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पीरियड के चौथे दिन संबंध बनाने से क्या होता है? | प्रेगनेंसी संभावना | फायदे और सावधानियाँ

पीरियड के चौथे दिन संबंध बनाने से क्या होता है? | प्रेगनेंसी संभावना | फायदे और सावधानियाँ

Gynecologist & IVF Specialist, Vinsfertility Hospital 18+ Years Experience • 1,000+ Successful Live Births

पीरियड के चौथे दिन संबंध बनाने से क्या होता है? यह सवाल कई महिलाओं के मन में होता है क्योंकि पीरियड्स के दौरान सेक्स को लेकर बहुत सारी गलतफहमियां और जिज्ञासाएं होती हैं। मासिक धर्म महिलाओं की प्राकृतिक प्रजनन प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन इस दौरान या उसके आसपास यौन संबंध बनाना अभी भी कई लोगों के लिए एक संवेदनशील और कम समझा गया विषय है।
खासकर जब बात चौथे दिन की आती है, तो यह जानना बेहद ज़रूरी हो जाता है कि क्या यह दिन सुरक्षित होता है, क्या इससे गर्भधारण की संभावना होती है, और इससे शरीर या संबंधों पर क्या असर पड़ सकता है।
 

अगर आप बार-बार गर्भ ठहरने में असफल हो रही हैं या हार्मोनल असंतुलन, पीरियड से जुड़ी अनियमितताएं या अन्य फर्टिलिटी समस्याओं से जूझ रही हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि आपको उन्नत फर्टिलिटी उपचार की ज़रूरत है। ऐसे मामलों में IVF या सरोगेसी जैसी तकनीकों से काफी मदद मिलती है। अगर आप भारत में सरोगेसी के विकल्प तलाश रही हैं, तो आपको पहले यह जानना जरूरी है कि भारत में सरोगेसी की लागत कितनी होती है। साथ ही, यदि आप किसी बड़े शहर में सरोगेसी कराना चाहती हैं, तो बैंगलोर में सरोगेसी की कीमत और सर्वोत्तम विकल्प आपके लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

 

पीरियड के चौथे दिन महिला के शरीर में क्या होता है?

आमतौर पर पीरियड्स 3 से 7 दिन तक चलते हैं। चौथा दिन वो समय होता है जब शरीर धीरे-धीरे नॉर्मल होने लगता है। आइए समझते हैं कि इस दिन शरीर में क्या-क्या बदलाव होते हैं:

  • ब्लीडिंग बहुत हल्की हो जाती है या बंद होने के करीब होती है।

  • गर्भ की पुरानी परत (लाइनिंग) धीरे-धीरे साफ हो रही होती है।

  • अब नई परत बननी शुरू हो जाती है, जो अगली बार गर्भधारण की तैयारी के लिए जरूरी होती है।

  • शरीर में मौजूद हार्मोन, जो पीरियड के कारण गड़बड़ हो गए थे, अब फिर से संतुलित होने लगते हैं।

इस वक्त बहुत सी महिलाओं को थोड़ा हल्कापन और आराम महसूस होता है। साथ ही, कुछ महिलाओं को थोड़ी यौन इच्छा भी महसूस हो सकती है, जो एक सामान्य बात है।
 

पीरियड के चौथे दिन संबंध बनाने के फायदे

  1. प्रेगनेंसी का खतरा कम होता है:
    इस दिन ओवुलेशन (अंडा छोड़ने की प्रक्रिया) नहीं होती, इसलिए गर्भ ठहरने की संभावना काफी कम होती है।

  2. यौन इच्छा बढ़ सकती है:
    हार्मोन में बदलाव के कारण कुछ महिलाओं को इस समय सेक्स करने की इच्छा ज्यादा महसूस होती है।

  3. मासिक दर्द में आराम:
    ऑर्गैज़्म के दौरान शरीर में एंडॉर्फिन नाम के हार्मोन निकलते हैं, जो पीरियड के दर्द और मूड को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

  4. भावनात्मक नजदीकी बढ़ती है:
    इस समय संबंध बनाने से कपल्स के बीच समझदारी और प्यार का रिश्ता और मजबूत होता है।

 

पीरियड के चौथे दिन संबंध बनाने के नुकसान

  1. इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है:
    इस समय गर्भाशय का रास्ता थोड़ा खुला होता है, जिससे बैक्टीरिया या संक्रमण शरीर में आसानी से प्रवेश कर सकता है।

  2. भावनात्मक या सामाजिक असुविधा:
    कई कपल्स को इस समय यौन संबंध बनाने में मानसिक या भावनात्मक असहजता महसूस होती है।

  3. ब्लीडिंग की वजह से परेशानी:
    अगर ब्लीडिंग अभी भी हल्की चल रही हो, तो इससे संबंध के दौरान गंदगी या असुविधा हो सकती है।

पीरियड के चौथे दिन संबंध बनाने से क्या होता है?

क्या पीरियड के चौथे दिन प्रेगनेंसी हो सकती है?

तकनीकी तौर पर, पीरियड के चौथे दिन प्रेगनेंसी की संभावना कम होती है, लेकिन इसे पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता।

  • अगर महिला का मासिक चक्र छोटा हो, जैसे 21 से 24 दिन का, तो ओवुलेशन जल्दी हो सकता है, आमतौर पर 9वें या 10वें दिन।

  • शुक्राणु महिला के शरीर में लगभग 3 से 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं।

  • इसका मतलब यह है कि अगर चौथे दिन यौन संबंध होते हैं और ओवुलेशन 9वें दिन होता है, तो गर्भधारण हो सकता है।

इसलिए, यदि आप गर्भधारण से बचना चाहते हैं, तो इस समय कंडोम या अन्य गर्भनिरोधक उपायों का इस्तेमाल करना जरूरी है।
 

क्या पीरियड के चौथे दिन संबंध बनाना सुरक्षित है?

सामान्य तौर पर, पीरियड के चौथे दिन संबंध बनाना सुरक्षित हो सकता है, लेकिन कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है:

  1. सुरक्षा का इस्तेमाल करें:
    इस दौरान सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STI) का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए हमेशा कंडोम का उपयोग करें।

  2. हाइजीन का खास ध्यान रखें:
    दोनों पार्टनर्स को संबंध बनाने से पहले और बाद में सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए ताकि संक्रमण से बचा जा सके।

  3. आपसी सहमति और आराम:
    इस समय शरीर और मन दोनों थोड़े संवेदनशील होते हैं। इसलिए सिर्फ तभी संबंध बनाएं जब दोनों पार्टनर पूरी तरह सहज और तैयार हों।

  4. डार्क टॉवल या बेडशीट का इस्तेमाल करें:
    ब्लीडिंग की वजह से असुविधा हो सकती है, इसलिए गंदगी से बचने के लिए काले रंग के टॉवल या बेडशीट का उपयोग करना अच्छा रहता है।

     

SOURCE:

https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/sexually-transmitted-infections-(stis)
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK500020/


निष्कर्ष

पीरियड के चौथे दिन संबंध बनाना पूरी तरह से व्यक्तिगत पसंद और शरीर की स्थिति पर निर्भर करता है। यह जरूरी नहीं कि हर महिला या कपल को इसका अनुभव एक जैसा हो। यदि आप दोनों पार्टनर सहज हैं और साफ-सफाई व सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं, तो यह समय सुरक्षित और भावनात्मक रूप से जुड़ने वाला हो सकता है। इसलिए, अपने शरीर की सुनें और समझदारी से फैसला लें कि पीरियड के चौथे दिन संबंध बनाना आपके लिए सही है या नहीं।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1.पीरियड के पांचवें दिन रिलेशन बनाने से क्या होता है?
पीरियड के 5वें दिन अगर अंडोत्सर्जन नहीं हुआ है, तो गर्भधारण की संभावना कम होती है, लेकिन स्पर्म 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं, इसलिए यह पूरी तरह सुरक्षित नहीं होता।

Q2. पीरियड के 3 दिन बाद संबंध बनाने से क्या होता है?
पीरियड के 3 दिन बाद संबंध बनाने पर यदि महिला का ओवुलेशन जल्दी हो रहा हो तो गर्भधारण की संभावना बन सकती है।

Q3. पीरियड में रोमांस करने से क्या होता है?
पीरियड के दौरान संबंध बनाने से गर्भधारण की संभावना बहुत कम होती है, लेकिन संक्रमण का खतरा थोड़ा अधिक होता है।

Q4. पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाने से बेटा होता है?
शेटल्स मेथड के अनुसार, ओवुलेशन के दिन या उसके 1–2 दिन बाद संबंध बनाने से बेटा होने की संभावना अधिक मानी जाती है।

Q5. गर्भधारण के लिए पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए?
ओवुलेशन (अंडोत्सर्जन) पीरियड के 12–16 दिन बाद होता है, तो पीरियड के 10वें से 16वें दिन के बीच संबंध बनाना गर्भधारण के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है।
 

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