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सर्वाइकल कैंसर क्यों होता है?

सर्वाइकल कैंसर क्यों होता है?

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सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर कैंसर है, जो गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) में असामान्य कोशिकाओं के अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है। यह कैंसर आमतौर पर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) संक्रमण के कारण विकसित होता है। इस ब्लॉग में हम सर्वाइकल कैंसर के कारण, लक्षण, निदान और उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

cervical cancer in hindi-सर्वाइकल कैंसर के कारण

  1. एचपीवी संक्रमण (HPV Infection) - यह वायरस यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है और सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण होता है।

  2. धूम्रपान (Smoking) - धूम्रपान करने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा अधिक होता है।

  3. प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी (Weak Immune System) - यदि किसी महिला की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, तो उसे इस कैंसर का खतरा अधिक हो सकता है।

  4. अनियमित या असुरक्षित यौन संबंध - एक से अधिक यौन साथी होने या असुरक्षित यौन संबंध बनाने से एचपीवी संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है।

  5. जेनेटिक फैक्टर (Genetic Factors) - यदि परिवार में किसी को पहले सर्वाइकल कैंसर हुआ है, तो अगली पीढ़ी में इसके होने की संभावना बढ़ सकती है।

महिलाओं में कैंसर के लक्षण

  1. मासिक धर्म के बीच या संभोग के बाद असामान्य रक्तस्राव।

  2. यौन संबंध बनाते समय दर्द या असुविधा महसूस होना।

  3. योनि से दुर्गंधयुक्त या असामान्य स्राव आना।

  4. पेशाब करने में जलन या दर्द महसूस होना।

  5. कमर, पैर, या पेल्विक क्षेत्र में दर्द रहना।

  6. अत्यधिक थकान, वजन घटना या भूख कम लगना।

    सर्वाइकल कैंसर पर नई जानकारी

  7. एचपीवी वैक्सीन का प्रभाव - हाल के अध्ययनों से पता चला है कि एचपीवी वैक्सीन लेने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की घटनाएं 80% तक कम हो रही हैं।

  8. नई स्क्रीनिंग तकनीकें - पैप स्मीयर की जगह अब हाई-रिस्क एचपीवी टेस्ट को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे कैंसर की पहचान अधिक सटीकता से हो रही है।

  9. इम्यूनोथेरेपी का विकास - FDA ने हाल ही में कैंसर के एडवांस स्टेज के लिए इम्यूनोथेरेपी को मंजूरी दी है, जिससे मरीजों को अधिक प्रभावी उपचार मिल रहा है।

  10. टीकाकरण दरों में गिरावट - कुछ देशों में एचपीवी वैक्सीन की कम दरें चिंता का विषय बन रही हैं, जिससे सरकारें टीकाकरण कार्यक्रमों को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही हैं।

  11. कैंसर की जागरूकता बढ़ रही है - अब स्वास्थ्य संगठनों द्वारा सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और जागरूकता बढ़ाने के लिए अधिक प्रयास किए जा रहे हैं।

सर्वाइकल कैंसर का निदान

  1. पैप स्मीयर टेस्ट (Pap Smear Test) - यह टेस्ट सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती पहचान के लिए किया जाता है।

  2. एचपीवी टेस्ट (HPV Test) - यह जांच यह निर्धारित करने में मदद करती है कि महिला के शरीर में एचपीवी वायरस मौजूद है या नहीं।

  3. कोलपोस्कोपी (Colposcopy) - यदि पैप स्मीयर टेस्ट में कोई असामान्यता पाई जाती है, तो डॉक्टर कोलपोस्कोपी की सलाह दे सकते हैं।

  4. बायोप्सी (Biopsy) - यदि कैंसर की संभावना अधिक हो, तो बायोप्सी के माध्यम से कैंसर की पुष्टि की जाती है।

  5. इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests) - कैंसर का पता लगाने के लिए एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्स-रे जैसी इमेजिंग तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

सर्वाइकल कैंसर के उपचार

  1. सर्जरी (Surgery) - यदि कैंसर शुरुआती चरण में हो, तो गर्भाशय ग्रीवा को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।

  2. कीमोथैरेपी (Chemotherapy) - यह दवाओं के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने की प्रक्रिया है।

  3. रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy) - उच्च ऊर्जा किरणों का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।

  4. टार्गेटेड थेरेपी (Targeted Therapy) - यह थेरेपी उन कोशिकाओं को टार्गेट करती है, जो कैंसर के विकास में सहायक होती हैं।

  5. इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) - शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करके कैंसर से लड़ने में मदद की जाती है।

सर्वाइकल कैंसर के लिए प्रोग्नोसिस

यह विषय सर्वाइकल कैंसर के संभावित परिणामों और दीर्घकालिक प्रभावों की चर्चा करता है।

  1. सर्वाइकल कैंसर के चरण (Stages of Cervical Cancer) - कैंसर किस स्टेज में है, यह इसकी गंभीरता और इलाज की सफलता दर को प्रभावित करता है। शुरुआती चरण में उपचार के बेहतर परिणाम होते हैं।

  2. ओपन सर्जरी (Open Surgery) बनाम लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) - पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में रिकवरी जल्दी होती है, लेकिन किस सर्जरी का चयन किया जाए, यह कैंसर के स्तर पर निर्भर करता है।

  3. कैंसर के वापस आने की संभावना (Risk of Recurrence) - यदि कैंसर उच्च चरण में है, तो इसके पुनः वापस आने की संभावना अधिक होती है। समय पर उपचार और फॉलो-अप जांच इस जोखिम को कम करने में सहायक होती है।

  4. लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना (Survival Rate) - शुरुआती चरण के सर्वाइकल कैंसर में इलाज के बाद 5 वर्षों तक जीवित रहने की संभावना 90% से अधिक होती है, जबकि उन्नत चरणों में यह दर घट सकती है।

  5. जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes) - उपचार के बाद स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, नियमित जांच कराना और धूम्रपान जैसी आदतों से बचना, कैंसर के दोबारा होने की संभावना को कम करता है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

  1. सर्वाइकल कैंसर होने का मुख्य कारण क्या है?

    • मुख्य रूप से एचपीवी संक्रमण इसका प्रमुख कारण है।

  2. सर्वाइकल कैंसर के लिए कौन सा टेस्ट किया जाता है?

    • पैप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी टेस्ट।

  3. क्या सर्वाइकल कैंसर से अचानक मौत हो सकती है?

    • यदि कैंसर अंतिम चरण में हो और उपचार न हो, तो यह घातक हो सकता है।

  4. सर्वाइकल कैंसर कितना खतरनाक है?

    • यह शुरुआती चरण में ठीक हो सकता है, लेकिन उन्नत अवस्था में घातक हो सकता है।

  5. सर्वाइकल कैंसर स्टेज 4 क्या है?

    • यह कैंसर का अंतिम और सबसे गंभीर चरण होता है, जिसमें कैंसर शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है।

  6. सर्वाइकल कौन सी बीमारी होती है?

    • यह गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर है।

  7. सर्वाइकल की बीमारी में क्या खाना चाहिए?

    • हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त आहार।

  8. सर्वाइकल कैंसर का टीका कितने का आता है?

    • यह 2000 से 4000 रुपये प्रति डोज हो सकता है, स्थान और ब्रांड के आधार पर।

  9. सर्वाइकल कौन सा डॉक्टर देखता है?

    • गाइनेकोलॉजिस्ट और ऑन्कोलॉजिस्ट।

  10. सर्वाइकल कैंसर का हिंदी में क्या अर्थ है?

    • गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर।

  11. कैंसर किस उम्र में होता है?

    • यह 30-50 वर्ष की महिलाओं में अधिक पाया जाता है।

निष्कर्ष

सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर लेकिन रोके जाने योग्य बीमारी है। समय पर जांच, एचपीवी वैक्सीन और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस बीमारी के जोखिम को कम किया जा सकता है। महिलाओं को नियमित रूप से पैप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी टेस्ट कराना चाहिए, जिससे शुरुआती चरण में इसका पता लगाया जा सके और समय पर उपचार किया जा सके।

स्वास्थ्य ही जीवन है, अपना ध्यान रखें और सुरक्षित रहें!

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