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​प्रेग्नेंसी में डुअल मार्कर टेस्ट  (dual marker test in pregnancy)

​प्रेग्नेंसी में डुअल मार्कर टेस्ट (dual marker test in pregnancy)

Gynecologist & IVF Specialist, Vinsfertility Hospital 18+ Years Experience • 1,000+ Successful Live Births

गर्भावस्था एक खूबसूरत सफर होता है, लेकिन इसमें माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए कई महत्वपूर्ण परीक्षण भी किए जाते हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण जांच है डुअल मार्कर टेस्ट, जो भ्रूण में किसी भी क्रोमोसोमल असमानता (जैसे डाउन सिंड्रोम और एडवर्ड्स सिंड्रोम) का पता लगाने में मदद करता है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि डुअल मार्कर टेस्ट क्या है, यह क्यों आवश्यक है, इसकी प्रक्रिया, सामान्य मानक और परिणामों का क्या अर्थ होता है।

डुअल मार्कर टेस्ट क्या है?

डुअल मार्कर टेस्ट (जिसे फर्स्ट ट्राइमेस्टर स्क्रीनिंग टेस्ट भी कहा जाता है) एक रक्त परीक्षण है, जो गर्भावस्था के 9 से 13 सप्ताह के बीच किया जाता है। यह भ्रूण में डाउन सिंड्रोम (Trisomy 21) और एडवर्ड्स सिंड्रोम (Trisomy 18) जैसी आनुवंशिक समस्याओं का पता लगाने में मदद करता है।
  • टेस्ट में माँ के रक्त में दो महत्वपूर्ण तत्वों की जाँच की जाती है:
  • फ्री बीटा-hCG – जो प्लेसेंटा द्वारा निर्मित एक हार्मोन है।
  • PAPP-A (प्रेग्नेंसी-एसोसिएटेड प्लाज्मा प्रोटीन-ए) – एक प्रोटीन जो प्लेसेंटा के विकास से जुड़ा होता है।
इन दोनों तत्वों के स्तर अधिक या कम होने पर भ्रूण में किसी असामान्यता की संभावना हो सकती है।

डुअल मार्कर टेस्ट क्यों जरूरी है?

  • क्रोमोसोमल विकारों का पता लगाने के लिए – यह टेस्ट भ्रूण में डाउन सिंड्रोम और एडवर्ड्स सिंड्रोम जैसी समस्याओं की जांच करने में मदद करता है।
  • सुरक्षित और गैर-इनवेसिव – यह केवल खून की जांच होती है, जिससे माँ या बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता।
  • आगे की जाँच का संकेत – यदि परिणाम जोखिम भरे होते हैं, तो माता-पिता NIPT (नॉन-इनवेसिव प्रीनेटल टेस्ट) या अमनियोसेंटेसिस जैसी और अधिक विस्तृत जाँच करा सकते हैं।

किन महिलाओं को डुअल मार्कर टेस्ट करवाना चाहिए?

यह टेस्ट सभी गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक होता है, लेकिन विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है जिनमें:
  • माँ की उम्र 35 वर्ष से अधिक हो (क्योंकि इस उम्र में क्रोमोसोमल असमानताओं का जोखिम बढ़ जाता है)।
  • परिवार में आनुवंशिक विकारों का इतिहास हो
  • पहले के गर्भधारण में कोई आनुवंशिक समस्या रही हो
  • अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में कोई असमानता देखी गई हो

डुअल मार्कर टेस्ट की प्रक्रिया

  • चरण 1: यह टेस्ट गर्भावस्था के 9 से 13 सप्ताह के बीच डॉक्टर की सलाह पर किया जाता है।
  • चरण 2: माँ के शरीर से रक्त का नमूना लिया जाता है।
  • चरण 3: इस रक्त को hCG और PAPP-A स्तरों की जाँच के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है।
  • चरण 4: अधिक सटीकता के लिए इस टेस्ट को NT स्कैन (न्यूकल ट्रांसलूसेंसी स्कैन) के साथ मिलाकर देखा जाता है।

डुअल मार्कर टेस्ट के सामान्य मानक और परिणामों की व्याख्या

  • सामान्य जोखिम: यदि टेस्ट का परिणाम कम जोखिम दर्शाता है, तो इसका मतलब है कि बच्चे में क्रोमोसोमल असमानताओं की संभावना कम है।
  • उच्च जोखिम: यदि परिणाम में उच्च जोखिम दिखाया जाता है, तो डॉक्टर आगे की जाँच के लिए NIPT, अमनियोसेंटेसिस, या CVS (कोरियोनिक विलस सैंपलिंग) जैसी जांचें कराने की सलाह दे सकते हैं।
नोट: उच्च जोखिम का परिणाम यह साबित नहीं करता कि बच्चे को आनुवंशिक विकार है, लेकिन यह संकेत देता है कि आगे की विस्तृत जांच की आवश्यकता हो सकती है।

डुअल मार्कर टेस्ट से जुड़ी नवीनतम रिसर्च और अपडेट

  • अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स (ACOG) के अनुसार, डुअल मार्कर टेस्ट NT स्कैन के साथ मिलाकर किया जाए तो यह अधिक प्रभावी होता है।
  • हाल की एक स्टडी में पाया गया है कि NIPT (नॉन-इनवेसिव प्रीनेटल टेस्ट) डुअल मार्कर टेस्ट की तुलना में अधिक सटीक हो सकता है, लेकिन यह अधिक महंगा भी होता है।
  • WHO की सिफारिश है कि गर्भावस्था के पहले तिमाही में स्क्रीनिंग टेस्ट से समय पर निदान और उचित प्रबंधन में मदद मिलती है।

यदि डुअल मार्कर टेस्ट का परिणाम असामान्य आए तो क्या करें?

यदि आपके टेस्ट का परिणाम उच्च जोखिम दिखाता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप ये कदम उठा सकते हैं:
  • जेनेटिक काउंसलर से परामर्श लें, ताकि रिपोर्ट को सही से समझा जा सके।
  • अगले चरण के लिए NIPT, अमनियोसेंटेसिस, या CVS जैसी विस्तृत जाँच कराएं।
  • डॉक्टर की निगरानी में गर्भावस्था को सुरक्षित बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाएं।

निष्कर्ष

 डुअल मार्कर टेस्ट एक आवश्यक गर्भावस्था जांच है, जो आपके शिशु के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में मदद करता है।यह डाउन सिंड्रोम और अन्य आनुवंशिक समस्याओं की संभावनाओं की जाँच करता है, जिससे समय पर सही निर्णय लिया जा सकता है।
यदि आप IVF या हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी से गुजर रही हैं, तो Vinsfertility पर विशेषज्ञों से परामर्श लें और सही देखभाल प्राप्त करें।
गर्भावस्था में स्क्रीनिंग टेस्ट से जुड़े सभी सवालों के जवाब के लिए Vinsfertility से संपर्क करें!

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