
अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी पर क्या असर पड़ता है?
“क्या मैं फिर से मां बन पाऊंगी?”
“अबॉर्शन से मेरी फर्टिलिटी पर कोई असर तो नहीं पड़ेगा?”
अगर आपके मन में भी ये सवाल उठते हैं, तो आप अकेली नहीं हैं। हर साल लाखों महिलाएं अबॉर्शन करवाती हैं कुछ मेडिकल कारणों से और कुछ निजी फैसलों के चलते। लेकिन इसके बाद मन में डर और चिंता होना स्वाभाविक है।
आइए समझते हैं कि अबॉर्शन के बाद महिला की फर्टिलिटी यानी मां बनने की क्षमता पर क्या असर पड़ता है, और किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है।
घबराने की ज़रूरत नहीं है अबॉर्शन हमेशा स्थायी असर नहीं डालता
अगर सुरक्षित और मेडिकल गाइडलाइन के अनुसार अबॉर्शन किया गया है, तो आमतौर पर महिला की फर्टिलिटी पर कोई लंबा असर नहीं पड़ता।
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ज्यादातर महिलाएं कुछ ही हफ्तों बाद ओवुलेट करने लगती हैं।
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इसका मतलब है कि अबॉर्शन के 2 से 6 हफ्तों के बीच महिला फिर से गर्भधारण कर सकती है।
किन मामलों में असर पड़ सकता है?
हालांकि, कुछ स्थितियों में फर्टिलिटी पर असर हो सकता है:
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बार-बार अबॉर्शन हुने से यूटेरस की लाइनिंग कमजोर हो सकती है।
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असुरक्षित या बिना डॉक्टरी निगरानी में अबॉर्शन करवाने से इंफेक्शन, यूटेराइन डैमेज या हार्मोनल असंतुलन हो सकता है।
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किसी गंभीर कॉम्प्लिकेशन जैसे भारी ब्लीडिंग या यूटेराइन परफोरेशन के मामलों में आगे की प्रेग्नेंसी पर असर पड़ सकता है।
फर्टिलिटी को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें?
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अबॉर्शन के बाद अपने शरीर को भरपूर आराम दें।
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खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक होने का समय दें।
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जब आपके पीरियड्स दोबारा नियमित हो जाएं, तभी अगली प्रेग्नेंसी के बारे में सोचें।
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हेल्दी खाना खाएं, स्ट्रेस कम करें और समय-समय पर चेकअप करवाएं ताकि हार्मोन संतुलित रहें।
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अगर 3 से 6 महीने तक कोशिश करने के बाद भी प्रेग्नेंसी नहीं हो रही है, तो बिना देर किए फर्टिलिटी एक्सपर्ट से सलाह लें।
कुछ ज़रूरी बातें हर महिला के लिए
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अबॉर्शन एक बहुत पर्सनल डिसीजन होता है, किसी महिला को शर्मिंदा करने की नहीं, समझने की ज़रूरत होती है।
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फिजिकल और मेंटल हेल्थ का ध्यान भी ज़रूरी है।
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सही जानकारी और डॉक्टर की सलाह लेकर चलें यही भविष्य के लिए सबसे सुरक्षित रास्ता है।
फर्टिलिटी एक्सपर्ट से कब संपर्क करें?
अगर अबॉर्शन के 6 महीने बाद तक भी गर्भधारण नहीं हो रहा है, या आपके पीरियड्स अनियमित हो गए हैं, तो तुरंत फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से सलाह लें।
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निष्कर्ष
अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी पर असर जरूर पड़ सकता है, लेकिन ज़्यादातर मामलों में ये असर स्थायी नहीं होता।
जरूरत है सही जानकारी, प्रोफेशनल गाइडेंस और खुद से प्यार करने की। फर्टिलिटी से जुड़ी सही सलाह और ट्रीटमेंट के लिए आज ही Vinsfertility वेबसाइट पर जाएं जो भारत का सबसे भरोसेमंद सेंटर है।
सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या अबॉर्शन के बाद महिला मां बन सकती है?
हाँ, अगर अबॉर्शन सही तरीके से और बिना किसी कॉम्प्लिकेशन के हुआ हो तो महिला दोबारा आसानी से प्रेग्नेंट हो सकती है।
2. अबॉर्शन के बाद कितने समय बाद प्रेग्नेंसी की कोशिश करनी चाहिए?
कम से कम 1-2 महीने बाद, जब पीरियड्स नॉर्मल हो जाएं और शरीर पूरी तरह रिकवर हो जाए। डॉक्टर की सलाह लेना ज़रूरी है।
3. क्या बार-बार अबॉर्शन करने से फर्टिलिटी पर असर पड़ता है?
हाँ, बार-बार अबॉर्शन करने से गर्भाशय को नुकसान हो सकता है और आगे चलकर प्रेग्नेंसी में दिक्कत आ सकती है।
4. क्या अबॉर्शन के बाद इंफेक्शन फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है?
बिलकुल, अगर अबॉर्शन के बाद इंफेक्शन हो जाए और समय पर इलाज न हो, तो वह फर्टिलिटी को नुकसान पहुँचा सकता है।
5. अगर अबॉर्शन के बाद लंबे समय तक प्रेग्नेंसी न हो तो क्या करें?
अगर 3-6 महीने तक कोशिश के बाद भी प्रेग्नेंसी न हो, तो किसी फर्टिलिटी एक्सपर्ट या गायनोकॉलोजिस्ट से ज़रूर मिलें।
6. अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी बनाए रखने के लिए क्या करें?
• हेल्दी डाइट लें
• स्ट्रेस कम करें
• रेगुलर मेडिकल चेकअप कराएं
• संक्रमण से बचें
• डॉक्टर की सलाह मानें