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1 महीने से पीरियड नहीं आया तो क्या करें

1 महीने से पीरियड नहीं आया तो क्या करें

 
मासिक धर्म का नियमित आना एक स्वस्थ शरीर की निशानी होती है, कई महिलाओं को कभी न कभी मासिक धर्म रुका हुआ या देर से आता है। मासिक धर्म का रुकना या देर से आना किसी भी महिला को प्रभावित कर सकता है। अधिकांशतः इसमें चिंता की कोई बात नहीं होती, लेकिन किसी भी स्थिति में डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
पीरियड मिस होने का मुख्य कारण गर्भवती होना है लेकिन कभी-कभी यह कई अन्य कारणों से भी हो सकता है जैसे हॉर्मोन बदलाव , खान पान में बदलाव , तनाव वगैरह। अगर आपको 1 महीने से पीरियड नहीं आया है, तो घबराने की बजाय इसके पीछे के कारणों को समझें और सही उपाय अपनाएं।
 

पीरियड्स मिस होने के कारण

गर्भावस्था- अगर आप शादीशुदा हैं और यौन संबंध बना चुकी हैं, तो गर्भावस्था एक प्रमुख कारण हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान मासिक धर्म रुक सकता है, इसलिए सबसे पहले आपको प्रेगनेंसी टेस्ट करवाना चाहिए, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।
 
हार्मोनल असंतुलन – एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का असंतुलन पीरियड्स को अनियमित कर सकता है।
 
तनाव और मानसिक स्वास्थ्य – अत्यधिक तनाव, नींद की कमी और अनियमित दिनचर्या पीरियड लेट कर सकती है।
 
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)- जब AFAB वाले लोगों में पुरुष हार्मोन (एंड्रोजन) का उच्च स्तर होता है, तो उन्हें पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)का निदान किया जा सकता है। हार्मोनल असंतुलन के कारण, सिस्ट (द्रव की असामान्य जेब) अक्सर अंडाशय पर बनते हैं और ओव्यूलेशन को रोकते हैं।
 
थायरॉइड की समस्या – हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म दोनों ही पीरियड को प्रभावित कर सकते हैं।
 
अचानक वजन में बदलाओ - बहुत अधिक वजन बढ़ना या घटना हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकता है।
 
बहुत ज़्यादा व्यायाम करना- जरूरत से ज्यादा वर्कआउट करने से हार्मोन प्रभावित हो सकते हैं, जिससे पीरियड अनियमित हो सकते हैं।
 
अनियमित खानपान – जंक फूड और पोषण की कमी से हार्मोन असंतुलित हो सकते हैं।
 
गर्भनिरोधक गोली लेना- कुछ महिलाओं में गर्भनिरोधक दवाओं के कारण पीरियड्स में देरी हो सकती है।
 
स्तनपान
 

क्या करें अगर एक महीने से पीरियड नहीं आया?

अगर आपके पीरियड्स में एक महीने से ज्यादा की देरी हो रही है, तो आपको घबराने की बजाय कुछ सरल कदम उठाने चाहिए। यह स्थिति कई कारणों से हो सकती है, और यहां कुछ ऐसे तरीके हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं:
 
1. प्रेग्नेंसी टेस्ट करें
सबसे पहले, घर पर प्रेग्नेंसी किट से टेस्ट करें। अगर रिजल्ट पॉजिटिव आता है, तो आपको गर्भवती होने की संभावना हो सकती है। इस स्थिति में डॉक्टर से मिलकर सही सलाह लें और आगे की प्रक्रिया समझें।
 
2. तनाव कम करें
मानसिक और शारीरिक तनाव पीरियड्स को अनियमित बना सकता है। इसलिए अपनी दिनचर्या में मेडिटेशन, योग और आराम को शामिल करें। अच्छी नींद से भी मानसिक शांति मिलती है, जिससे हॉर्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।
 
3. संतुलित आहार लें
पौष्टिक आहार जैसे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। यह आपके शरीर को जरूरी पोषण देता है, जिससे पीरियड्स नियमित रह सकते हैं। आयरन और विटामिन B12 से भरपूर आहार, जैसे हरी पत्तेदार सब्जियाँ और मांसाहारी उत्पाद, रक्तचाप को स्थिर बनाए रखते हैं।
 
4. व्यायाम को संतुलित करें
हल्का व्यायाम जैसे योग, तेज़ चलना या साइकिल चलाना शरीर को सक्रिय बनाए रखता है और पीरियड्स को नियमित कर सकता है। हालांकि, अत्यधिक व्यायाम से बचें, क्योंकि यह हॉर्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है।
 
5. धूम्रपान और शराब से बचें
धूम्रपान और शराब का सेवन हॉर्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है, जो पीरियड्स में देरी का कारण हो सकता है। इसलिए इन आदतों से बचना जरूरी है।
 
6. कैफीन और जंक फूड से बचें
अत्यधिक कैफीन और जंक फूड भी हॉर्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकते हैं। इनसे परहेज करें ताकि आपके पीरियड्स सही समय पर आ सकें।
 
7. मासिक धर्म ट्रैक करें
अपने पीरियड्स को ट्रैक करने के लिए किसी ऐप या डायरी का उपयोग करें। इससे आपको अपनी माहवारी की स्थिति के बारे में सही जानकारी मिलेगी और आप असामान्यता को जल्दी पहचान सकती हैं।
 
8. डॉक्टर से सलाह लें
अगर ऊपर दिए गए उपायों के बावजूद भी पीरियड्स में कोई असामान्यता बनी रहती है, तो यह समय है कि आप डॉक्टर से मिलें। कभी-कभी PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम), थायरॉयड विकार, या हॉर्मोनल असंतुलन जैसे स्वास्थ्य समस्याएं पीरियड्स को प्रभावित कर सकती हैं। डॉक्टर से सही जांच करवाकर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती हैं।
 

क्या खाने से पीरियड आता है

अगर आपके पीरियड्स में देरी हो रही है और आप उन्हें प्राकृतिक तरीके से लाना चाहती हैं, तो कुछ घरेलू उपाय मदद कर सकते हैं। यहां कुछ सरल और असरदार उपाय दिए गए हैं, जिन्हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं:

1. अदरक और गुड़ की चाय

अदरक शरीर को अंदर से गर्म करता है और गुड़ पीरियड्स को नियमित करने में मदद करता है। यह चाय पीने से शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है और पीरियड्स जल्दी आ सकते हैं।

2. पपीता और अनानास

पपीता और अनानास जैसे फल मासिक धर्म को लाने में सहायक होते हैं, क्योंकि इनमें ऐसे एंजाइम होते हैं जो शरीर में हॉर्मोनल संतुलन बनाने में मदद करते हैं।

3. मेथी और अजवाइन का पानी

मेथी और अजवाइन का पानी शरीर को डिटॉक्स करता है और पीरियड्स को नियमित करने में मदद करता है। यह पेट के लिए भी फायदेमंद होता है।

4. हल्दी वाला दूध

हल्दी को दूध में डालकर पीने से शरीर अंदर से गर्म होता है और हॉर्मोन बैलेंस में मदद मिलती है, जो पीरियड्स को लाने में सहायक हो सकता है।

5. तिल और गुड़

तिल के बीज और गुड़ खाने से शरीर में गर्मी बढ़ती है, जो पीरियड्स को नियमित करने में मदद करता है। इसे अपने आहार में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।
 

संतुलित आहार जो पीरियड्स को नियमित करने में मदद कर सकता है

आपका आहार भी आपके पीरियड्स पर प्रभाव डाल सकता है। यहां कुछ खाद्य पदार्थ हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं:
 
1. फाइबर युक्त आहार
साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां और फल खाने से शरीर का डिटॉक्स होता है और पीरियड्स नियमित हो सकते हैं।
 
2. प्रोटीन युक्त आहार
दालें, बीन्स, पनीर, और नट्स हार्मोनल संतुलन बनाए रखते हैं, जिससे पीरियड्स नियमित हो सकते हैं।
 
3. आयरन और फोलिक एसिड
चुकंदर, अनार, पालक, और सूखे मेवे आयरन और फोलिक एसिड की कमी को दूर करते हैं, जो पीरियड्स को नियमित करने में मदद कर सकते हैं।
 
4. ओमेगा-3 फैटी एसिड
अलसी के बीज, अखरोट और मछली खाने से हार्मोनल संतुलन बेहतर होता है, जिससे पीरियड्स पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
 
5. हर्बल चाय
कैमोमाइल, दालचीनी और तुलसी की चाय पीने से मासिक धर्म को नियमित करने में मदद मिल सकती है
 

पीरियड्स पर स्वास्थ्य समस्याओं का प्रभाव

कई स्वास्थ्य समस्याएं ऐसी होती हैं, जो पीरियड्स को प्रभावित कर सकती हैं। अगर आप भी माहवारी में किसी तरह की असामान्यता महसूस कर रही हैं, तो यह जानकारी आपके लिए मददगार हो सकती है

1. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
PCOS एक सामान्य हॉर्मोनल असंतुलन है, जिसमें अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं। यह स्थिति महिलाओं में अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकती है।
 
2. थायरॉयड विकार(Thyroid)
थायरॉयड ग्रंथि शरीर के हॉर्मोनल संतुलन को नियंत्रित करती है। हाइपोथायरायडिज़म (थायरॉयड का कम काम करना) और हाइपरथायरायडिज़म (थायरॉयड का ज्यादा काम करना) दोनों ही पीरियड्स पर असर डाल सकते हैं।
 
3. यूटेराइन फाइब्रॉइड्स(Uterine Fibroids)
गर्भाशय में गांठों की उपस्थिति यानी यूटेराइन फाइब्रॉइड्स भी पीरियड्स पर असर डाल सकते हैं। इससे पीरियड्स के दौरान अधिक रक्तस्राव, दर्द और समय से पहले या बाद में रक्तस्राव हो सकता है। इन गांठों की वजह से गर्भधारण में भी मुश्किल हो सकती है।
 
4. डायबिटीज(Diabetes)
डायबिटीज यानी मधुमेह भी पीरियड्स को प्रभावित कर सकता है। यदि रक्त में शर्करा का स्तर अधिक है, तो यह हॉर्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहने पर आपके मासिक चक्र को प्रभावित कर सकती है।
 
5. उच्च रक्तचाप (Hypertension)
उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) भी पीरियड्स पर असर डाल सकता है। यह रक्त संचार और हॉर्मोनल संतुलन को प्रभावित करता है, जिसके कारण पीरियड्स में देरी हो सकती है।
 

पीरियड आने के संकेत

 
पीरियड्स (माहवारी) के दौरान महिलाओं को कुछ सामान्य लक्षण और संकेत होते हैं। इन लक्षणों को पहचानकर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर तरीके से समझ सकती हैं।
 
1. ऐंठन (Cramps)
पीरियड्स के दौरान पेट में हल्का या तेज ऐंठन होना सामान्य है। यह ऐंठन गर्भाशय के सिकुड़ने के कारण होता है।
 
2. रक्तस्राव (Bleeding)
पीरियड्स के दौरान रक्तस्राव का सामान्य स्तर 3-7 दिन तक होता है। अगर रक्तस्राव ज्यादा या कम हो, तो यह असामान्यता का संकेत हो सकता है।
 
3. मूड स्विंग्स (Mood Swings)
हॉर्मोनल बदलावों के कारण पीरियड्स के दौरान चिड़चिड़ापन, गुस्सा या उदासी महसूस हो सकती है।
 
4. थकान (Fatigue)
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को थकान महसूस हो सकती है, जिससे वे सुस्त और कमजोर महसूस करती हैं।
 
5. सिरदर्द (Headaches)
पीरियड्स के दौरान हल्का सिरदर्द सामान्य होता है।
 
6. पीठ दर्द (Back Pain)
पीरियड्स के दौरान निचली पीठ में दर्द हो सकता है।
 
7. स्तनों में सूजन (Breast Tenderness)
पीरियड्स से पहले और दौरान स्तनों में हलकी सूजन या दर्द हो सकता है
 

पीरियड मिस होने पर कब डॉक्टर से संपर्क करें –

ज्यादातर मामलों में, मासिक धर्म के मिस होने के पीछे की वजहें इलाज योग्य होती हैं। अपने पीरियड्स को ट्रैक करना ज़रूरी है, ताकि समय पर सही इलाज मिल सके। वे आपके लक्षणों की जांच करेंगे और ज़रूरत पड़ने पर कुछ परीक्षण भी करा सकते हैं।
 
अगर लगातार दो से तीन महीने तक पीरियड न आए।
 
अत्यधिक पेट दर्द या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हों।
 
पहले से पीसीओएस, थायरॉइड या अन्य हार्मोनल समस्याएं हों।
 

क्या भविष्य में कम पीरियड्स होने से कोई समस्या हो सकती है

पीरियड्स में बदलाव आना एक सामान्य बात हो सकती है, लेकिन अगर आपके पीरियड्स पहले से कम हो गए हैं या हल्के हो गए हैं, तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कई कारण हो सकते हैं, जिससे यह बदलाव आता है, और कभी-कभी यह आपकी सेहत से जुड़ी कुछ समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। तो चलिए, जानते हैं कि कम पीरियड्स होने पर क्या हो सकता है।
 
गर्भधारण में मुश्किलें(Difficulty Conceiving)
कम पीरियड्स का मतलब यह नहीं है कि आप गर्भवती नहीं हो सकतीं, लेकिन अगर आप लंबे समय से गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं और पीरियड्स बहुत हल्के हैं, तो यह ओवुलेशन में समस्याओं का संकेत हो सकता है। ओवुलेशन न होने की स्थिति में गर्भधारण मुश्किल हो सकता है।
 
पोषण की कमी(Nutritional Deficiencies)
अगर आपके शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो, तो भी पीरियड्स में बदलाव आ सकता है। खासकर आयरन और फोलिक एसिड जैसे तत्वों की कमी से पीरियड्स कम हो सकते हैं, और यह आपकी सेहत पर भी असर डाल सकता है।
 
गर्भाशय और अंडाशय से जुड़ी समस्याएं(Uterus or Ovarian Issues)
फाइब्रॉइड्स, सिस्ट या अन्य समस्याएं भी पीरियड्स को कम कर सकती हैं। यह अगर बिना इलाज के बढ़ता है तो और भी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
 

निष्कर्ष

अगर आपका पीरियड एक महीने से नहीं आया है, तो पहले कारण समझें और उसके अनुसार उपाय करें। घरेलू नुस्खों के साथ-साथ हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से भी मदद मिलती है। अगर समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा उपाय है।
 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

बिना प्रेग्नेंट हुए पीरियड कितना लेट हो सकता है?

पीरियड्स आमतौर पर 21 से 35 दिनों के बीच आते हैं, लेकिन कभी-कभी यह 5-7 दिन लेट हो सकते हैं। अगर यह ज्यादा देर तक लेट हो तो इसके पीछे कोई कारण हो सकता है।

रुके हुए पीरियड को कैसे चालू करें?

हॉर्मोनल उपचार
मानसिक तनाव कम करें
सही आहार और वजन बनाए रखें
डॉक्टर से सलाह लें यदि समस्या बनी रहे

महीने तक पीरियड ना आए तो क्या होता है?

अगर पीरियड एक महीने तक नहीं आते, तो यह गर्भावस्था, हॉर्मोनल असंतुलन, तनाव, या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।

अगर मेरा पीरियड 20 दिन लेट हो जाए तो मुझे क्या करना चाहिए?

1. गर्भावस्था परीक्षण करें
2. हॉर्मोनल असंतुलन की जांच करवाएं
3. मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करें
4. डॉक्टर से सलाह लें यदि समस्या बनी रहे

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