
पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता?
एक पुरुष के स्पर्म, जिसे वीर्य भी कहा जाता है, की गुणवत्ता और मात्रा बच्चे के गर्भधारण में एक अहम भूमिका निभाती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के हिसाब से, एक स्वस्थ पुरुष के वीर्य में कुछ निश्चित खूबियाँ होनी चाहिए जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाए:
1. स्पर्म काउंट (शुक्राणुओं की गिनती):
• सामान्य स्पर्म काउंट: एक मिलीलीटर वीर्य में तकरीबन 15 मिलियन (1. 5 करोड़) से ज्यादा शुक्राणु होने चाहिए।• कुल स्पर्म काउंट: एक बार के स्खलन में लगभग 39 मिलियन (3. 9 करोड़) से ज्यादा शुक्राणु मौजूद होने चाहिए।
2. स्पर्म मोटिलिटी (गति करने की क्षमता):
• कम से कम 40% शुक्राणु एक्टिव (मोटाइल) हालत में होने चाहिए।
• 32% से अधिक शुक्राणु आगे की तरफ तेजी से बढ़ने वाले (प्रोग्रेसिव मोटाइल) होने चाहिए।
3. स्पर्म मॉर्फोलॉजी (आकृति):
• तकरीबन 4% शुक्राणु सामान्य आकृति (आकार) के होने जरूरी हैं।
4. वीर्य की मात्रा (वॉल्यूम):
• एक बार के स्खलन में 1. 5 मिलीलीटर से ज्यादा वीर्य की मात्रा होनी चाहिए।
5. पीएच (pH लेवल):
• वीर्य का पीएच 7. 2 से 8. 0 के बीच होना बेहतर है (हल्का क्षारीय)।
क्या होगा अगर स्पर्म काउंट कम रहा तो?
स्पर्म काउंट अगर कम है (ओलिगोस्पर्मिया) या फिर शुक्राणु की गुणवत्ता ठीक नहीं है, तो नेचुरल तरीके से गर्भधारण में मुश्किल आ सकती है। ऐसे हालात में डॉक्टर कुछ सलाह दे सकते हैं:• खानपान और रहन-सहन को बेहतर बनाना (जैसे स्मोकिंग छोड़ना, शराब कम करना, विटामिन और जिंक वाले फूड्स खाना)।
• मेडिकल ट्रीटमेंट (हार्मोन थेरेपी या दवाइयाँ लेना)।
• आईवीएफ (IVF) या आईयूआई (IUI) जैसे सहायक प्रजनन तकनीक का इस्तेमाल करना।
निष्कर्ष यह है कि:
एक स्वस्थ पुरुष में प्रति मिलीलीटर 15 मिलियन से अधिक एक्टिव शुक्राणु होने चाहिए, जिनमें से 40% से ज्यादा गतिशील हों। अगर आपको गर्भधारण में कोई परेशानी आ रही है, तो सेमिनल एनालिसिस (वीर्य की जाँच) करवाना चाहिए।
किसी भी तरह की चिंता के लिए फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट यानी प्रजनन विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।