीं हो पाता और मासिक धर्म चक्र बिगड़ जाता है।

PCOD मुख्य रूप से एक हार्मोनल असंतुलन है। इसमें महिलाओं के शरीर में एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है, जिससे कई लक्षण दिखने लगते हैं जैसे अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, चेहरे पर बाल आना, मुंहासे और प्रजनन क्षमता में कमी।


PCOD/PCOS क्यों होता है?

PCOD/PCOS के कारणों में निम्नलिखित प्रमुख कारक शामिल हैं:

  1. इंसुलिन प्रतिरोध : यह PCOD का एक महत्वपूर्ण कारण है। इस स्थिति में, शरीर की कोशिकाएँ इंसुलिन हार्मोन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं। परिणामस्वरूप, शरीर अधिक इंसुलिन बनाता है, जिससे पुरुष हार्मोन (एण्ड्रोजन) का उत्पादन बढ़ जाता है और ओव्यूलेशन (अंडाशय से अंडा जारी होना) बाधित होता है।

  2. एण्ड्रोजन की अधिकता: अंडाशय अत्यधिक मात्रा में पुरुष हार्मोन (जैसे टेस्टोस्टेरोन) का उत्पादन करने लगते हैं, जिसके कारण अनचाहे बाल उगना (Hirsutism), मुंहासे और बालों का झड़ना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

  3. आनुवंशिकी: यदि परिवार में किसी महिला (जैसे माँ या बहन) को PCOD है, तो आपको भी यह होने का खतरा बढ़ जाता है।

  4. शरीर में सूजन: कुछ शोध बताते हैं कि शरीर में कम-स्तर की, पुरानी सूजन भी एण्ड्रोजन उत्पादन को बढ़ा सकती है, जिससे PCOD/PCOS के लक्षण बिगड़ते हैं।

  5. लाइफस्टाइल फैक्टर:
  • अस्वस्थ खानपान

  • अत्यधिक जंक फूड और मीठे पदार्थ

  • शारीरिक गतिविधि की कमी

  • तनाव और नींद की कमी


PCOD के प्रमुख लक्षण

1. अनियमित मासिक धर्म : PCOD का सबसे आम लक्षण

PCOD में हार्मोनल असंतुलन, खासकर एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का अधिक स्तर, अंडाशय को नियमित रूप से अंडाणु जारी करने से रोकता है। इससे मासिक धर्म अनियमित हो जाता है या कभी-कभी बिल्कुल नहीं आता।

2. अनचाहे बाल और मुंहासे 

PCOD में एण्ड्रोजन का स्तर बढ़ने के कारण ये लक्षण सामने आते हैं।

  • अत्यधिक बाल (Hirsutism): चेहरे, ठोड़ी, छाती, पेट या पीठ पर काले और मोटे बाल उगना।

  • गंभीर मुंहासे (Severe Acne): त्वचा का तैलीय होना और हार्मोन-जनित मुंहासे जो सामान्य उपचार से ठीक नहीं होते।

3. वजन बढ़ना और मोटापा 

PCOD से प्रभावित महिलाओं में अक्सर पेट के आसपास मोटापा देखा जाता है। इसका मुख्य कारण इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) है। शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे वजन बढ़ता है और PCOD के लक्षण और बढ़ सकते हैं।

4. पीसीओडी में बांझपन

अनियमित या अनुपस्थित ओव्यूलेशन की वजह से अंडाणु नियमित रूप से नहीं निकल पाते। यही कारण है कि PCOD महिलाओं में गर्भधारण कठिन हो सकता है।

5. बालों का झड़ना 

अत्यधिक एण्ड्रोजन के कारण कुछ महिलाओं के सिर के बाल पतले या झड़ने लगते हैं। इसे महिला पैटर्न गंजापन कहा जाता है।


PCOD को कैसे पहचाने?

यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कई लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। डॉक्टर आमतौर पर:

  • ब्लड टेस्ट (हार्मोन और शुगर स्तर जांचने के लिए)

  • अल्ट्रासाउंड (अंडाशय में सिस्ट देखने के लिए)

  • शारीरिक परीक्षण करते हैं।
     

PCOD का इलाज: 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOD) का इलाज समग्र दृष्टिकोण से किया जाता है। सही उपचार का चयन आपकी लक्षणों की गंभीरता, उम्र और जीवनशैली पर निर्भर करता है। 

PCOD के लिए प्रभावी घरेलू उपाय:

घरेलू उपाय PCOD के लक्षणों को कम करने और हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

  • संतुलित आहार: हरी सब्ज़ियाँ, फल, साबुत अनाज, और प्रोटीन युक्त भोजन लें।

  • वजन नियंत्रित करना: सिर्फ 5–10% वजन कम करने से मासिक धर्म नियमित हो सकता है और इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है।

  • व्यायाम और योग: रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक, योग या हल्की एक्सरसाइज करें।

  • शुगर और कार्बोहाइड्रेट कम करना: जंक फूड, मीठा और प्रोसेस्ड फूड कम करें।

  • हर्बल टी: दालचीनी, अदरक और तुलसी की चाय ब्लड शुगर और हार्मोन संतुलन में मदद कर सकती है।
     

PCOD के लिए आयुर्वेदिक उपचार​ 

आयुर्वेद में PCOD को हॉर्मोनल असंतुलन और अग्नि दोष के रूप में देखा जाता है। कुछ आयुर्वेदिक उपाय हैं:

  • त्रिफला: पाचन सुधारने और शरीर की टॉक्सिन्स निकालने में मदद करता है।

  • शिलाजीत: हार्मोन संतुलन और ऊर्जा बढ़ाने के लिए।

  • अश्वगंधा: तनाव कम करता है और हार्मोन संतुलन में सहायक है।

  • योग और प्राणायाम: मानसिक स्वास्थ्य और हार्मोन संतुलन के लिए आयुर्वेद में बहुत ज़रूरी।


PCOD का दवा और मेडिकल उपचार

अगर घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय पर्याप्त नहीं हैं, तो डॉक्टर कुछ दवाओं का सुझाव दे सकते हैं:

  • हार्मोनल दवाएँ: मासिक धर्म नियमित करने या एण्ड्रोजन स्तर कम करने के लिए।

  • मेटफॉर्मिन: इंसुलिन प्रतिरोध और वजन घटाने में मदद करता है।

  • फर्टिलिटी दवाएँ: ओव्यूलेशन बढ़ाने के लिए, जैसे क्लोमिफ़िन।

  • सर्जिकल विकल्प: केवल गंभीर मामलों में ही, जैसे laparoscopic surgery।


PCOD और PCOS में क्या अंतर है?

हालांकि PCOD और PCOS शब्दों का इस्तेमाल अक्सर एक-दूसरे की जगह किया जाता है, लेकिन चिकित्सा की दृष्टि से उनमें सूक्ष्म अंतर है:

विशेषता PCOD (Polycystic Ovarian Disease) PCOS (Polycystic Ovary Syndrome)
प्रकृति यह एक बीमारी है। यह एक सिंड्रोम है (लक्षणों का समूह)।
गंभीरता आमतौर पर यह एक कम गंभीर स्थिति मानी जाती है। यह एक अधिक जटिल अंतःस्रावी (Endocrine) विकार है।
मेटाबॉलिक जोखिम आमतौर पर कम मेटाबॉलिक जोखिम जुड़े होते हैं। उच्च इंसुलिन प्रतिरोध, मधुमेह, और हृदय रोग का अधिक जोखिम होता है।
ओवरी की कार्यक्षमता ओवरीज़ बड़ी हो जाती हैं और सिस्ट बन जाते हैं, लेकिन कई मामलों में अंडाशय सामान्य रूप से कार्य करते रहते हैं। हार्मोनल असंतुलन के कारण ओवरीज़ की कार्यप्रणाली गंभीर रूप से प्रभावित होती है, ओव्यूलेशन बहुत कम या नहीं होता है।


स्रोत (Sources):


निष्कर्ष

PCOD एक जटिल लेकिन प्रबंधनीय स्थिति है। इसके लक्षणों को अनदेखा करना भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे मधुमेह (diabetes), हृदय रोग और बांझपन। इसलिए, अगर आपको लगता है कि आपमें PCOD के लक्षण हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। सही समय पर निदान और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव से आप इस स्थिति को नियंत्रित कर सकती हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकती हैं। याद रखें, जानकारी ही बचाव है।
 

FAQs

1. पीसीओडी को कैसे पहचानें?
PCOD के सामान्य लक्षणों में अनियमित पीरियड्स, चेहरे या शरीर पर बालों का बढ़ना, वजन बढ़ना, और मुंहासे शामिल हैं। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट के जरिए इसकी पुष्टि करते हैं।

2. हमें कैसे पता चलेगा कि हमारा पीसीओडी ठीक हो गया है?
यदि आपके पीरियड नियमित हो गए हैं, वजन नियंत्रित है, और हार्मोन स्तर सामान्य हैं, तो PCOD में सुधार माना जा सकता है।

3. PCOD कितने दिन में ठीक होता है?
PCOD एक स्थायी समस्या नहीं होती, लेकिन इसके लक्षण सुधारने में महीने या साल लग सकते हैं। सही इलाज, डाइट और लाइफस्टाइल सुधार से यह नियंत्रित हो सकता है।

4. PCOS दर्द कहाँ स्थित है?
PCOS का दर्द अक्सर पेट के निचले हिस्से या ओवरी के आसपास महसूस होता है। कभी-कभी यह पीठ तक भी फैल सकता है।

5. क्या पीसीओडी से कमर दर्द होता है?
हाँ, कई महिलाओं को PCOD में ओवरी या पेल्विक क्षेत्र के दर्द के कारण कमर में भी दर्द महसूस होता है।

6. ओवेरियन सिस्ट का दर्द पीठ में कहां होता है?
ओवेरियन सिस्ट के दर्द आमतौर पर निचली पीठ या पेल्विक क्षेत्र में होता है, जो कभी-कभी बगल और जांघ तक फैल सकता है।

7. आपको कैसे पता चलेगा कि आप ओवुलेट नहीं कर रही हैं?
अनियमित या बहुत हल्की पीरियड्स, अत्यधिक मासिक दर्द, और ओवरी में सिस्ट होना ओवुलेशन न होने के संकेत हो सकते हैं। डॉक्टर टेस्ट (जैसे LH, FSH और अल्ट्रासाउंड) से पुष्टि कर सकते हैं।

8. पीसीओडी में क्या परहेज करें?
PCOD में तला-भुना, ज्यादा मीठा और जंक फूड, ज्यादा फैटी या प्रोसेस्ड फूड से बचें। कैफीन और शराब का सेवन भी सीमित करें।

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