
Miscarriage in Hindi: गर्भपात के कारण, लक्षण और उपाय? जानिए इसके बारे में सब कुछ!
गर्भपात गर्भावस्था से जुड़ी एक बहुत ही सामान्य और दर्दनाक समस्या है। गर्भपात अत्यधिक सामान्य और कठिनाई भरा दर्द होता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 10-20% महिलाएं गर्भपात कराती हैं, जबकि कुछ रिसर्च के अनुसार यह आंकड़ा 30% तक जा सकता है। गर्भपात दंपत्तियों के लिए एक गहरे शोक और निराशा का कारण बन सकता है और ये सिर्फ फेस या मेटाली उपचार नहीं, माइंड से लोगों के लिए फिजिकली भी बहुत कठिन होता है। ऐसे में, रिफंड रूल्स, दंपत्ति, इससे आसानी के समय में सही एलायंस पास कर सके।मार्गदर्शन और सहारा मिल सके।
आखिर क्या होता है गर्भपात?
क्या आपने कभी सोचा है कि गर्भपात क्या होता है और यह किसी महिला के जीवन पर किस तरह प्रभाव डालता है? गर्भपात, जिसे हम miscarriage भी कहते हैं, एक ऐसी दुखद घटना है, जब गर्भवती महिला का भ्रूण 20 हफ्ते से पहले मर जाता है या सही तरीके से विकसित नहीं हो पाता। यह बहुत ही सामान्य घटना है, लेकिन इसका असर शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से गहरा हो सकता है।
गर्भपात के संकेत: जानिए, कब हो सकता है खतरा?
गर्भावस्था एक खूबसूरत और खास समय होता है, लेकिन कभी-कभी कुछ परिस्थितियों के कारण गर्भपात हो सकता है। गर्भपात के संकेतों को पहचानना बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि समय रहते सही कदम उठाए जा सकें। यदि आप गर्भवती हैं या गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण महसूस कर रही हैं, तो इन संकेतों को समझना आपकी मदद कर सकता है।
1. पेट में ऐंठन और दर्द: गर्भवस्था के दौरान हल्की ऐंठन आम हो सकती है, लेकिन अगर दर्द तेज़ हो और पीरियड्स जैसे महसूस हो, तो यह एक संकेत हो सकता है कि कुछ गलत हो रहा है। यह दर्द गर्भाशय के संकुचन के कारण हो सकता है, और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
2. रक्तस्राव (Bleeding) होना: गर्भावस्था के दौरान हल्का रक्तस्राव कभी-कभी सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर रक्तस्राव ज्यादा हो, गहरे लाल या ब्राउन रंग का हो, या उसमें थक्के (clots) दिखाई दें, तो यह गंभीर संकेत हो सकता है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
3. भ्रूण के ऊतकों का बाहर आना: अगर आपको किसी भी प्रकार का ऊतक (tissue) या पदार्थ बाहर निकलता हुआ दिखाई दे, तो यह गर्भपात का संकेत हो सकता है। यह आमतौर पर गर्भ के निष्कासन का संकेत देता है।
4. गर्भावस्था के लक्षणों का गायब होना: गर्भवस्था के शुरुआती लक्षण जैसे मिचली (nausea), थकान, या स्तनों का दर्द अचानक कम हो जाना भी गर्भपात का संकेत हो सकता है। अगर आपको ये लक्षण अचानक गायब होते हुए महसूस हों, तो यह चिंता का कारण हो सकता है।
5. पीठ में तेज़ दर्द और असुविधा: अगर आपके निचले पीठ में असहनीय दर्द या गहरी असुविधा महसूस हो, तो यह भी एक संकेत हो सकता है कि गर्भपात हो रहा है।
महत्वपूर्ण बातें: गर्भपात के संकेत हर महिला में अलग हो सकते हैं, और कभी-कभी हलका रक्तस्राव या पेट में हल्का दर्द होना गर्भपात का कारण नहीं होता। लेकिन अगर आपको किसी भी प्रकार के चिंता के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। आपकी सेहत और गर्भावस्था की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।
सुरक्षित रहना है जरूरी: गर्भावस्था के हर पल को सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रखना हर महिला का अधिकार है। अगर आपको किसी भी प्रकार की परेशानी महसूस हो, तो अपनी चिंता को नज़रअंदाज़ न करें और डॉक्टर से संपर्क करें। समय रहते उचित इलाज से आप अपनी गर्भावस्था को सुरक्षित रख सकती हैं।
गर्भपात के दौरान महिलाओं में भावनात्मक बदलाव: मानसिक प्रभाव और महसूस होने वाली भावनाएं
गर्भपात करने वाले व्यक्ति के द्वारा गर्भपात की प्रक्रिया को जीनेवाली महिलायें घातक आक्षेपण के लिये तैयार रहती हैं .एक महिला जो गर्भपात के दौरान गुजरती है, क्या कि कई भावनाएं जीतनी होती हैं। सबसे निकट में उन्हें डर और चिंता की भावना आ सकती है, क्योंकि गर्भपात उन्हें भावनात्मक तौर से गम्भीर रूप से धकेल सकते हैं। उसके बाद, दु:खी और अकेलापन महसूस होती है, जो गर्भपात के बाद महिलाओं के लिए सामान्य है। उन्हें क्रोध या रुखा-सुखा महसूस हो सकता है। ‘क्राइम अफ गर्भपात’ की भावना भी महसूस कर सकती है, जिससे उनका मानसिक दबाव बढ़ सकता है। गर्भपात की खोई हुई के शोक और बौद्धिक हिनत उन्हें संकट में डाल सकते हैं। कई बार, महिलायें इस अनुभव को शेयर करने की अंधेरी गाली देती हैं और अकेलेपन महसूस होता है।
गर्भपात के कारण: क्या कारण हैं इस दर्दनाक अनुभव के पीछे?
गर्भपात एक बेहद भावनात्मक और शारीरिक रूप से कठिन अनुभव हो सकता है, और इसके पीछे कई अलग-अलग कारण होते हैं। कभी-कभी यह अनायास हो सकता है, तो कभी कुछ शारीरिक या मानसिक कारणों से। आइए जानें, क्या हो सकते हैं गर्भपात के प्रमुख कारण:
- जिनेटिक समस्याएँ
कभी-कभी भ्रूण में जीन या क्रोमोसोमल समस्याएँ हो सकती हैं, जिनकी वजह से गर्भपात हो जाता है। यह आमतौर पर महिला के स्वास्थ्य से संबंधित नहीं होता, और इस पर उसका कोई नियंत्रण नहीं होता। - शारीरिक स्वास्थ्य की समस्याएँ
यदि महिला का शारीरिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। जैसे कि हार्मोनल असंतुलन, गर्भाशय में असामान्यताएँ या कोई अन्य शारीरिक समस्या, यह सभी गर्भपात का कारण बन सकते हैं। - उम्र का असर
महिलाओं की उम्र बढ़ने के साथ गर्भपात का खतरा भी बढ़ सकता है, खासकर 35 साल के बाद। उम्र बढ़ने के साथ अंडाणु की गुणवत्ता पर असर पड़ता है, जो गर्भधारण में समस्या उत्पन्न कर सकता है। - मानसिक दबाव और तनाव
गर्भावस्था के दौरान मानसिक तनाव और चिंता भी गर्भपात का कारण बन सकती है। अत्यधिक तनाव और दबाव शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से महिला की सेहत को प्रभावित करते हैं, और इसका असर गर्भस्थ शिशु पर भी पड़ सकता है। - जीवनशैली की आदतें
धूम्रपान, शराब का सेवन या नशीली दवाओं का उपयोग गर्भपात के जोखिम को बढ़ा सकता है। यदि कोई महिला इन आदतों को अपनाती है, तो इससे शिशु के विकास में रुकावट आ सकती है और गर्भपात हो सकता है। - स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएँ
कुछ बीमारियाँ, जैसे उच्च रक्तचाप, डायबिटीज़ या थायराइड की समस्याएँ भी गर्भपात का कारण बन सकती हैं, खासकर जब इनका सही तरीके से इलाज नहीं किया जाता। - शारीरिक चोट या दुर्घटना
कभी-कभी गंभीर शारीरिक चोट या दुर्घटना भी गर्भपात का कारण बन सकती है, विशेषकर गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में।
गर्भपात के खतरे: जानिए, क्या हैं गर्भपात के जोखिम
- उम्र का असर - 35 साल के बाद गर्भपात का खतरा ज्यादा होता है।
- भ्रूण में जीन या क्रोमैटिक विकलांगता का मुख्य करण है।
- स्वास्थ्य समस्या - उच्च रक्तचाप, थायरॉयड, या रक्तचाप जैसी समस्याएं जैसे गर्भपात का खतरा खराब होता है।
- मानसिक और सामाजिक दबाव - मानसिक तनाव और इसके खतरे को बढ़ा सकती है।
- अंधविश्वास की आदतें - धूम्रपान, शराब और आदिवासी औषधियों का सेवन से गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है।
- गर्भाधान से संबंधित समस्याएँ - फ़्रैंचाइज़ी अपार्टमेंट या स्ट्रक्चरल स्ट्रक्चरल गर्भपात का कारण बन सकते हैं
- स्वास्थ्य जांच कराएं
- हार्मोनल सप्लीमेंट्स
- गर्भाशय की देखभाल
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
- खराब आदतों से बचें
गर्भपात किसी महिला और उसके परिवार के दर्द और चुनाव का वक्त होता है। ये जरूरी है कि हम गर्भपात से जुड़े लक्षण, करणो, खतरों और उपचारों को पढ़े और समझे, ताकि ये मुश्किल समय में हमें सही फैसला लेने में मदद मिल सके और खुद को तैयार कर सके। अगर आप डॉक्टर से सलाह लें और मानसिक स्थिति के लिये परिवार और दोस्तों की सहायता लें। सही इलाज और आदर्श समर्थन से इस कठिन घड़ी से सीखना आसान हो सकता है।
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